
गोंडा 19 अप्रैल । पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा को लेकर पूरे देश में आक्रोश की लहर है, और अब इस आक्रोश की गूंज उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में भी सुनाई देने लगी है। सोमवार को गोंडा जिले में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बाइक रैली और पैदल मार्च के जरिए मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की, और राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपकर दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की।
सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भगवा ध्वज के साथ किया कलेक्ट्रेट कूच
गोंडा शहर के विभिन्न हिस्सों से एकत्र होकर सैकड़ों की संख्या में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भगवा झंडे थामे हुए मोटरसाइकिलों और पैदल मार्च के जरिए कलेक्ट्रेट परिसर की ओर रवाना हुए। पूरे रास्ते में ‘ममता बनर्जी सरकार को बर्खास्त करो’, ‘हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो’, ‘मुर्शिदाबाद के हत्यारों को फांसी दो’ जैसे नारे गूंजते रहे। प्रदर्शनकारियों की ऊर्जा और आक्रोश यह स्पष्ट कर रहा था कि अब यह केवल एक राज्य विशेष की बात नहीं रही, बल्कि यह पूरे देश की अस्मिता का प्रश्न बन चुका है।
मुर्शिदाबाद हिंसा पर केंद्रित रहा विरोध, राष्ट्रपति को ज्ञापन
प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि मुर्शिदाबाद में हिंदू समाज पर योजनाबद्ध ढंग से हिंसा की जा रही है। धार्मिक भावनाओं को आहत करने, हिंदू युवाओं की हत्या और मंदिरों को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाएं सामान्य होती जा रही हैं। ज्ञापन में मांग की गई कि दोषियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए और उन्हें सरेआम फांसी दी जाए ताकि देश में एक उदाहरण प्रस्तुत हो सके।
विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक गुड्डू वर्मा की तीखी प्रतिक्रिया
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक राकेश कुमार उर्फ गुड्डू वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह हिंसा सिर्फ बंगाल की नहीं, बल्कि भारत के हर हिंदू की आत्मा पर हमला है। हम ममता सरकार की मिलीभगत से हुई इस हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर केंद्र सरकार और राष्ट्रपति ने इस पर कठोर कार्रवाई नहीं की, तो यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर फैलाया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार ने त्वरित कार्रवाई नहीं की तो देश के कोने-कोने में विशाल धरना प्रदर्शन की योजना बनाई जाएगी।
शांति और अनुशासन में रहा प्रदर्शन, लेकिन भावनाएं उग्र
गोंडा में हुआ यह विरोध प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन प्रदर्शनकारियों की भावनाएं बेहद उग्र थीं। कई युवाओं ने तख्तियों पर “भारत माता की जय” और “हिंदू एकता जिंदाबाद” जैसे नारे लिखे थे। पूरे आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया था। किसी प्रकार की असामाजिक गतिविधि न हो, इसके लिए मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी खुद मौके पर मौजूद रहे।
ममता सरकार की बर्खास्तगी की मांग तेज
विरोध प्रदर्शन के केंद्र में ममता बनर्जी सरकार की भूमिका सबसे बड़ा मुद्दा रही। विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों का आरोप है कि ममता सरकार केवल तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और हिंदू समाज की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से असंवेदनशील है। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि बंगाल में दंगों को प्रायोजित किया जा रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। इसलिए यह आवश्यक है कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत पश्चिम बंगाल की सरकार को बर्खास्त करे।
प्रशासन से मिली-जुली प्रतिक्रिया, ज्ञापन पर कार्यवाही का भरोसा
गोंडा के सिटी मजिस्ट्रेट ने प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन ग्रहण किया और आश्वासन दिया कि इसे यथाशीघ्र प्रदेश सरकार और फिर राष्ट्रपति कार्यालय तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर नागरिक की भावनाओं और सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने की भी अपील की।
बंगाल की राजनीति पर देशभर में उठे सवाल
गोंडा में हुआ यह प्रदर्शन दर्शाता है कि बंगाल की घटनाओं पर अब देशभर के नागरिक न केवल चिंतित हैं, बल्कि आक्रोशित भी हैं। बंगाल की राजनीति में जिस प्रकार से हिंसा को एक औजार की तरह प्रयोग किया जा रहा है, वह लोकतंत्र के लिए एक गंभीर संकट बनता जा रहा है। धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक समरसता को जिस तरह से रौंदा जा रहा है, उस पर अब चुप रहना देश के लिए खतरा बन सकता है।
हिंदू संगठनों की चेतावनी: देशव्यापी आंदोलन की तैयारी
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों ने संकेत दिया है कि अगर आने वाले समय में पश्चिम बंगाल सरकार पर कोई कार्रवाई नहीं होती, तो वे देशव्यापी आंदोलन की ओर बढ़ेंगे। गोंडा से उठी यह चिंगारी अब एक बड़े जनआंदोलन का रूप ले सकती है। इसके लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं और देश के कोने-कोने में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
क्या ममता सरकार पर होगा कोई असर?
गोंडा जैसे छोटे जिले से उठी आवाज अब राष्ट्रीय मंच पर गूंजने लगी है। हिंदू संगठनों की नाराजगी और आम जनता की भावनाएं यह स्पष्ट कर रही हैं कि पश्चिम बंगाल की हिंसा को लेकर देश अब चुप बैठने को तैयार नहीं। सवाल यह है कि क्या ममता बनर्जी सरकार इस जनआक्रोश को समझेगी, या फिर आने वाले दिनों में विरोध और अधिक तीव्र होगा?