
भारतीय एयर डिफेंस की सतर्कता से नाकाम हुए पाकिस्तानी हमले
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों की निर्णायक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला गया है। गुरुवार रात करीब 11 बजे पाकिस्तानी सेना ने जम्मू क्षेत्र को निशाना बनाकर एक बार फिर भारतीय क्षेत्र में मिसाइल और ड्रोन हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम, विशेषकर एस-400 ट्रायम्फ और स्वदेशी विकसित ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली ने इन प्रयासों को विफल कर दिया। रॉयटर के एक पत्रकार के अनुसार, रात के अंधेरे में जम्मू के आसमान पर लगातार लगभग ढाई घंटे तक लाल चमक और प्रोजेक्टाइल्स की आवाजाही देखी गई, जिससे शहर में सायरन बजा दिए गए और लोगों को सतर्क रहने को कहा गया।
ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
बौखलाए पाकिस्तान ने इस हमले की योजना नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगातार गोलीबारी और ड्रोन घुसपैठ के माध्यम से बनाई थी। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पहले ही इसके संकेत दे दिए थे, जिसके कारण वायुसेना और थलसेना की तैनाती को मजबूत कर दिया गया था। पाकिस्तान की ओर से हमलों की विफलता ने उसकी रणनीतिक विफलता को उजागर कर दिया, जिससे उसकी सेना और सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे।
भारतीय जवाब: आठ पाकिस्तानी शहरों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला
भारत ने पाकिस्तान की उकसावे वाली हरकतों का मुँहतोड़ जवाब देने के लिए सीमाओं के भीतर रहते हुए जवाबी हमला किया। शुक्रवार सुबह साढ़े चार बजे से शुरू हुए जवाबी ऑपरेशन में भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर इस्लामाबाद, लाहौर, कराची, सियालकोट, बहावलपुर, रावलपिंडी, मीरपुर और पेशावर के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। जानकारी के मुताबिक, भारत ने इस हमले में अत्याधुनिक हारोप ड्रोन, प्रहार मिसाइल और स्पाइस-2000 जैसे स्मार्ट हथियारों का प्रयोग किया। लाहौर के बाहरी इलाके में स्थित एक पाकिस्तानी एयर डिफेंस यूनिट पर इजरायल से खरीदे गए हारोप ड्रोन द्वारा हमला कर उसे पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया गया।
सैन्य रणनीति और एयर डिफेंस की भारतीय ताकत
भारतीय वायुसेना की रणनीति का संचालन एकीकृत थिएटर कमांड और सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) के नेतृत्व में किया गया। इस कार्रवाई में इंटीग्रेटेड काउंटर-यूएएस ग्रिड की प्रमुख भूमिका रही, जिसने न सिर्फ पाकिस्तान के ड्रोन को मार गिराया, बल्कि भारतीय क्षेत्र में किसी भी प्रकार की क्षति नहीं होने दी। आकाश, बराक-8, और क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम (QRSAM) जैसे आधुनिक सिस्टम ने इस संयुक्त अभियान में अहम भूमिका निभाई। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार ने दिल्ली में आपात बैठक कर इस ऑपरेशन की समीक्षा की।
पाकिस्तानी मिसाइल हमलों की सूची और विफलता
पाकिस्तानी हमलों का दायरा व्यापक था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तान ने जम्मू, अवंतीपुरा, श्रीनगर, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, आदमपुर, भटिंडा, जालंधर, लुधियाना, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज समेत भारत के 15 प्रमुख सैन्य शहरों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। लेकिन यह सारी कोशिशें भारत के बहुस्तरीय वायु रक्षा कवच के सामने नाकाम हो गईं। हर सेक्टर में भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क थी और किसी भी संभावित खतरे का तत्काल जवाब देने के लिए तैयार थी।
लाहौर में एचक्यू-9 सिस्टम का नाश और पाकिस्तान की घबराहट
लाहौर के बाहरी क्षेत्र में स्थित चीन निर्मित एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे पाकिस्तान ने हाल ही में तैनात किया था, उसे भारत के हारोप ड्रोन ने पूरी तरह तबाह कर दिया। यह हमला पाकिस्तानी रक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा झटका था क्योंकि चीन द्वारा बनाए गए इस सिस्टम को बेहद उन्नत और भारत के खिलाफ उपयोगी माना जाता था। इस हमले ने पाकिस्तान के रक्षा खरीद और रणनीतिक साझेदारियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बाद पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर भी सरकार और सेना के खिलाफ गुस्से की लहर देखने को मिली।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और खुफिया तंत्र की विफलता
भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और आईएसआई प्रमुख के साथ एक आपात बैठक बुलाई। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक प्रेस वार्ता में भारत की ओर से हुए 12 ड्रोन हमलों की पुष्टि की। उन्होंने दावा किया कि इनमें से अधिकांश को निष्क्रिय कर दिया गया, लेकिन यह भी स्वीकार किया कि लाहौर के एयर डिफेंस स्टेशन पर आंशिक क्षति हुई है। यह बयान पाकिस्तान की अंतर्विरोधी स्थिति को दर्शाता है, जहाँ सेना और सरकार दोनों की विश्वसनीयता खतरे में है।
भारत की सैन्य-सामरिक बढ़त और वैश्विक प्रतिक्रिया
भारत की सैन्य प्रतिक्रिया को अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे देशों ने संयमित और आत्मरक्षा के दायरे में बताया है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है लेकिन भारत की कार्रवाई को एक वैध सैन्य उत्तर माना गया है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने पाकिस्तान की किसी भी हरकत को नजरअंदाज करने के बजाय सटीक और प्रभावशाली जवाब दिया है, जिससे क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति मजबूत हुई है।
सिविलियन क्षति नहीं, केवल सैन्य ठिकानों को बनाया निशाना
भारतीय सेना ने अपनी रणनीति में साफ निर्देश दिए कि किसी भी नागरिक ठिकाने को नुकसान न पहुंचे। ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद हुई कार्रवाई में केवल उन ठिकानों को निशाना बनाया गया जो या तो आतंकवादियों को पनाह दे रहे थे या फिर ड्रोन, मिसाइल और हथियार लॉन्च करने के केंद्र बने हुए थे। यह भारतीय सैन्य सिद्धांतों के अनुरूप था और अंतरराष्ट्रीय मानकों के भी अनुकूल है।
आगे की रणनीति और सतर्कता का दौर
सीडीएस की अगुवाई में भारतीय सेना लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। सीमा पर अतिरिक्त सेना भेजी जा रही है और एयरबेस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। रडार नेटवर्क, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और मानव रहित निगरानी प्रणाली को सक्रिय कर दिया गया है। सरकार ने यह भी संकेत दिए हैं कि यदि पाकिस्तान द्वारा कोई और दुस्साहस किया गया तो उसका जवाब और भी कठोर होगा। वहीं देश की जनता में भी आत्मविश्वास और सेना पर भरोसे की लहर है।