
जानलेवा हमले से पीड़ित सुनील कुमार घायल
लखनऊ, 24 अक्टूबर। राजधानी लखनऊ के राजकीय गुलिस्ता कॉलोनी में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहाँ दबंगों ने विधान परिषद सदस्य रामचंद्र सिंह प्रधान के आवास पर घुसकर एक कर्मी के साथ मारपीट की और उसे जान से मारने की कोशिश की। घटना का शिकार हुए सुनील कुमार ने बताया कि भीम वर्मा नामक व्यक्ति और उसके दो साथियों ने लोहे की रॉड से उस पर जानलेवा हमला किया। इस हमले में सुनील कुमार को कई गंभीर चोटें आईं। हमलावर घटना के बाद मौके से फरार हो गए।
घटना के संबंध में सुनील कुमार ने स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। सुनील कुमार ने अपनी शिकायत में कहा है कि यह हमला पूर्व में हुई एक छोटी सी कहासुनी के बाद हुआ है। इस घटना से इलाके में भय और आतंक का माहौल बन गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की तलाश की जा रही है।
घटना का विवरण
घटना का विवरण देते हुए सुनील कुमार ने बताया कि वह विधान परिषद सदस्य रामचंद्र सिंह प्रधान के घर पर खाना बनाने का काम करता है और उनका आवास लखनऊ के राजकीय गुलिस्ता कॉलोनी में स्थित है। 21 अक्टूबर 2024 को सुनील कुमार का भीम वर्मा नामक व्यक्ति से किसी बात पर विवाद हुआ था। उस वक्त मामला सामान्य झगड़े का था और दोनों पक्षों ने इसे नजरअंदाज कर दिया था।
हालांकि, अगले ही दिन 22 अक्टूबर को शाम करीब 4 बजे के आसपास भीम वर्मा अपने दो साथियों के साथ रामचंद्र सिंह प्रधान के आवास में घुस आया और लोहे की रॉड से सुनील कुमार पर हमला कर दिया। सुनील ने बताया कि हमले के दौरान उसके हाथ, पैर, सिर, पीठ और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटें आईं। जब सुनील ने शोर मचाया तो हमलावर तुरंत चार पहिया वाहन से भाग निकले।
सुनील कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि हमले के दौरान उसे ऐसा लगा कि उसकी जान खतरे में है। हमलावर बेहद आक्रामक थे और उनकी मंशा साफ थी कि वे उसे मारने के इरादे से आए थे। घटना के बाद घायल अवस्था में सुनील कुमार ने पुलिस को सूचना दी और अपने बचाव के लिए आवाज़ लगाई। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल प्राथमिकी दर्ज की और जांच शुरू की है।
सुनील कुमार का कहना है कि यह हमला किसी व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते किया गया है, लेकिन उसने इस बात को स्पष्ट किया कि वह भीम वर्मा को पहले से ठीक से नहीं जानता था और उनका पहले से कोई बड़ा विवाद भी नहीं था। एक मामूली कहासुनी के बाद इतनी बड़ी घटना होना चौंकाने वाली बात है, और इससे साफ होता है कि हमलावर दबंग प्रवृत्ति के लोग थे, जिनका उद्देश्य उसे गंभीर रूप से चोट पहुँचाना था।
विधान परिषद सदस्य के आवास पर हुई घटना
यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्य के एक प्रमुख नेता के आवास पर घटी है। रामचंद्र सिंह प्रधान उत्तर प्रदेश विधान परिषद के एक प्रमुख सदस्य हैं, और उनके आवास पर दबंगों का इस प्रकार घुसकर हमला करना कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में भय का माहौल है और लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि जब एक जनप्रतिनिधि के घर पर इस तरह की घटना हो सकती है, तो आम आदमी कितना सुरक्षित है।
रामचंद्र सिंह प्रधान ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और पुलिस प्रशासन से हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, “यह घटना हमारे समाज में बढ़ती हुई हिंसा और असहिष्णुता का उदाहरण है। मैं पुलिस से अपील करता हूँ कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें कड़ी सजा दी जाए।”
स्थानीय पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और सुनील कुमार की शिकायत पर कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने सुनील के बयान के आधार पर भीम वर्मा और उसके दो अज्ञात साथियों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद बताया कि यह हमला व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम प्रतीत होता है, लेकिन मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि हमले के पीछे की असली वजह पता चल सके।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमलावरों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को भी कड़ा कर दिया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
हमले के बाद सुनील कुमार को तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसकी प्राथमिक चिकित्सा की गई। डॉक्टरों के अनुसार, सुनील की हालत गंभीर थी लेकिन अब उसकी स्थिति स्थिर है। सुनील के शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं, खासकर उसके सिर और पीठ पर। डॉक्टरों का कहना है कि यदि सुनील ने समय रहते शोर नहीं मचाया होता, तो हमलावर उसे और भी गंभीर चोट पहुँचा सकते थे।
सुनील कुमार का इलाज जारी है और डॉक्टरों ने उसे कुछ दिनों के लिए आराम करने की सलाह दी है। इस बीच, उसके परिजनों ने भी घटना की कड़ी निंदा की है और पुलिस से हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
समाज में बढ़ती हिंसा और अपराध
यह घटना एक बार फिर समाज में बढ़ते हुए हिंसा और अपराध के स्तर को उजागर करती है। लखनऊ जैसे शहर में, जहाँ प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था मजबूत मानी जाती है, इस प्रकार की घटनाएँ समाज के लिए चिंता का विषय हैं। दबंगों द्वारा खुलेआम घर में घुसकर इस तरह की हिंसा करना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि समाज में असुरक्षा की भावना को भी बढ़ाता है।
ऐसी घटनाओं का मुख्य कारण यह है कि अपराधी खुद को कानून से ऊपर समझते हैं और उन्हें यह भरोसा होता है कि वे बच निकलेंगे। लेकिन समाज में बढ़ती हुई हिंसा और अपराध पर लगाम लगाना अब प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते भी लोग कानून की परवाह किए बिना इस हद तक जा सकते हैं।
कानून व्यवस्था पर सवाल
यह घटना लखनऊ की कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। जिस प्रकार से एक दबंग व्यक्ति ने विधान परिषद सदस्य के घर में घुसकर जानलेवा हमला किया, वह स्पष्ट करता है कि अपराधी अब किसी से नहीं डरते। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब एक प्रमुख नेता के घर पर इस प्रकार की घटना हो सकती है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है?
घटना के बाद इलाके में रहने वाले लोग डरे हुए हैं और उन्होंने पुलिस प्रशासन से इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि वे अब अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और ऐसी घटनाएँ उनके जीवन में असुरक्षा की भावना को और बढ़ा रही हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद राज्य के राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि जब एक जनप्रतिनिधि के घर पर इस प्रकार की घटना हो सकती है, तो आम जनता कितनी असुरक्षित है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। दलों ने सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए ताकि कानून व्यवस्था बहाल हो सके।
लखनऊ में हुई इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि दबंग प्रवृत्ति के लोग समाज में आतंक फैलाने से पीछे नहीं हटते। एक जनप्रतिनिधि के घर में घुसकर जानलेवा हमला करना यह दिखाता है कि अपराधी अब कानून और प्रशासन से नहीं डरते। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि यदि कानून व्यवस्था को सख्त नहीं किया गया, तो इस प्रकार की घटनाओं में और भी वृद्धि हो सकती