
गोंडा 26 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के वनटांगिया समुदाय की कहानी सामाजिक संघर्ष, आर्थिक वंचना और उपेक्षा का दर्पण है। यह समुदाय, जो मूल रूप से वन विभाग के कार्यों के लिए नियुक्त हुआ था, दशकों से वन क्षेत्रों में रह रहा है, लेकिन उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया। वर्षों तक यह समुदाय गरीबी और सामाजिक असमानता का शिकार रहा, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक अवसरों का अभाव था। मगर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के “जीरो पॉवर्टी” मिशन और जिला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी ने वनटांगिया समुदाय के जीवन को एक नई दिशा में मोड़ने का कार्य किया है।
वनटांगिया दीपोत्सव का उद्देश्य
गोंडा जिले के वनटांगिया गांवों, जैसे कि रामगढ़ और महेशपुर, में “वनटांगिया दीपोत्सव 2024” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं था, बल्कि इस समुदाय के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाना था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह सोच थी कि दीपावली जैसे पर्व का प्रकाश हर घर तक पहुंचे, चाहे वे ग्रामीण क्षेत्रों के वनटांगिया समुदाय के घर ही क्यों न हों। दीपोत्सव के माध्यम से इन परिवारों के घरों को चटख रंगों और पारंपरिक अल्पनाओं से सजाया गया, जिससे इनका घर तो सुंदर हुआ ही, साथ ही इनके जीवन में भी एक नई रौनक आई।
जीवनशैली में बदलाव
वनटांगिया दीपोत्सव के तहत, घरों की दीवारों पर रंग-बिरंगी पेंटिंग्स और अल्पनाओं का काम किया गया। पारंपरिक चित्रकला का इस्तेमाल करते हुए लाल, पीला, हरा, नीला जैसे रंगों का प्रयोग किया गया, जिससे घरों की सुंदरता में चार चांद लग गए। रामगढ़ वनटांगिया गांव के निवासी मनीराम का कहना है, “पहली बार हमारे घर इतने खूबसूरत और त्योहारों की खुशी से सजे-संवरे नजर आ रहे हैं। हमें कभी यह महसूस नहीं हुआ था कि हमारा घर भी इतना सुंदर हो सकता है।” इस पहल ने न केवल उनके घरों को सजाया बल्कि उनमें एक नई ऊर्जा और आत्मसम्मान का संचार भी किया।
स्वच्छता और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
दीपोत्सव के साथ-साथ, जिला प्रशासन ने वनटांगिया समुदाय के बीच स्वच्छता और स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया। 24 और 25 अक्टूबर को विशेष स्वच्छता अभियान और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इन स्वास्थ्य शिविरों में ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। प्रशासन की इस पहल ने वनटांगिया समुदाय में स्वच्छता के महत्व को समझने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया। अब, गांव में लोग स्वच्छता का पालन करते हुए एक साफ और सुंदर वातावरण बना रहे हैं।
शिक्षा और कौशल विकास का प्रसार
वनटांगिया समुदाय में शिक्षा का प्रसार भी एक बड़ी चुनौती रही है। सरकार ने इसके लिए विशेष योजना बनाई है। प्राथमिक विद्यालयों के निर्माण से लेकर ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। बच्चों के लिए शिक्षा और उनके माता-पिता के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इसका उद्देश्य इस समुदाय के बच्चों और युवाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के अनुसार, “हम चाहते हैं कि वनटांगिया समुदाय के बच्चे भी पढ़ें और समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित हो सकें। शिक्षा ही उनकी जीवनशैली में बदलाव का प्रमुख माध्यम है।”
आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर कदम
वनटांगिया समुदाय की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए जिला प्रशासन ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह, पुरुषों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना शामिल है। सरकार द्वारा दिए गए प्रशिक्षण और छोटे व्यवसाय की शुरुआत के लिए सहायता राशि ने समुदाय के लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया है।
दीपोत्सव के माध्यम से सांस्कृतिक पुनर्जीवन
वनटांगिया दीपोत्सव ने समुदाय की सांस्कृतिक पहचान को भी पुनर्जीवित किया है। इस आयोजन के दौरान, पारंपरिक लोक कला, अल्पना और रंगोली के माध्यम से उनके सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित किया गया। दीपोत्सव ने न केवल उनके जीवन में रोशनी भरी, बल्कि उन्हें यह भी याद दिलाया कि उनका अपना सांस्कृतिक धरोहर भी समृद्ध और मूल्यवान है।
प्रशासन की संजीदगी और सक्रियता
गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा और प्रशासन की सक्रियता ने इस दीपोत्सव को एक सफल कार्यक्रम बनाया। उन्होंने वनटांगिया परिवारों के लिए एक विशेष समारोह का आयोजन किया, जिसमें ग्रामीणों को उपहार, कपड़े और दैनिक जीवन की अन्य आवश्यक वस्तुएं भेंट की गईं। साथ ही, प्रशासन की योजना है कि वनटांगिया समुदाय के लिए और भी कई विकास योजनाएं चलाई जाएं, जिससे उनके जीवन में और सुधार हो सके। नेहा शर्मा ने इस अवसर पर कहा, “हमारा उद्देश्य केवल दीपावली मनाना नहीं है, बल्कि वनटांगिया समुदाय के लिए एक नए भविष्य का निर्माण करना है।”
आत्मसम्मान और सामाजिक मान्यता
वनटांगिया समुदाय को यह एहसास हो रहा है कि वे भी समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस दीपोत्सव के बाद उनमें आत्मसम्मान का संचार हुआ है। पहले जो लोग उपेक्षित महसूस करते थे, अब वे गर्व से अपने घरों में रहते हैं। उनके घरों की सुंदरता, स्वच्छता और सामाजिक मान्यता ने उन्हें एक नई पहचान दी है। अब वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रहे हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम हो रहे हैं।
भविष्य की दिशा और संकल्प
वनटांगिया दीपोत्सव 2024, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “जीरो पॉवर्टी” मिशन का एक प्रतीक है, जिसने इस समुदाय के जीवन में सुधार की एक नई आशा दी है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के अनुसार, “यह दीपोत्सव केवल एक शुरुआत है। हमारी योजना है कि हम वनटांगिया समुदाय के विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाएं और उन्हें समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित करें।”
वनटांगिया समुदाय का भविष्य अब उज्जवल नजर आ रहा है। दीपोत्सव के इस आयोजन ने उन्हें यह सिखाया कि वे भी समाज का एक सम्मानजनक हिस्सा हैं और उनके जीवन में भी बदलाव संभव है। प्रशासन की इस पहल से यह उम्मीद की जा रही है कि वनटांगिया समुदाय आने वाले वर्षों में और भी अधिक समृद्धि और खुशहाली का अनुभव करेगा।