
महाकुंभ 2025: सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था, आतंकवादी हमलों की आशंका के बीच सख्त निगरानी
प्रयागराज, 21 अक्तूबर। अगले वर्ष 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के आयोजन को लेकर राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। दुनिया भर के कई देशों में वर्तमान में चल रहे युद्ध और कुछ देशों में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों के कारण भारत की खुफिया एजेंसियों को संभावित खतरों के कई अहम इनपुट प्राप्त हुए हैं। इन खतरों की गंभीरता को देखते हुए, प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर विशेष चिंता जताई जा रही है।
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि देश और दुनिया के लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं के एक साथ यहां आने से सुरक्षा की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इससे जुड़ी सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर प्रयागराज जोन के एडीजी भानु भास्कर की अध्यक्षता में हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें महाकुंभ की तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में संबंधित जोन, रेंज, जिलों और जीआरपी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और सुरक्षा के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया गया।
विदेशों में युद्ध और भारत विरोधी गतिविधियां: सुरक्षा को लेकर चिंता
वर्तमान समय में दुनिया भर में चल रहे युद्ध के हालात और कुछ देशों में भारत विरोधी तत्वों की सक्रियता में वृद्धि हुई है। यह स्थिति विशेष रूप से खतरनाक हो सकती है क्योंकि इन तत्वों द्वारा महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन को निशाना बनाने की आशंका बनी हुई है। खुफिया एजेंसियों द्वारा प्राप्त इनपुट के आधार पर, उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां मिलकर सुरक्षा योजना को अधिक सख्त बनाने पर काम कर रही हैं।
महाकुंभ 2025 के दौरान, प्रयागराज में किसी भी तरह के आतंकवादी हमलों या आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। इसमें आधुनिक तकनीक और उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि सुरक्षा में कोई कमी न रहे और किसी भी आपात स्थिति का सामना किया जा सके।
अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय सीमाओं पर सघन जांच
महाकुंभ के आयोजन के दौरान प्रयागराज में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों, वाहनों और सामान की सघन जांच की जाएगी। किसी भी प्रकार की अनधिकृत या संदिग्ध गतिविधि को रोकने के लिए, सरकार ने निर्णय लिया है कि बिना चेकिंग के कोई भी व्यक्ति, वाहन या सामान प्रयागराज में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके लिए अत्याधुनिक उपकरणों और जांच प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के सतना और रीवा जिलों समेत उत्तर प्रदेश के वाराणसी, कानपुर, लखनऊ जोन की सीमाओं पर सघन चेकिंग की जाएगी। सीमा चौकियों पर तैनात पुलिस बल को अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस किया जाएगा। इसके अलावा, प्रत्येक चेकिंग पॉइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। यह प्रक्रिया अक्तूबर 2024 से ही शुरू कर दी जाएगी, जिससे सुरक्षा तैयारियों को पहले से ही मजबूत किया जा सके।
सभी प्रवेश मार्गों पर पेट्रोलिंग और चौकसी बढ़ाई जाएगी
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज आने-जाने वाले सभी मार्गों पर सघन पेट्रोलिंग और निगरानी की जाएगी। पुलिस के अलावा, अन्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया जाएगा, जो वाहनों, सामान और व्यक्तियों की जांच करेंगे। हर वाहन की निगरानी की जाएगी और संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इसका उद्देश्य न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि आतंकवादियों और अपराधियों में डर का माहौल पैदा करना भी है, ताकि वे किसी भी प्रकार की अवांछित गतिविधियों को अंजाम देने से पहले ही पकड़े जा सकें।
वीआईपी सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम
महाकुंभ 2025 में दुनियाभर से कई मशहूर हस्तियों, राजनयिकों और नेताओं के आने की संभावना है। यह आयोजन धार्मिक दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही राजनयिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए वीआईपी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जा रही है।
एसएसपी महाकुंभ मेला राजेश द्विवेदी ने बताया कि मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को जल, थल और नभ तीनों स्तरों पर मजबूत किया जाएगा। इसके तहत स्नाइपर, एनएसजी कमांडो, कमांडो स्क्वाड, एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड), एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स), बीडीडीएस (बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वाड) और स्निफर डॉग्स को तैनात किया जाएगा।
प्रयागराज के मेला क्षेत्र और संगम के पास महत्वपूर्ण स्थानों पर विशेष सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, एंटी-ड्रोन सिस्टम भी लगाए जाएंगे, ताकि किसी भी ड्रोन हमले या निगरानी गतिविधियों को तुरंत रोका जा सके।
एनएसजी कमांडो की तैनाती और एंटी-सबोटाज टीम की चेकिंग
महाकुंभ 2025 के दौरान पूरे शहर में एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) कमांडो की दो टुकड़ियां और 26 एंटी-सबोटाज टीम तैनात की जाएंगी। ये टीमें शहर भर में सघन चेकिंग करेंगी और हर संभावित खतरे को रोकने के लिए तैयार रहेंगी। इसके साथ ही, मेला क्षेत्र में एटीएस कमांडो की चार और एसटीएफ की तीन यूनिट्स भी तैनात की जाएंगी।
स्नाइपर, स्निफर डॉग्स और स्वाट दल को भी मेला क्षेत्र में तैनात किया जाएगा, ताकि हर प्रकार की आपात स्थिति से निपटा जा सके। सुरक्षा के लिए 20 स्नाइपर, 3 स्निफर डॉग्स और 4 स्वाट दल मेला क्षेत्र और आस-पास के इलाकों में सक्रिय रहेंगे।
होल्डिंग एरिया और यातायात प्रबंधन
महाकुंभ 2025 में पिछले कुंभ मेले की तुलना में लगभग दोगुने श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। पिछली बार आयोजित कुंभ मेले में लगभग 25 करोड़ श्रद्धालु आए थे, जबकि इस बार यह संख्या 45 करोड़ से अधिक हो सकती है। ऐसे में यातायात और भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होगी।
प्रयागराज की सीमाओं पर होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे, जहां श्रद्धालुओं को रोका जाएगा, जब तक कि मेला क्षेत्र में यातायात का दबाव कम नहीं हो जाता। इन होल्डिंग एरियाओं में श्रद्धालुओं के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें बिजली, पानी, शौचालय, खानपान, मेडिकल सेवाएं और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी शामिल है। रेलवे स्टेशनों के पास भी होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे, ताकि रेल से आने वाले यात्रियों को सही ढंग से संभाला जा सके।
वाहनों की पार्किंग और सुरक्षा प्रबंधन
महाकुंभ के दौरान, भारी संख्या में श्रद्धालु सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचेंगे। अनुमान के अनुसार, लगभग 95 प्रतिशत श्रद्धालु सड़क मार्ग से, 4.5 प्रतिशत रेल मार्ग से और 0.5 प्रतिशत हवाई मार्ग से आएंगे। इसके लिए, वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी की जा रही है, ताकि शहर में यातायात सुचारू रूप से चल सके।
सुरक्षा में आधुनिक तकनीक का उपयोग
महाकुंभ 2025 की सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिक तकनीक का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। बॉयोमेट्रिक सिस्टम, चेहरे की पहचान तकनीक और अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, ताकि हर व्यक्ति की पहचान की जा सके और सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक न हो।
सुरक्षा बलों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है और सभी अधिकारी और जवान सुरक्षा के हर पहलू पर पूरी तरह से तैयार हैं। इस बार का महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि सुरक्षा और तकनीकी दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा।
महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से तैयार हैं। सुरक्षा के लिए उठाए गए ये कदम न केवल मेला क्षेत्र को सुरक्षित बनाएंगे, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनते हुए पूरी तरह सुरक्षित रहें।