
श्रद्धालुओं को सस्ती और सुलभ सुविधाएं देने के लिए 100 आधुनिक आश्रय स्थलों का शुभारंभ
प्रयागराज, 8 दिसंबर। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार ने तीर्थयात्रियों की जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र में 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों और कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र की शुरुआत की। इन सार्वजनिक आश्रय स्थलों में कुल 25,000 बेड की व्यवस्था की गई है, जो आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इस परियोजना का उद्घाटन किया और महाकुंभ में आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों के लिए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में श्रद्धालुओं और साधु-संतों की भारी संख्या को ध्यान में रखते हुए सर्दी के कठोर मौसम में उनके ठहरने की व्यवस्था प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “ये सार्वजनिक आश्रय स्थल न केवल श्रद्धालुओं को सुरक्षित और आरामदायक ठहराव प्रदान करेंगे, बल्कि महाकुंभ के दौरान उनके अनुभव को बेहतर बनाएंगे।”
सार्वजनिक आश्रय स्थल: आधुनिक सुविधाओं के साथ सस्ते और सुलभ
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में लाखों तीर्थयात्रियों का आगमन होता है। इनमें से कई लोग होटलों या निजी शिविरों का खर्च नहीं उठा सकते और खुले स्थानों में समय बिताने को मजबूर होते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए, सरकार ने 250 बेड की क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का निर्माण किया है।
विशेषताएं:
1. आरामदायक बेड: प्रत्येक बेड पर गद्दे, तकिए और साफ चादरें उपलब्ध।
2. स्वच्छता और सुरक्षा: नियमित सफाई और 24×7 सुरक्षा की व्यवस्था।
3. शौचालय और स्नानघर: महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय।
4. पेयजल की व्यवस्था: स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता।
5. सस्ती दरें: सामान्य दिनों में 100 रुपये और मुख्य स्नान पर्व के दौरान 200 रुपये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुविधाएं उन तीर्थयात्रियों के लिए हैं, जो महंगे होटल और गेस्ट हाउस में नहीं रुक सकते। सार्वजनिक आश्रय स्थलों की यह पहल विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के तीर्थयात्रियों को ध्यान में रखते हुए की गई है।
शुल्क की सरल संरचना:
सामान्य दिनों में:
- पहले दिन का शुल्क: ₹100।
- दूसरे दिन का शुल्क: ₹200।
मुख्य स्नान पर्व के दौरान:
- पहले दिन का शुल्क: ₹200।
- दूसरे दिन का शुल्क: ₹400।
श्रद्धालु नकद या डिजिटल माध्यम (UPI) से भुगतान कर सकते हैं। भुगतान के बाद टिकट जारी किया जाएगा, जिससे व्यवस्था पारदर्शी और सरल होगी।
कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र की शुरुआत
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में तीर्थयात्रियों के गुम होने या उनके सामान के खोने की समस्या आम होती है। इसे हल करने के लिए मेला क्षेत्र में अत्याधुनिक कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का उद्घाटन किया गया। यह केंद्र डिजिटल तकनीक से सुसज्जित है और श्रद्धालुओं की समस्याओं का तुरंत समाधान प्रदान करेगा।
खोया-पाया केंद्र की विशेषताएं:
1. डिजिटल डाटा रिकॉर्डिंग: गुमशुदा व्यक्तियों और सामान की जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज होगी।
2. त्वरित समाधान: तीर्थयात्रियों को जल्द से जल्द सहायता प्रदान की जाएगी।
3. सुरक्षा: यह व्यवस्था मेला क्षेत्र को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह केंद्र मेला क्षेत्र में तीर्थयात्रियों के अनुभव को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाएगा। गुमशुदा लोगों और सामान की जानकारी को डिजिटल माध्यम से प्रबंधित करना महाकुंभ को प्रौद्योगिकी-संचालित आयोजन बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
महाकुंभ 2025: स्वच्छ, सुरक्षित और सुलभ आयोजन की प्रतिबद्धता
योगी सरकार महाकुंभ 2025 को स्वच्छ, सुरक्षित और सुलभ बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके तहत सड़कों, पेयजल, सार्वजनिक परिवहन, और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण पहल:
1. गंगा सफाई अभियान: नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं।
2. परिवहन व्यवस्था: मेला क्षेत्र तक पहुंचने के लिए विशेष ट्रेनों और बसों का संचालन।
3. सुरक्षा: मेला क्षेत्र में पुलिस बल और निगरानी कैमरों की तैनाती।
4. स्वास्थ्य सेवाएं: अस्थायी अस्पतालों और चिकित्सा शिविरों की स्थापना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने का भी अवसर है। उन्होंने कहा, “महाकुंभ हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है। इसके माध्यम से हम भारत की परंपराओं और मूल्यों को वैश्विक स्तर पर पेश करेंगे।
महाकुंभ 2025 की अन्य योजनाएं
महाकुंभ 2025 के आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने के लिए कई अन्य परियोजनाओं पर भी काम किया जा रहा है।
1. पर्यावरण संरक्षण: प्लास्टिक-मुक्त महाकुंभ के लिए जागरूकता अभियान।
2. स्मार्ट सिटी परियोजना: प्रयागराज को विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस करना।
3. विशेष तीर्थयात्री कार्ड: आगंतुकों के लिए पहचान पत्र और ट्रैकिंग सिस्टम।
4. सांस्कृतिक कार्यक्रम: महाकुंभ के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजनों की योजना।
प्रभात भारत विशेष
महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार की पहलें यह साबित करती हैं कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रौद्योगिकी के समन्वय का प्रतीक होगा। सार्वजनिक आश्रय स्थलों और कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र की शुरुआत तीर्थयात्रियों की यात्रा को आरामदायक, सुरक्षित और यादगार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ को न केवल एक सफल आयोजन बनाने के लिए, बल्कि भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान को सुदृढ़ करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। श्रद्धालुओं को सस्ती, सुलभ और सुरक्षित सुविधाएं प्रदान कर यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने का माध्यम बनेगा।