
गोंडा 24 अक्टूबर। प्रदेश में मदरसा शिक्षा को लेकर सरकार द्वारा लंबे समय से सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के 4191 मदरसों की जांच के आदेश के बाद अब गोंडा जिले में संचालित 286 मकतब मदरसों की फंडिंग और अन्य गतिविधियों की जांच का आदेश जारी किया गया है। यूपी एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) को इस जिम्मेदारी सौंपी गई है। यूपी सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को निर्देश दिया है कि वे इस जांच में यूपी एटीएस की टीम का पूरा सहयोग करें। साथ ही, सभी मकतब मदरसों की फंडिंग, रजिस्ट्रेशन, और इनके संचालन के तरीकों की गहन जांच की जाएगी।
मकतब मदरसों की भूमिका पर सवाल
गोंडा जिले में संचालित 286 मकतब मदरसों को लेकर यूपी सरकार की ओर से कई सवाल खड़े किए गए हैं। सबसे प्रमुख सवाल यह है कि ये मकतब मदरसे अभी तक रजिस्टर्ड क्यों नहीं हुए हैं? उत्तर प्रदेश में चल रहे कई ऐसे मकतब मदरसे हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं और इनके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। सरकार का मानना है कि ऐसे मदरसों की जांच इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इनकी फंडिंग के स्रोत पर सवाल उठ रहे हैं।
मकतब मदरसे शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये उन बच्चों को शिक्षा देते हैं, जो मुख्यधारा की शिक्षा से दूर रहते हैं। हालांकि, इनकी पारदर्शिता और फंडिंग को लेकर संदेह पैदा हुआ है। ऐसे में सरकार की यह जांच फंडिंग के स्रोतों और मकतब मदरसों के अन्य क्रियाकलापों पर केंद्रित होगी।
यूपी एटीएस की भूमिका
यूपी एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) को राज्य सरकार ने इन मदरसों की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है। यूपी एटीएस की अलग-अलग यूनिट इन 286 मदरसों की फंडिंग, संचालित गतिविधियों और इनके रजिस्ट्रेशन के बारे में गहन जांच करेगी।
मकतब मदरसों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया, फंडिंग के स्रोत, और इन मदरसों का संचालित होने का तरीका यूपी एटीएस के जांच के मुख्य बिंदु होंगे। इसके अलावा, यूपी एटीएस यह भी देखेगी कि ये मदरसे कितने सालों से संचालित हो रहे हैं और इनकी गतिविधियों में कोई संदिग्ध तत्व तो शामिल नहीं हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का सहयोग
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। यूपी एटीएस को जांच के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा सभी जरूरी जानकारी और दस्तावेज मुहैया कराए जाएंगे। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे. रीभा ने इस संदर्भ में गोंडा जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यूपी एटीएस की टीम को मकतब मदरसों की जांच में पूरा सहयोग दिया जाए।
इस पत्र में स्पष्ट रूप से यह भी कहा गया है कि यूपी एटीएस की टीम को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सभी मदरसों की जांच समय पर पूरी करें और इसके बाद अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपें।
फंडिंग के स्रोतों पर सवाल
मकतब मदरसों की फंडिंग को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। सरकार के पास इस बात की जानकारी आई है कि कुछ मदरसे विदेशी फंडिंग के जरिए संचालित हो रहे हैं, जिसका इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधियों में हो सकता है।
यूपी एटीएस यह भी जांच करेगी कि इन मदरसों की फंडिंग का स्रोत क्या है और यह पैसा कहां से आ रहा है। क्या ये मकतब मदरसे सरकारी अनुदान के जरिए चलते हैं या फिर इनका संचालन किसी और माध्यम से हो रहा है? इन सवालों के जवाब के लिए एटीएस को गहराई से जांच करनी होगी।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में ढिलाई क्यों?
यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि इतने वर्षों से संचालित हो रहे मकतब मदरसों ने अभी तक अपनी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया क्यों पूरी नहीं की है। प्रदेश में कई मदरसे बिना किसी आधिकारिक रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं। इस मामले में सरकार का कहना है कि ऐसे मदरसों को तुरंत प्रभाव से रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए था, लेकिन कई मदरसों ने इसे नजरअंदाज किया है।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को लेकर सरकार ने पहले ही सभी मदरसों को निर्देश दिया था कि वे जल्द से जल्द अपना रजिस्ट्रेशन कराएं, ताकि इनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। हालांकि, कई मकतब मदरसे इस आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे संदेह और बढ़ गया है।
भविष्य की चुनौतियाँ
यूपी एटीएस की यह जांच मकतब मदरसों की फंडिंग, रजिस्ट्रेशन, और इनके संचालन पर कई सवालों के जवाब देगी। यह जांच इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मदरसा शिक्षा के नाम पर हो रही गड़बड़ियों का खुलासा हो सकता है।
सरकार की यह कोशिश है कि मदरसा शिक्षा को पारदर्शी बनाया जाए और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जाए। इसके लिए मकतब मदरसों की फंडिंग, रजिस्ट्रेशन और अन्य गतिविधियों पर गहराई से नजर रखी जाएगी।
हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। मकतब मदरसों की फंडिंग के स्रोतों का पता लगाना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि कई बार यह फंडिंग गुप्त माध्यमों से होती है। इसके अलावा, मकतब मदरसे सरकार के निर्देशों का पालन करने से बचने की कोशिश कर सकते हैं, जिससे जांच में दिक्कतें आ सकती हैं।
प्रभात भारत विशेष
गोंडा जिले के 286 मकतब मदरसों की जांच यूपी एटीएस द्वारा किया जाना प्रदेश में मदरसा शिक्षा को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस जांच से पता चलेगा कि मकतब मदरसे कैसे संचालित हो रहे हैं, इनकी फंडिंग कहां से हो रही है और ये कितने वर्षों से बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं।
सरकार की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि वह मदरसा शिक्षा में पारदर्शिता और ईमानदारी लाने के लिए गंभीर है। उम्मीद है कि इस जांच के बाद मदरसा शिक्षा से जुड़े विवादों पर विराम लगेगा और फंडिंग में हो रही गड़बड़ियों का भी पर्दाफाश होगा।
यह जांच प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू होगी, जहां मकतब मदरसे संचालित हो रहे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यूपी एटीएस की जांच के नतीजे क्या निकलते हैं और मदरसा शिक्षा को सुधारने के लिए सरकार और क्या कदम उठाती है।