
गोण्डा 10 अक्टूबर। थाना क्षेत्र छपिया के कस्बा मसकनवा में नवरात्रि के सप्तमी के दिन दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक सांप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। मसकनवा कस्बे के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र में स्थापित दुर्गा प्रतिमा के पास कुछ गोले दागे जाने से दो समुदायों के बीच विवाद खड़ा हो गया। स्थानीय पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के चलते स्थिति को नियंत्रण में लाया गया और किसी बड़ी घटना को टाल दिया गया। हालांकि, घटना के बाद से क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
घटना का विवरण:
नवरात्रि के सप्तमी के अवसर पर 9 अक्टूबर, 2024 की रात लगभग 11:30 बजे, मसकनवा कस्बे में स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में प्रतिमा की आंखों पर बंधी पट्टी खोलने की परंपरा का आयोजन किया जा रहा था। इस आयोजन के दौरान आतिशबाजी की जा रही थी, जिसमें कुछ पटाखों के गोले पास में स्थित दूसरे समुदाय के घरों के पास गिर गए। यह देखते ही दूसरे समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के बीच वाद-विवाद शुरू हो गया। विवाद बढ़ते ही बड़ी संख्या में एक पक्ष के लोग एकत्रित हो गए और माहौल में तनाव फैल गया।
स्थानीय पुलिस को इस घटना की सूचना मिलने पर तुरंत मौके पर भेजा गया, और साथ ही पुलिस अधीक्षक तथा ज़िलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। प्रशासन ने स्थानीय जागरूक नागरिकों की मदद से दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया, ताकि स्थिति और अधिक न बिगड़े।
प्रशासनिक हस्तक्षेप:
घटना के तुरंत बाद, प्रशासन ने संयम और शांति की अपील की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर भीड़ को शांत करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस अधीक्षक और ज़िलाधिकारी ने भीड़ को समझाया और मामले को शांति से निपटाने का प्रयास किया। लगभग सुबह चार बजे तक प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल मौके पर मौजूद रहे और स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी। प्रशासन ने दुर्गा पूजा आयोजन समिति के साथ-साथ दूसरे पक्ष के लोगों से बातचीत की और मामले को शांतिपूर्वक हल किया।
कानूनी कार्यवाही:
दुर्गा पूजा आयोजन समिति द्वारा दूसरे समुदाय पर आरोप लगाए गए कि उनके घरों के सामने गोले दागे जाने के बाद तनाव बढ़ा। समिति ने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष के लोगों ने जानबूझकर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। इसके बाद समिति की तरफ से थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई।
थाना छपिया में इस मामले पर मु०अ०सं० 255/25 धारा 124, 190, 191(2), 298, 299, 302, 352, 351(3) बीएनएस व 7 सीएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इसमें मुख्य आरोपी के तौर पर असलम का नाम सामने आया, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस द्वारा आरोपित से पूछताछ की जा रही है और मामले की आगे की जांच जारी है।
घटना के बाद से इलाके में पुलिस की सतर्कता बढ़ा दी गई है। पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। साथ ही, मैजिस्ट्रेट की उपस्थिति में स्थिति की निगरानी की जा रही है। पुलिस और प्रशासन लगातार इलाके के लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
गोण्डा पुलिस द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि इलाके में शांति व्यवस्था कायम है और स्थिति सामान्य है। पुलिस बल स्थिति पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए है और यह सुनिश्चित कर रही है कि आगे किसी भी तरह का तनाव न उत्पन्न हो।
प्रशासन की अपील:
घटना के बाद गोण्डा प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वह संयम बनाए रखें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। प्रशासन ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति माहौल बिगाड़ने की कोशिश करता है या किसी भी प्रकार से शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी कहा कि त्योहारों को शांति और परंपरागत तरीके से मनाने में सभी का सहयोग अपेक्षित है।
प्रशासन ने यह भी कहा है कि किसी भी विवाद को बढ़ाने से बेहतर है कि लोग अपने मुद्दों को संवाद और समझदारी से सुलझाएं। त्योहारों का उद्देश्य खुशी और सौहार्द लाना होता है, न कि तनाव और संघर्ष। ऐसे में सभी से अपील है कि वह प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और शांति बनाए रखें।
पुलिस की सतर्कता:
इस घटना के बाद से पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गए हैं। पूरे क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। साथ ही, पुलिस प्रशासन ने सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखने का फैसला किया है, ताकि किसी भी तरह की भ्रामक सूचना या अफवाह न फैलाई जा सके।
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील:
घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने एक बार फिर से जनता से अपील की है कि वह सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखें। दोनों समुदायों के लोगों से अपील की गई है कि वह संयम बरतें और किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी प्रकार की अफवाह या भ्रामक सूचना फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि त्योहारों के दौरान थोड़ा सा भी असंयम माहौल को बिगाड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि समाज के सभी वर्गों के लोग मिलजुल कर शांति और भाईचारे का परिचय दें और हर विवाद को संवाद के माध्यम से हल करें।
गोण्डा जिले के मसकनवा कस्बे में नवरात्रि के दौरान उत्पन्न सांप्रदायिक तनाव को प्रशासन ने तत्परता से नियंत्रित कर लिया। प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई के चलते स्थिति को बिगड़ने से रोका गया और क्षेत्र में शांति बहाल की गई। घटना के बाद से इलाके में सतर्कता बढ़ा दी गई है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। जनता से अपील की गई है कि वह शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें।
सांप्रदायिक सौहार्द और शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सभी लोग मिलजुल कर त्योहारों का आनंद लें और किसी भी प्रकार की अफवाह या विवाद से बचें। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।