
नई दिल्ली 26 सितंबर। उच्च रक्तचा, गैस और अपच जैसे सामान्य परेशानियों के लिए बाजार में बेची जाने वाली 50 से अधिक दावों को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने अभी अपने हाल के सर्वेक्षण में मानक गुणवत्ता के विपरीत पाया है नई दावों और समय-समय पर परीक्षणों के अनुमोदन के लिए जिम्मेदार केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने अलर्ट जारी किया है जिसमें बताया गया है कि ऐसी दवाई बाजार में खुलेआम बेची जा रही हैं सीडीएससीओ के द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार पिछले ही महीने विभिन्न कंपनियों द्वारा निर्मित 50 से अधिक दावों के कुछ बैच मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए गए हैं इसमें प्रमुख कंपनियों द्वारा बेची जाने वाली दवाएं भी शामिल हैं उदाहरण के लिए सन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित पल्मोसिल (सिल्डेनाफिल इंजेक्शन) का एक विशिष्ट बैच मानक गुणवत्ता का नहीं पाया गया। हालांकि, कंपनी ने सीडीएससीओ को दिए अपने जवाब में दावा किया कि उत्पाद का दूषित बैच उसके द्वारा निर्मित नहीं किया गया था इसी कंपनी द्वारा निर्मित पेंटोसिड का एक खास बैच, जो आमतौर पर एसिड रिफ्लक्स और अपच के लिए इस्तेमाल किया जाता है, भी नकली पाया गया। ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दो दवाओं के मिश्रण टेल्मा एच (टेल्मिसर्टन 40mg और हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड 12.5mg टैबलेट आईपी) का एक खास बैच गैर-मानक पाया गया। ग्लेनमार्क ने भी दावा किया कि वह खास बैच उसके द्वारा नहीं बनाया गया था। एक अन्य प्रमुख दवा कंपनी एल्केम हेल्थ साइंस द्वारा निर्मित एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलैनेट टैबलेट आईपी (क्लैवम 625) का भी एक बैच मानकों पर खरा नहीं उतरा। सीडीएससीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “किसी दवा के किसी खास बैच के मानकों पर खरा न उतरने का मतलब यह नहीं है कि उस नाम से बेची जा रही सभी दवाएँ घटिया हैं। साथ ही, गुणवत्ता संबंधी मुद्दों की समय-समय पर निगरानी की जाती है और अक्सर किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या को रोकने के लिए तुरंत समाधान किया जाता है।” दवा नियामक निकाय नियमित आधार पर नमूनाकरण और परीक्षण करते हैं ताकि अधिकारियों को अच्छे विनिर्माण (जीएमपी) के संभावित उल्लंघन के बारे में पता लगाया जा सके और उन्हें सचेत किया जा सके। अधिकारियों ने कहा कि वांछित मानकों में कमी वाले नमूनों की संख्या में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार दबाव बनाए रखना जारी रखती है, इसलिए विनिर्माण प्रक्रिया में सुधार होता है और कोई उल्लंघन नहीं होता है।