
गोण्डा, 07 मार्च 2025। जिलाधिकारी / सम्भागीय खाद्य नियंत्रक, देवीपाटन सम्भाग, गोण्डा द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में मण्डलीय एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में वर्ष 2024-25 के अंतर्गत धान खरीद की समीक्षा की गई, साथ ही वर्ष 2025-26 में प्रस्तावित गेहूँ खरीद की तैयारियों का भी व्यापक जायजा लिया गया। बैठक में देवीपाटन सम्भाग के जनपद गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच एवं श्रावस्ती के क्रय केंद्रों की स्थिति पर विशेष चर्चा की गई।
धान खरीद के आंकड़े और प्रेषण की स्थिति
बैठक में जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि सम्भाग में कुल 304 धान क्रय केंद्रों का संचालन किया गया, जिनके लिए 3,47,000 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित था। निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 114.40 प्रतिशत यानी 3,97,078.39 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। यह धान 47,566 किसानों से खरीदा गया, जिससे किसानों को सरकारी समर्थन मूल्य का लाभ मिला।
धान खरीद के पश्चात चावल मिलों को अनिवार्य प्रेषण की प्रक्रिया भी सुचारू रूप से जारी है। कुल खरीदी गई धान की मात्रा 3,97,078.39 मीट्रिक टन में से 3,82,571.95 मीट्रिक टन (96.35 प्रतिशत) धान चावल मिलों को भेजा जा चुका है, जबकि मात्र 14,506.44 मीट्रिक टन धान अभी भी प्रेषण हेतु शेष है।
धान से चावल उत्पादन के बाद भारतीय खाद्य निगम (FCI) में प्रेषण किए जाने वाले चावल की मात्रा भी संतोषजनक रही। कुल देय सीएमआर (Custom Milled Rice) 2,68,702.95 मीट्रिक टन में से 2,49,938.26 मीट्रिक टन (93.02 प्रतिशत) चावल एफसीआई को प्रेषित किया जा चुका है, जबकि 18,764.69 मीट्रिक टन सीएमआर का प्रेषण अभी लंबित है।
किसानों को भुगतान की स्थिति
धान खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए किसानों के भुगतान को प्राथमिकता दी गई। बैठक में जानकारी दी गई कि कुल 3,97,078.39 मीट्रिक टन धान की खरीद के एवज में किसानों को कुल 92,122.19 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था। अब तक 91,790.94 लाख रुपये (99.64 प्रतिशत) की धनराशि किसानों के खातों में पीएफएमएस (Public Financial Management System) के माध्यम से ट्रांसफर की जा चुकी है। शेष किसानों का भुगतान भी प्रक्रिया में है और इसे जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन किसानों का भुगतान तकनीकी कारणों से रुका हुआ है, उन्हें तत्काल बैंक अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर समाधान कराया जाए। विशेष रूप से आधार सीडिंग, एनपीसीआई लिंकिंग, एवं क्रेडिट लिमिट जैसी समस्याओं का समाधान कर तीन दिवस के भीतर शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूँ खरीद की तैयारियाँ
बैठक में आगामी रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत गेहूँ खरीद की तैयारियों का भी जायजा लिया गया। इस वर्ष गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 150 रुपये अधिक है। किसानों को इस मूल्य पर अधिकाधिक लाभ पहुँचाने के लिए गेहूँ क्रय केंद्रों की स्थापना एवं व्यवस्थाओं को समय से पहले पूरा करने के निर्देश दिए गए।
