
गोण्डा, 24 अक्टूबर। बृहस्पतिवार को गोण्डा जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में चल रहे पचास लाख से अधिक लागत वाले भवन निर्माण एवं अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने विशेष रूप से निर्देश दिया कि सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए और किसी भी परिस्थिति में गुणवत्ता से समझौता न हो।
बैठक के दौरान, जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि इन निर्माण कार्यों की समय पर पूर्णता सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य सरकार के स्तर पर इन कार्यों की निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री जी स्वयं इन कार्यों की समीक्षा करते हैं। देरी होने पर शासकीय धन की हानि होती है और इससे जनहित के कार्य प्रभावित होते हैं।”
निर्माण कार्यों की समीक्षा का उद्देश्य
बैठक का मुख्य उद्देश्य था यह सुनिश्चित करना कि विकास परियोजनाएं समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरी हों, ताकि जनता को इन परियोजनाओं का लाभ मिल सके। इस समीक्षा बैठक में जिले के प्रमुख विकास अधिकारियों ने हिस्सा लिया और जिलाधिकारी ने प्रत्येक परियोजना की विस्तृत जानकारी ली। जिन परियोजनाओं में देरी हो रही थी, उनकी समस्याओं को जानने और उन्हें हल करने के निर्देश भी दिए गए।
जिलाधिकारी ने कहा, “जो भी निर्माण कार्य मामूली तकनीकी या अन्य प्रकार की कमियों के कारण शत प्रतिशत पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं, उन्हें तुरंत पूर्ण कराया जाए।” उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित विभागीय अधिकारी उन कार्यों को जल्द से जल्द हैंडओवर करें, ताकि जनता को सुविधाओं का लाभ मिल सके।
वित्तीय बाधाओं का समाधान
बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि कुछ परियोजनाएं बजट की कमी के कारण अधूरी रह गई थीं। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन परियोजनाओं में बजट की कमी है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाएं ताकि काम रुके नहीं। उन्होंने कहा, “बजट की कमी किसी भी परियोजना की पूर्णता में बाधा नहीं बननी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि समय पर बजट मंगवाकर सभी निर्माण कार्य पूरे किए जाएं।”
गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
बैठक में जिलाधिकारी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से छेड़छाड़ एक गंभीर अपराध है। इससे न केवल जनहित प्रभावित होता है, बल्कि यह शासकीय धन का दुरुपयोग भी होता है।” उन्होंने निर्माण एजेंसियों और संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी निर्माण कार्य उच्च गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हों। यदि किसी भी प्रकार की खामी पाई जाती है, तो तुरंत उसकी सूचना दी जाए और उसे सही किया जाए।
निर्माण कार्यों में देरी की समस्या
बैठक के दौरान कुछ अधिकारियों ने यह मुद्दा उठाया कि कुछ परियोजनाओं में ठेकेदारों की लापरवाही के कारण देरी हो रही है। इस पर जिलाधिकारी ने सख्त लहजे में कहा कि जो भी ठेकेदार या एजेंसी काम को समय पर पूरा करने में विफल रहती है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “निर्माण कार्यों में देरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे परियोजनाओं की निगरानी बढ़ाएं और नियमित रूप से निरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री की प्राथमिकता पर जोर
जिलाधिकारी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हैं, और यह उनके लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि निर्माण कार्य समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरे होने चाहिए। देरी न केवल शासकीय धन की क्षति करती है, बल्कि यह जनता के लिए भी हानिकारक होती है।”
बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
बैठक में जिलाधिकारी के साथ मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अंकिता जैन, जिला समाज कल्याण अधिकारी (डीएसटीओ) अरुण सिंह, सहायक जिला समाज कल्याण अधिकारी (एडीएसटीओ) राजेश पाण्डेय, प्रांतीय खंड के एक्सईएन प्रमोद त्रिपाठी, निर्माण खंड 2 के बीके त्रिपाठी, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के जेबी सिंह, यूपी सिडको के एई अतुल मिश्र, सहायक पर्यटन अधिकारी वंदना पाण्डेय सहित विभिन्न निर्माण एजेंसियों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों की परियोजनाओं की जानकारी प्राप्त की। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, लोक निर्माण, ग्रामीण अभियंत्रण, सिंचाई और अन्य विभागों की महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई।
उदाहरण के तौर पर, पर्यटन विभाग की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर विशेष जोर दिया गया, जिनमें प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास कार्य शामिल हैं। सहायक पर्यटन अधिकारी वंदना पाण्डेय ने बताया कि इन परियोजनाओं में अधिक ध्यान दिया जा रहा है, ताकि पर्यटकों की संख्या बढ़ाई जा सके और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा दिया जा सके।
समयबद्धता पर जोर
जिलाधिकारी ने सभी उपस्थित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि समय सीमा का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “हर परियोजना के लिए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की गई है, और इसका पालन करना हमारी जिम्मेदारी है। यदि किसी परियोजना में देरी होती है, तो इसका खामियाजा न केवल सरकार को उठाना पड़ता है, बल्कि जनता को भी इसका नुकसान होता है।” उन्होंने आगे कहा, “हम सभी को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा से आगे न जाए।”
आने वाले समय के लिए योजनाएं
जिलाधिकारी ने बैठक में यह भी कहा कि आने वाले समय में कई नई योजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें पचास लाख से अधिक की लागत वाले निर्माण कार्य शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को सही तरीके से कार्यान्वित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को अभी से तैयारी करनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार की योजना है कि गोण्डा जनपद को विकास के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, जिसके लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन योजनाओं की प्रगति पर नजर रखें और किसी भी प्रकार की रुकावट का तत्काल समाधान करें।
जनता की भलाई प्राथमिकता
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से अपील की कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें। उन्होंने कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम यहां जनता की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। हमें हर समय यह ध्यान में रखना होगा कि हमारे कार्यों से लोगों का जीवन बेहतर हो रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम जनता की आवश्यकताओं को किस हद तक पूरा कर पाते हैं। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे हर परियोजना को जनता की भलाई के दृष्टिकोण से देखें और सुनिश्चित करें कि कार्यों में कोई भी कमी न हो।
गोण्डा जिले में चल रहे पचास लाख से अधिक लागत वाले निर्माण कार्यों की यह समीक्षा बैठक न केवल प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि सभी कार्य समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं। जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा की यह पहल जिले के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस बैठक के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया कि गोण्डा प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि सभी विकास कार्य सही समय पर पूरे हों और जनता को इसका अधिकतम लाभ मिल सके। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में इन परियोजनाओं की प्रगति कैसे होती है और क्या जिलाधिकारी के निर्देशों का पालन किया जाता है।
इस बैठक में लिए गए निर्णयों का प्रभाव निश्चित रूप से जनपद के विकास पर पड़ेगा, और यह उम्मीद की जा रही है कि इससे जिले में चल रहे विकास कार्यों की गति में तेजी आएगी।