
जनशिकायतों का गुणवत्ता के साथ ससमय निस्तारण डीएम नेहा शर्मा की प्राथमिकता
गोण्डा 9 जनवरी। उत्तर प्रदेश की दिसंबर 2024 आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रेवांस रीड्रेसल सिस्टम) रैंकिंग में गोण्डा जिले की दो प्रमुख तहसीलें — तरबगंज और गोण्डा — प्रदेश में प्रथम स्थान पर आ गई हैं। इस उपलब्धि ने न केवल गोण्डा जिले को गर्व का क्षण दिया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि एक कुशल प्रशासनिक तंत्र के माध्यम से जनसमस्याओं का प्रभावी समाधान संभव है।
तरबगंज तहसील के एसडीएम विशाल कुमार और गोण्डा तहसील के एसडीएम अवनीश त्रिपाठी के नेतृत्व में इन तहसीलों ने आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को समयबद्ध और गुणवत्ता-प्रधान तरीके से निपटाने में सफलता पाई। दोनों अधिकारियों ने शिकायत समाधान की प्रक्रिया को चुस्त-दुरुस्त करने और आम जनता के विश्वास को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तरबगंज और गोण्डा तहसील में शिकायत निस्तारण की प्रक्रिया को व्यवस्थित और तेज बनाने के लिए विशेष रणनीति अपनाई गई। शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर वर्गीकृत कर उनका समाधान तय समय सीमा के भीतर किया गया। इससे न केवल समाधान की दर बेहतर हुई, बल्कि शिकायतकर्ताओं का संतोष भी सुनिश्चित हुआ
एसडीएम विशाल कुमार और एसडीएम अवनीश त्रिपाठी ने न केवल शिकायतों का समाधान किया, बल्कि इस प्रक्रिया की सतत निगरानी भी की। उनका ध्यान केवल शिकायतों की संख्या पर नहीं, बल्कि उनके गुणवत्ता-पूर्ण निस्तारण पर भी रहा।
आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से शिकायतों की वास्तविक स्थिति का डेटा नियमित रूप से अपडेट किया गया। शिकायतों की प्राथमिकता, समाधान की समयसीमा, और समाधान की स्थिति पर डिजिटल मॉनिटरिंग की गई। यह डिजिटल प्रणाली पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में सहायक रही
इन तहसीलों के कर्मचारी और अधिकारियों ने एक संगठित टीम के रूप में काम किया। सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया कि शिकायतों के समाधान में देरी न हो। नियमित बैठकें आयोजित की गईं ताकि समस्याओं की पहचान कर उनका समाधान किया जा सके।
डीएम नेहा शर्मा का निर्णायक नेतृत्व
तरबगंज और गोण्डा तहसीलों की सफलता के पीछे जिलाधिकारी नेहा शर्मा के प्रभावी नेतृत्व और दूरदर्शिता को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने पूरे जिले में जनशिकायतों के त्वरित समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
डीएम ने जनशिकायतों के समाधान को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने तहसीलों और संबंधित विभागों को समयबद्धता के साथ-साथ समाधान की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। शिकायतकर्ताओं से भी फीडबैक लिया गया ताकि संतोषजनक समाधान की पुष्टि हो सके।
डीएम ने अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें कीं, जिसमें जनशिकायतों के निस्तारण की स्थिति की समीक्षा की गई। बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित किया गया, जबकि खराब प्रदर्शन करने वालों को चेतावनी दी गई।
जिले की अन्य तहसीलों, जैसे मनकापुर का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा। इसे लेकर डीएम ने सख्त कदम उठाए। संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि यदि सुधार नहीं हुआ तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अगस्त 2024 में गोण्डा जिला राजस्व वाद निस्तारण में प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा था। डीएम नेहा शर्मा की प्रभावी रणनीतियों का यह परिणाम था। उन्होंने तहसीलों को लक्ष्य निर्धारित कर बेहतर परिणाम देने के लिए प्रेरित किया।
तरबगंज और गोण्डा तहसील का प्रदर्शन प्रदेश के अन्य जिलों के लिए एक प्रेरणा बन गया है। यह सफलता केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जनता के प्रति प्रशासनिक जिम्मेदारी का प्रतीक है।
यह उपलब्धि दर्शाती है कि यदि प्रशासनिक तंत्र प्रभावी और जवाबदेह हो, तो सरकारी योजनाओं को जनसामान्य के लिए लाभकारी बनाया जा सकता है इन तहसीलों में जनशिकायतों के त्वरित और गुणवत्ता-प्रधान समाधान ने आम जनता का विश्वास बढ़ाया है। यह सफलता प्रशासन और जनता के बीच सकारात्मक संवाद स्थापित करने में सहायक रही। तरबगंज और गोण्डा तहसील की सफलता जिले की अन्य तहसीलों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करती है। यह उन्हें अपने प्रदर्शन को सुधारने और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए प्रेरित करती है। हालांकि तरबगंज और गोण्डा तहसील ने प्रदेश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया, लेकिन जिले की समग्र रैंकिंग 22वें स्थान पर रही।
गोण्डा जिले ने 92.31% शिकायतों का समाधान किया। हालांकि यह दर संतोषजनक है, लेकिन अन्य जिलों की तुलना में सुधार की आवश्यकता है। मनकापुर प्रदर्शन अपेक्षा से कम रहा। इनके कारण जिले की समग्र रैंकिंग प्रभावित हुई। डीएम ने इन तहसीलों के अधिकारियों को प्रदर्शन में सुधार के सख्त निर्देश दिए।
तरबगंज और गोण्डा तहसील ने आईजीआरएस रैंकिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त कर यह साबित किया है कि समर्पण और कुशल प्रशासनिक प्रबंधन से सरकारी तंत्र को प्रभावी बनाया जा सकता है। डीएम नेहा शर्मा के नेतृत्व में जिले ने जनशिकायतों के समाधान में एक नई दिशा तय की है।
अब यह अन्य तहसीलों और जिलों पर निर्भर करता है कि वे इस सफलता से प्रेरणा लेकर अपने प्रदर्शन में सुधार करें। तरबगंज और गोण्डा तहसील का यह प्रदर्शन प्रदेश में प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता की एक मिसाल बन गया है।