इस वर्ष जनपद गोण्डा में खाद्यायुक्त कार्यालय द्वारा 118 गेहूँ क्रय केंद्रों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिनमें से 113 केंद्रों को अनुमोदन मिल चुका है। अन्य जनपदों में बलरामपुर में 68 निर्धारित क्रय केंद्रों में से 57, बहराइच में 172 निर्धारित केंद्रों में से 181 तथा श्रावस्ती में 47 निर्धारित केंद्रों में से सभी 47 गेहूँ क्रय केंद्रों का अनुमोदन किया जा चुका है। कुल मिलाकर देवीपाटन सम्भाग में 405 निर्धारित गेहूँ क्रय केंद्रों के सापेक्ष 398 केंद्रों को अनुमोदन प्राप्त हुआ है।
किसानों का पंजीकरण एवं सत्यापन की स्थिति
गेहूँ खरीद प्रक्रिया में किसानों के पंजीकरण एवं सत्यापन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बैठक में बताया गया कि अब तक सम्भाग में कुल 18,499 किसानों ने गेहूँ विक्रय हेतु पंजीकरण कराया है, जिनमें से मात्र 2,222 किसानों का सत्यापन पूरा हो सका है।
गोण्डा: 3,326 किसानों के पंजीकरण के सापेक्ष 387 किसानों का सत्यापन
बलरामपुर: 643 किसानों के पंजीकरण के सापेक्ष 135 किसानों का सत्यापन
बहराइच: 13,847 किसानों के पंजीकरण के सापेक्ष 1,562 किसानों का सत्यापन
श्रावस्ती: 683 किसानों के पंजीकरण के सापेक्ष 138 किसानों का सत्यापन
शेष किसानों का सत्यापन उपजिलाधिकारी (एसडीएम) एवं अपर जिलाधिकारी (एडीएम) स्तर पर प्रक्रियाधीन है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सत्यापन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए ताकि किसानों को बिना किसी विलंब के गेहूँ विक्रय का अवसर मिले।
गेहूँ खरीद के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ
बैठक में गेहूँ खरीद को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। देवीपाटन सम्भाग के सभी जनपदों में गेहूँ खरीद हेतु कुल 5,533 पीपी बोरे (Polypropylene Bags) उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अतिरिक्त अनुमोदित गेहूँ क्रय केंद्रों पर आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता की समीक्षा भी की गई।
मण्डी सचिव को निर्देश दिए गए कि सभी गेहूँ क्रय केंद्रों पर तौल मशीन, नमी मापक यंत्र, इलेक्ट्रॉनिक तौल काँटे, छायायुक्त स्थल एवं पेयजल व्यवस्था आदि को समय से पहले सुनिश्चित कराया जाए।
इसके अलावा, अधिक से अधिक किसानों को गेहूँ विक्रय हेतु प्रोत्साहित करने के लिए प्रचार-प्रसार अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए। संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि गेहूँ खरीद प्रक्रिया की जानकारी किसानों तक पहुँचाई जाए और उनके पंजीकरण की संख्या में वृद्धि की जाए।
बैठक के प्रमुख निर्देश एवं निष्कर्ष
1. धान खरीद के शेष स्टॉक का शीघ्र निस्तारण: अवशेष धान का शत-प्रतिशत प्रेषण एवं सीएमआर की आपूर्ति शीघ्र पूर्ण की जाए।
2. किसानों के भुगतान में तेजी: लंबित भुगतानों का शीघ्र निस्तारण कर किसानों को तीन दिवस के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
3. गेहूँ खरीद केंद्रों की तैयारियाँ: सभी अनुमोदित गेहूँ क्रय केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएँ समय से पूर्व पूर्ण की जाएं।
4. किसानों के पंजीकरण में वृद्धि: प्रचार-प्रसार बढ़ाकर अधिकाधिक किसानों को गेहूँ विक्रय हेतु पंजीकरण के लिए प्रेरित किया जाए।
5. सत्यापन प्रक्रिया में तेजी: पंजीकृत किसानों का सत्यापन शीघ्र पूरा कर गेहूँ खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाया जाए।
बैठक में सम्भागीय खाद्य नियंत्रक, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, मण्डी सचिव, सहकारिता विभाग के अधिकारी, सम्बन्धित एसडीएम, एडीएम एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।