
मुंबई 10 अक्टूबर। भारत के सुप्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया। उन्होंने टाटा समूह को एक बेहतरीन और वैश्विक ब्रांड बनाने में जो योगदान दिया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। लेकिन रतन टाटा सिर्फ एक अरबपति नहीं थे; वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपने नेतृत्व और दानशीलता के जरिए भारतीय समाज और करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का कार्य किया। यही कारण है कि उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। उन्हें न केवल उनके व्यावसायिक योगदान के लिए बल्कि उनकी संयमित जीवनशैली और परोपकारी कार्यों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के लिए भी याद किया जाएगा।
रतन टाटा के निधन के बाद, यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? रतन टाटा जीवनभर अविवाहित रहे और उनके पास कोई सीधा वारिस नहीं था, लेकिन उनके परिवार और टाटा समूह के भीतर कई ऐसे लोग हैं जो उनके उत्तराधिकारी बनने के दावेदार माने जा रहे हैं।
टाटा समूह में नेतृत्व की संभावना
रतन टाटा के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं काफी समय से हो रही हैं, हालांकि यह विषय अब और अधिक चर्चा में आ गया है। टाटा समूह के मौजूदा चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन, जो 2017 से इस पद पर हैं, समूह का नेतृत्व कर रहे हैं। चंद्रशेखरन के अलावा, टाटा परिवार में रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा का नाम भी प्रमुख रूप से सामने आ रहा है। नोएल टाटा के अलावा, उनके तीन बच्चे – माया, नेविल, और लीह टाटा – भी उत्तराधिकारी बनने की दौड़ में शामिल हो सकते हैं।
नोएल टाटा
नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई, रतन टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सबसे प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। उनके पिता नवल टाटा की दूसरी शादी सिमोन टाटा से हुई थी। नोएल टाटा ने लंबे समय से टाटा समूह के साथ काम किया है और कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। वर्तमान में वे टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं और टाटा समूह के कई अन्य व्यापारिक कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं: माया टाटा, नेविल टाटा और लीह टाटा। वे सभी टाटा समूह के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और समूह के भीतर उनकी महत्वपूर्ण भूमिकाएं हैं, जिससे वे उत्तराधिकार की दौड़ में भी माने जा रहे हैं।
माया टाटा
माया टाटा, जो कि नोएल टाटा की सबसे छोटी बेटी हैं, टाटा समूह में तेजी से अपनी पहचान बना रही हैं। माया ने बिजनेस मैनेजमेंट की शिक्षा बेयस बिजनेस स्कूल और वारविक यूनिवर्सिटी से प्राप्त की है। टाटा अपॉरचुनिटी फंड और टाटा डिजिटल में माया ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, और उनके नेतृत्व में समूह ने कई नई योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है।
माया टाटा ने “टाटा नियो” ऐप लॉन्च करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो कि टाटा समूह के डिजिटल क्षेत्र में एक प्रमुख पहल थी। माया का रणनीतिक कौशल और दूरदर्शिता उन्हें एक प्रमुख उत्तराधिकारी के रूप में प्रस्तुत करती है।
नेविल टाटा
नेविल टाटा, जो कि नोएल टाटा के पुत्र हैं, अपनी उम्र के तीसरे दशक में हैं और टाटा समूह के विभिन्न व्यापारों में सक्रिय रूप से जुड़ चुके हैं। उन्होंने टाटा समूह के हाइपरमार्केट चेन ‘स्टार बाजार’ के संचालन का नेतृत्व किया है। नेविल टाटा ने टोयोटा किर्लोस्कर समूह की मानसी किर्लोस्कर से शादी की है और वे दोनों अपने-अपने व्यवसायिक क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं।
नेविल के नेतृत्व में स्टार बाजार ने भारतीय बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाई है। उनकी व्यापारिक कुशलता और युवा दृष्टिकोण उन्हें रतन टाटा के उत्तराधिकारी बनने की दौड़ में शामिल करती है।
लीह टाटा
लीह टाटा, जो कि नोएल टाटा की सबसे बड़ी बेटी हैं, टाटा समूह के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में अपनी विशेषज्ञता साबित कर चुकी हैं। उन्होंने स्पेन के आईई बिजनेस स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है और ताज होटल्स, रिसॉर्ट्स और पैलेसेस में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पिछले दस सालों से लीह टाटा टाटा समूह के हॉस्पिटैलिटी व्यापार से जुड़ी हुई हैं और उनके नेतृत्व में ताज होटल्स ने कई नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
लीह टाटा की विशेषज्ञता और उनके व्यवसायिक दृष्टिकोण उन्हें टाटा समूह के उत्तराधिकारी बनने के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार बनाते हैं।
रतन टाटा की विरासत
रतन टाटा की विरासत केवल उनके व्यावसायिक योगदान तक सीमित नहीं है। उन्होंने अपने जीवनकाल में टाटा ट्रस्ट के माध्यम से समाज के उत्थान के लिए अनगिनत कार्य किए। शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और परोपकार के क्षेत्रों में उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि व्यापार का उद्देश्य केवल मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि समाज की बेहतरी के लिए भी काम करना है।
रतन टाटा की सोच और उनके कार्यों का ही परिणाम है कि टाटा समूह को आज भी दुनिया भर में एक जिम्मेदार और नैतिक व्यापारिक समूह के रूप में देखा जाता है। टाटा समूह का प्रत्येक व्यवसाय रतन टाटा की उन मूलभूत मान्यताओं पर आधारित है, जिनमें समाज के प्रति जिम्मेदारी और नैतिक व्यापारिक प्रथाएं शामिल हैं।
उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई। जगुआर लैंड रोवर के अधिग्रहण से लेकर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को वैश्विक आईटी सेवा प्रदाता के रूप में स्थापित करने तक, रतन टाटा की दूरदर्शिता और कुशल नेतृत्व का असर हर जगह देखा जा सकता है।
रतन टाटा का उत्तराधिकारी: एक महत्वपूर्ण सवाल
रतन टाटा के निधन के बाद, यह सवाल सबसे अधिक उठाया जा रहा है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। जबकि टाटा समूह के मौजूदा चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को इस समय समूह का नेतृत्व सौंपा गया है, लेकिन टाटा परिवार के भीतर भी कई योग्य उम्मीदवार हैं जो भविष्य में टाटा समूह की बागडोर संभाल सकते हैं।
नोएल टाटा और उनके बच्चे – माया, नेविल और लीह – सभी उत्तराधिकारी बनने की दौड़ में शामिल हैं। टाटा समूह के भीतर उनकी वर्तमान भूमिकाएं और भविष्य की योजनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि भविष्य में टाटा समूह का नेतृत्व कौन करेगा।
हालांकि, यह स्पष्ट है कि रतन टाटा की अनुपस्थिति के बावजूद, टाटा समूह उनकी विरासत और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों के आधार पर ही आगे बढ़ेगा। उनका जीवन, उनका नेतृत्व, और उनके सामाजिक योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा।
रतन टाटा का जाना भारतीय उद्योग के लिए एक युग के अंत जैसा है, लेकिन उनकी विरासत और उनके द्वारा स्थापित संस्थानों का प्रभाव सदियों तक बना रहेगा। टाटा समूह का भविष्य उनके मूल्यों और उनके नेतृत्व की छाया में ही आगे बढ़ेगा, चाहे उत्तराधिकारी कोई भी हो।