
मूर्ति विसर्जन के दौरान आपसी विवाद को खत्म करने में पुलिस अधीक्षक और एसडीएम सदर की भूमिका सराहनीय
गोंडा, 13 अक्टूबर। नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत गोंडा-बलरामपुर मार्ग पर स्थित महारानीगंज घोसियाना के पास देर रात एक आपसी कहासुनी के चलते मूर्ति विसर्जन के दौरान हंगामा मच गया। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के इस अवसर पर विवाद इतना बढ़ गया कि लोग सड़कों पर इकट्ठा हो गए और स्थिति नियंत्रण से बाहर होती गई।
घटना का प्रारंभ
मौका लगभग रात का था, जब लोग दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए जुटे हुए थे। इस दौरान कुछ युवकों के बीच आपसी कहासुनी हो गई। शुरू में यह विवाद सामान्य लग रहा था, लेकिन जल्द ही यह हाथापाई में बदल गया। मौके पर उपस्थित लोगों ने इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली, यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
पुलिस का हस्तक्षेप
जैसे ही पुलिस को इस घटना की सूचना मिली, तुरंत पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल, सिटी मजिस्ट्रेट सहित अन्य उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे। उनकी उपस्थिति ने स्थिति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने घटनास्थल पर पहुँचकर दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और इस विवाद को सुलझाने का आश्वासन दिया।
स्थिति को सामान्य करना
पुलिस अधीक्षक ने खुद दोनों पक्षों के लोगों के बीच जाकर उन्हें शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, “यह एक धार्मिक समारोह है और हमें इसे शांति के साथ मनाना चाहिए। मूर्तियां विसर्जन की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हमें एक साथ इसे सम्मानपूर्वक करना चाहिए। उन्होंने भक्तों के साथ खुद जय भवानी के नारे लगाए इसके बाद पुलिस जिंदाबाद के नारों की गूंज चारों तरफ सुनाई देने लगी और भक्तों की भीड़ जो उस समय वहां बवाल भी काट रहे थे पुलिस अधीक्षक के ही साथ नारे लगाते हुए विसर्जन स्थल की तरफ रवाना हो गई”
एसडीएम सदर भी मौके पर रहे, जहां पत्थरबाजी की सूचना थी। उन्होंने भी प्रदर्शनकारियों को समझाने में अहम भूमिका निभाई। पुलिस अधीक्षक और एसडीएम के प्रयासों से आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति को सामान्य किया गया।
मूर्ति विसर्जन का सफल समापन
पुलिस अधिकारियों के सामूहिक प्रयासों के चलते सभी मूर्तियों का विसर्जन सुचारू रूप से किया गया। इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी और विवाद न हो। मूर्ति विसर्जन के बाद स्थिति सामान्य हो गई, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई।
स्थानीय लोगों ने इस मामले में पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की। कुछ ने कहा कि “इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन को और सक्रिय रहना चाहिए। मूर्ति विसर्जन जैसे धार्मिक अवसर पर एकता और भाईचारे की आवश्यकता होती है।” वहीं, कुछ लोगों ने भी यह सुझाव दिया कि इस तरह के समारोहों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए।
प्रभात भारत विशेष
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब समाज में तनाव बढ़ता है, तो प्रशासन की सक्रियता और प्रभावी हस्तक्षेप कितने महत्वपूर्ण होते हैं। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल और एसडीएम सदर की तत्परता ने न केवल स्थिति को नियंत्रित किया बल्कि एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया कि हर धार्मिक समारोह को शांति और सद्भावना के साथ मनाना चाहिए। आशा है कि आगे चलकर ऐसी घटनाएं न हों और हम सभी मिलकर एक शांतिपूर्ण समाज की दिशा में कदम बढ़ाएं।