भीषण सड़क हादसे में चार लोगों की मौत, अनियंत्रित बोलेरो पेड़ से टकराई
गोण्डा 4 अक्टूबर। गोंडा जिले में एक दिल दहला देने वाले सड़क हादसे में चार लोगों की जान चली गई। यह दर्दनाक घटना शुक्रवार को इटियाथोक थाना क्षेत्र के बेंदुली गांव के पास घटी, जहां तेज रफ्तार बोलेरो गाड़ी अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। इस हादसे में बोलेरो में सवार सभी चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मरने वालों की पहचान अभिषेक साहू, धर्म सिंह, राम बच्चन पांडे और दीपू मिश्रा के रूप में हुई है। हादसा तब हुआ जब चारों व्यक्ति गोंडा से बलरामपुर स्थित देवीपाटन मंदिर जा रहे थे। बताया जा रहा है कि बोलेरो गाड़ी तेज गति में थी और ड्राइवर ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया, जिससे गाड़ी सीधे सड़क किनारे खड़े पेड़ से टकरा गई। इस टक्कर की वजह से गाड़ी के परखच्चे उड़ गए और अंदर बैठे चारों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
गाड़ी की तेज रफ्तार इस हादसे का मुख्य कारण मानी जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बोलेरो ने नियंत्रण खोते ही तेज़ी से पेड़ को टक्कर मारी, जिससे गाड़ी के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद इटियाथोक थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को अपने कब्जे में लिया। बेंदुली गांव के पास का यह इलाका विशेष रूप से खतरनाक माना जाता है, जहां पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। तेज गति से चलने वाले वाहनों के लिए यह सड़क एक बड़ी चुनौती बन जाती है, और इस तरह की घटनाएं बार-बार सामने आती रहती हैं।
हादसे में मारे गए चारों लोग गोंडा जिले के निवासी थे। अभिषेक साहू, धर्म सिंह, राम बच्चन पांडे और दीपू मिश्रा अपने धार्मिक यात्रा के लिए देवीपाटन मंदिर जा रहे थे। इन चारों के अचानक चले जाने से उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। पुलिस ने मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया है, और उनके शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। परिवारों ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इसे भगवान की मर्जी माना है। उनका कहना है कि इस दुर्घटना ने उनके परिवार की खुशियों को छीन लिया है। इस दुर्घटना ने इन परिवारों के लिए अनिश्चित भविष्य की चुनौती खड़ी कर दी इटियाथोक थाने की पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में बताया जा रहा है कि हादसे का मुख्य कारण वाहन की तेज रफ्तार और ड्राइवर का नियंत्रण खोना है। पुलिस ने गाड़ी को कब्जे में लेकर दुर्घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। साथ ही, यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं कोई तकनीकी खराबी तो इस हादसे का कारण नहीं बनी। पुलिस अधीक्षक ने घटना स्थल का दौरा किया और घटना की पूरी जानकारी ली। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा के उपायों को और सख्त किया जाएगा और इस क्षेत्र में अधिक पुलिस बल तैनात किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और तेज गति से चलने वाले वाहनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गोंडा और बलरामपुर के बीच की यह सड़क, जहां हादसा हुआ, पहले से ही दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात है। तेज गति और संकरी सड़कें हादसों की मुख्य वजह मानी जाती हैं, और स्थानीय प्रशासन पर भी सड़क सुरक्षा के मानकों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सड़क पर यातायात के नियमों का सख्ती से पालन कराने और वाहनों की गति सीमा निर्धारित करने के बावजूद, इस तरह की दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इन सड़कों पर और अधिक निगरानी रखनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाएं न हों।
इस भीषण हादसे की खबर जैसे ही इलाके में फैली, शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के परिवारों के प्रति लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। स्थानीय नेताओं और समाज के लोगों ने भी पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और प्रशासन से मांग की है कि इस सड़क पर सुधार कार्य किए जाएं ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि दुर्घटना के कारणों की गहन जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
गोंडा में हुआ यह भीषण सड़क हादसा एक बार फिर हमें सड़क सुरक्षा के महत्व की याद दिलाता है। तेज रफ्तार और असावधानी से चलाए गए वाहन न केवल ड्राइवर के लिए बल्कि अन्य लोगों के लिए भी घातक हो सकते हैं। प्रशासन को इस घटना से सीख लेकर सड़क सुरक्षा के उपायों को और सख्त करना चाहिए और वाहनों की गति पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नागरिकों को भी अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और यातायात नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए।

