
बलरामपुर नगर स्थित रानी तालाब हनुमान मंदिर में स्थित प्रतिमा
-जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने 03 करोड़ 99 लाख 55 हजार रूपए का शासन को भेजा प्रस्ताव
बलरामपुर(26सितम्बर)। जिले में विकास को गति देने के साथ साथ ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने एवं विकसित करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जिले में वन्दन योजना के तहत जिला मुख्यालय स्थित रानी तालाब के पास हनुमान मन्दिर एवं नगर पंचायत पचपेड़वा अन्तर्गत पौराणिक महत्व के शिवगढ़ धाम मन्दिर के सौन्दर्यीकरण के लिए धनावंटन का प्रस्ताव शासन कोे भेज दिया है।
जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने गुरूवार को बताया कि रानी तालाब के निकट स्थित सुप्रसिद्ध हनुमान मन्दिर सांस्कृतिक, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के दृष्टिगत अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हनुमान मन्दिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सम्पर्क मार्ग, परिक्रमा पथ, विश्रामालय, हवन कुण्ड शेड, बेंच एवं घाट के सौन्दर्यीकरण के सीढ़ी का निर्माण कार्य तथा सम्पर्क मार्ग तिराहा का सौन्दर्यीकरण कार्य कराने के लिए 01 करोड़ 99 लाख 65 हजार रूपए के बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसी प्रकार नगर पंचायत पचपेड़वा क्षेत्र के वार्ड नम्बर 14 में स्थित पौराणिक एवं 200 वर्ष पुराने स्वयंभू शिवलिंग व माता पार्वती के प्रसिद्ध शिवगढ़ धाम मन्दिर के सौन्दर्यीकरण के लिए मन्दिर परिसर में हॉल का निर्माण, मन्दिर का सौन्दर्यीकरण, शिवगढ़ धाम मन्दिर तक सी0सी0 रोड निर्माण का कार्य, वार्ड नम्बर-9 में सिसहनिया से शिवगढ़ धाम मन्दिर में परिसर के आस-पास 110-130 वॉट एलईडी लाईट एवं 09 मीटर आक्टोगोनल पोल की आपूर्ति एवं स्थापना का कार्य कराने के लिए 01 करोड़ 99 लाख 90 हजार रूपए का बजट आवंटन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

बताते चलें कि मान्यता के अनुसार शिवगढ़ धाम मन्दिर एक पौराणिक एवं 200 वर्ष पुराना एक स्वयं-भू शिवलिंग व माता पार्वती का मन्दिर है जहां पर पूरे वर्ष दर्शनार्थियों का आना-जाना लगा रहता है। श्रावण मास में जिले की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा इसी मंदिर को जाती है जो कि देवीपाटन शक्तिपीठ के सूर्यकुण्ड से जल लेकर कांवड़िये शिवगढ़ धाम मन्दिर पर हजारों की संख्या मे जलाभिषेक के लिए आते हैं। इसी प्रकार रानी तालाब के पास स्थित हनुमान मन्दिर का भी अपना पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व है जहां पर हनुमान जयन्ती, ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल एवं प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को श्रद्धालु काफी संख्या में दर्शनार्थ आते हैं। उन्होंने कहा कि पौराणिक महत्व के दोनों मन्दिरों के सौन्दर्यीकरण एवं अवस्थापना सुविधाओं के हो जाने से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलेगी तथा धरोहरों का संरक्षण भी हो सकेगा।