
प्रभात भारत 26 सितंबर।
यूपी में योगी सरकार ने छात्रवृत्ति लेने वाले छात्रों के मामले में हाजिरी के नियम सख्त कर दिए हैं। छात्रवृत्ति और फीस प्रतिपूर्ति के लिए छात्र-छात्राओं को अब आधार बेस हाजिरी से गुजरना होगा। छात्रवृत्ति के जरिए पढ़ाई करने वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से बॉयोमिट्रिक पहचान के जरिए हाजिरी लगानी होगी। इसके लिए विश्वविद्यालयों समेत सभी संस्थानों को आधार बेस उपस्थिति प्रणाली को स्थापित करना होगा। 75 प्रतिशत हाजिरी के बिना छात्र छात्रवृत्ति के लिए अपात्र होंगे। योगी सरकार के नये नियम के मुताबिक संस्था को आधार बेस हाजिरी को हर माह प्रमाणित करते हुए छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। समाज कल्याण के सहायक निदेशक सिद्धार्थ मिश्रा बताया है कि आधार बेस हाजिरी के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। एससी-एसटी नियमावली में भी इसे शामिल किया गया है। अब आधार बेस अटेंडेंस अंगूठे या उंगलियों के निशान, चेहरे की पहचान या कॉलेज परिसर में पहुंच कर कहीं से भी लगाई जा सकेगी। हाजिरी का ब्योरा एनआईसी में रखे जाने की व्यवस्था बनाई जा रही है। आधार बेस हाजिरी का सिस्टम संस्थान परिसर में स्थापित होगा। संस्थान जिस विश्वविद्यालय या एजेंसी से संबद्ध हैं, अब हाजिरी प्रतिदिन वहां जाएगी और उसके बाद वहां से एनआईसी को जाएगी। एनआईसी छात्रों की हाजिरी का डाटा समाज कल्याण को देगा। जब छात्रवृत्ति वितरण होगा तो उस दौरान हाजिरी का मिलान किया जाएगा। संस्थान चाह कर भी अब छात्रों की हाज़िरी के साथ छेड़छाड़ नहीं कर पाएंगे। अभी तक संस्थान मनमानी 75 फीसदी हाजिरी को प्रमाणित करके विभाग को भेज देते थे।