
संवाददाता अयोध्या, प्रभात भारत।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कोर्ट में रामलला के पक्ष से लड़ाई लड़ने वाले त्रिलोकी नाथ पाण्डे का निधन हो गया। त्रिलोकी नाथ पाण्डेय को ‘राम का सखा’ कहा जाता था। वह विश्व हिंदू परिषद के नेता भी थे। राम मंदिर बनने से पहले ही उनका निधन हो जाने से संगठन के लोग दुखी हैं। पाण्डेय लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पहले उन्हें अयोध्या के श्रीराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रेफर किया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
जानें त्रिलोकी नाथ पांडे के बारे में
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के दया छपरा गांव में त्रिलोकी नाथ पांडेय का जन्म हुआ था। साल 1964 में वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे जिसके लिए उन्होंने हाईस्कूल के बाद पढ़ाई छोड़कर स्वयं को संघ के लिए समर्पित किया। साल 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने जब मंदिर आंदोलन शुरू किया, तब वे संघ की संस्कृति रक्षा योजना के प्रांतीय प्रभारी के तौर पर आजमगढ़ को केंद्र बना कर सक्रिय थे। 1992 में उन्हें रामजन्मभूमि मामले की अदालत में पैरवी के लिए आजमगढ़ से अयोध्या बुला लिया गया। उन्होने इस भूमिका का बखूबी निर्वहन किया।