
गोंडा, 09 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की महत्वाकांक्षी योजना के तहत स्थापित अटल आवासीय विद्यालय, मनकापुर में छात्रों के भोजन में कीड़ा निकलने की घटना से विद्यालय में हड़कंप मच गया। यह घटना उस वक्त सामने आई जब छात्रों को नाश्ते में छोले परोसे जा रहे थे और उनमें से एक छात्र ने छोले में कीड़ा पाया। इस घटना के बाद छात्रों और उनके परिजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया।
रविवार की सुबह, मनकापुर के अटल आवासीय विद्यालय में छात्रों को नाश्ते में छोले परोसे जा रहे थे। उसी दौरान एक छात्र ने अपने छोले में कीड़ा देखा, जिससे विद्यालय में अफरा-तफरी मच गई। छात्र ने तुरंत यह जानकारी अपने सहपाठियों और स्कूल के मेस इंचार्ज को दी। अन्य छात्रों ने भी खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए शिकायत की। कई छात्रों ने बताया कि वे छोले में कीड़ा देखने से पहले ही भोजन कर चुके थे। यह सुनकर मेस इंचार्ज ने तुरंत बचा हुआ खाना फिंकवा दिया।
घटना की जानकारी जैसे ही विद्यालय के प्रभारी प्रिंसिपल को मिली, उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए नाश्ते में परोसे गए छोले को फिंकवाने का आदेश दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि छोले में कीड़ा पाया गया था, और इसकी जानकारी मिलते ही सारे छोले को नष्ट करवा दिया गया।
इस घटना के बाद कुछ छात्रों के परिजन विद्यालय में पहुंचे और उन्होंने विद्यालय प्रशासन से भोजन की गुणवत्ता को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। परिजनों का आरोप था कि बच्चों को दिया जाने वाला भोजन पहले से ही खराब गुणवत्ता का होता है। बच्चों ने शिकायत की कि उनके दूध में पानी की मात्रा अधिक होती है और खाने की गुणवत्ता भी संतोषजनक नहीं होती।
एक छात्र ने बताया, “हमने छोले में कीड़ा पाया, इसलिए हममें से कुछ ने खाना नहीं खाया। लेकिन कई बच्चे पहले ही खाना खा चुके थे, और जब हमने मेस इंचार्ज को बताया, तब जाकर खाना फिंकवाया गया।” बच्चों ने यह भी बताया कि दूध में पानी मिलाने की शिकायत वे कई बार कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
जिलाधिकारी की त्वरित प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले की जानकारी जैसे ही जिलाधिकारी गोंडा, नेहा शर्मा को मिली, उन्होंने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। जिलाधिकारी ने विद्यालय में खाद्य सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लिया और गोंडा से फूड सेफ्टी टीम को तुरंत विद्यालय भेजा। उन्होंने विद्यालय प्रशासन और श्रम विभाग के अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए कि इस मामले की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा, “बच्चों के भोजन में इस तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है। हमने फूड सेफ्टी टीम को विद्यालय भेजा है और खाद्य सामग्री के नमूने लिए जा रहे हैं। विद्यालय में साफ-सफाई की भी जांच की जाएगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
फूड सेफ्टी टीम की जांच
जिलाधिकारी के आदेश पर फूड सेफ्टी टीम ने तुरंत विद्यालय का दौरा किया। टीम ने विद्यालय के मेस का निरीक्षण किया और सफाई व्यवस्था पर निर्देश दिए। टीम ने सोया बड़ी, दाल और सब्जी के सैंपल भी लिए ताकि उनकी गुणवत्ता की जांच की जा सके। फूड सेफ्टी टीम के एक अधिकारी ने बताया कि मौके पर तत्काल कुछ संदिग्ध नहीं मिला, लेकिन सावधानी के तौर पर सभी खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
फूड सेफ्टी अधिकारी ने कहा, “हमने विद्यालय में भोजन की गुणवत्ता की जांच की और सफाई व्यवस्था के बारे में निर्देश दिए। हालांकि मौके पर कोई अन्य संदिग्ध वस्तु नहीं पाई गई, लेकिन हमने कुछ खाद्य पदार्थों के नमूने लिए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट जल्द ही उपलब्ध होगी। इसके अलावा, हम अब विद्यालय पर कड़ी निगरानी रखेंगे और नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे।”
इस घटना के बाद प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि विद्यालय में खाद्य सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाएगा। जिलाधिकारी ने विद्यालय प्रशासन को निर्देशित किया है कि वे भोजन की गुणवत्ता में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे और छात्रों को पोषक और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।
विद्यालय में अब नियमित रूप से फूड सेफ्टी टीम के दौरे होंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों को साफ-सुथरा और स्वास्थ्यवर्धक भोजन परोसा जा रहा है। इसके अलावा, विद्यालय प्रशासन से कहा गया है कि वे मेस की सफाई और खाद्य सामग्री की जांच पर विशेष ध्यान दें और किसी भी तरह की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करें।
प्रभात भारत विशेष
अटल आवासीय विद्यालय में छात्रों के भोजन में कीड़ा निकलने की यह घटना प्रशासन और शिक्षा विभाग के लिए एक गंभीर चेतावनी है। बच्चों के भोजन में लापरवाही न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह उनकी सुरक्षा और देखभाल के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाती है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की त्वरित कार्रवाई और फूड सेफ्टी टीम के निरीक्षण से यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकारी विद्यालयों में भोजन की गुणवत्ता और सफाई व्यवस्था को लेकर और भी सख्ती बरती जानी चाहिए। छात्रों के पोषण और स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। उम्मीद है कि इस घटना के बाद प्रशासन द्वारा उठाए गए सख्त कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में सफल होंगे, और छात्रों को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।