
हाईकोर्ट की गंभीर चिंता: ‘मालखानों’ की सुरक्षा और रखरखाव को लेकर पुलिस को निर्देश
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस थानों के मालखानों की खराब स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। इन मालखानों में अभियोजन पक्ष के लिए जब्त किए गए साक्ष्यों को संग्रहीत किया जाता है, जिनका ठीक प्रकार से रखरखाव न होने की वजह से कई महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो रहे हैं। हाल ही में एक घटना में, विजय नगर पुलिस थाने में जमा किए गए विसरा के नमूने चूहों द्वारा नष्ट कर दिए गए, जिसके बाद पुलिस यह रिपोर्ट नहीं प्राप्त कर सकी कि नमूने में किसी भी तरह के रासायनिक या जैविक परिवर्तन हुए हैं या नहीं। इस घटना ने न्यायालय को चौंका दिया और पुलिस मालखानों की सुरक्षा एवं व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
हाईकोर्ट की तीखी प्रतिक्रिया: साक्ष्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश
यह मामला तब प्रकाश में आया जब विजय नगर पुलिस ने अदालत में यह बयान दिया कि एक गैर इरादतन हत्या के मामले से संबंधित विसरा रखने के लिए इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक के डिब्बे बारिश के दौरान चूहों द्वारा क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस घटना के चलते पुलिस किसी भी तरह की हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट प्राप्त करने में असमर्थ रही। इसके अलावा, पुलिस ने यह भी बताया कि 28 अन्य नमूने भी चूहों द्वारा नष्ट कर दिए गए थे। इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने कहा कि यह घटना पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है और मालखानों में रखे गए महत्वपूर्ण सबूतों की सुरक्षा में गंभीर खामियां हैं।
मालखानों की दयनीय स्थिति पर कोर्ट की चिंता
जस्टिस अभ्यंकर की खंडपीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि “इस न्यायालय का यह विचार है कि संबंधित पुलिस अधिकारियों को जांच के दौरान जब्त सामग्री की सुरक्षा के लिए सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखना चाहिए था।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि, “भले ही चूहों द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए सबूतों को अब बचाया नहीं जा सकता, लेकिन यह घटना राज्य के पुलिस थानों में सबूतों के रखरखाव की दयनीय स्थिति को उजागर करती है।” विशेष रूप से इंदौर के विजय नगर पुलिस स्टेशन, जो शहर के सबसे व्यस्त और प्रमुख पुलिस थानों में से एक है, वहां भी ऐसी घटनाएं हुईं, जो दर्शाती हैं कि राज्य के अन्य छोटे पुलिस थानों की स्थिति कितनी गंभीर हो सकती है।
मालखानों के रखरखाव की जरूरत: हाईकोर्ट ने दी सख्त हिदायतें
हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश दिया कि वे राज्य के सभी पुलिस थानों के मालखानों की स्थिति की जाँच करें और सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। जस्टिस अभ्यंकर ने कहा कि, “इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सभी पुलिस थानों के मालखानों की समय-समय पर जांच और उन्हें ठीक से अपडेट रखना आवश्यक है।” इसके लिए उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य भर के सभी पुलिस थानों में एक वेब लिंक उपलब्ध कराया जाए, जहां मालखाने की नवीनतम सूची और उनकी स्थिति को हर महीने अपडेट किया जाए। इस कदम से पुलिस अधिकारी मालखानों के रखरखाव के प्रति सतर्क रहेंगे और सबूतों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेंगे।
सबूत नष्ट होने पर शुरू की गई विभागीय जांच
विजय नगर पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि इस घटना के लिए जिम्मेदार पूर्व अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। यह जांच इस बात का पता लगाएगी कि आखिरकार मालखानों में इस तरह की स्थिति कैसे उत्पन्न हुई और किसकी लापरवाही से चूहे सबूत नष्ट कर पाए। पुलिस ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है, खासकर मालखानों से सामान को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने के दौरान।
मालखानों का महत्व: साक्ष्यों की सुरक्षा क्यों है महत्वपूर्ण?
मालखाने पुलिस थानों के उन स्थानों को कहा जाता है, जहां जांच के दौरान जब्त किए गए साक्ष्यों को रखा जाता है। यह सबूत अपराध की जांच और अभियोजन में अहम भूमिका निभाते हैं। इन सबूतों के आधार पर ही अदालत में आरोपी के खिलाफ आरोप सिद्ध किए जाते हैं या उसे दोषमुक्त किया जाता है। इसलिए, मालखानों का उचित रखरखाव और उसमें रखे गए साक्ष्यों की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण होती है।
यदि मालखानों में रखे गए साक्ष्यों का ठीक से रखरखाव नहीं किया जाता है, तो वे नष्ट हो सकते हैं या उनमें परिवर्तन हो सकते हैं, जिससे जांच और अभियोजन दोनों ही प्रभावित होते हैं। इस मामले में, चूहों द्वारा विसरा के नमूनों को नष्ट किया जाना न केवल एक लापरवाही का मामला है, बल्कि यह अभियोजन के पूरे ढांचे को कमजोर कर सकता है।
विजय नगर पुलिस थाने में घटना: क्या हुआ था?
विजय नगर पुलिस ने एक गैर इरादतन हत्या के मामले की जांच के दौरान मृतक का विसरा जब्त किया था। विसरा को एक प्लास्टिक के डिब्बे में रखकर मालखाने में सुरक्षित रखा गया था। लेकिन बारिश के दौरान चूहों ने डिब्बे को काट दिया और विसरा के नमूने को नष्ट कर दिया। इस घटना के बाद पुलिस हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट प्राप्त करने में विफल रही, जो इस मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य हो सकता था।
इसके अलावा, पुलिस ने यह भी बताया कि इस घटना में कुल 28 नमूने चूहों द्वारा नष्ट कर दिए गए थे। इन नमूनों में विभिन्न प्रकार के सबूत शामिल थे, जो कई मामलों में अभियोजन के लिए आवश्यक थे। इस घटना ने पुलिस थानों के मालखानों में रखे गए साक्ष्यों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
चूहों का प्रकोप और मालखानों की संरचना की खामियां
यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि पुलिस थानों के मालखानों की संरचना में गंभीर खामियां हैं। मालखानों का ठीक से रखरखाव न होना, वहां की सफाई व्यवस्था का अभाव और सुरक्षा मानकों का पालन न करना, ऐसे कारण हैं जिनके चलते चूहे जैसे जीव आसानी से वहां घुसपैठ कर सकते हैं और महत्वपूर्ण साक्ष्यों को नष्ट कर सकते हैं।
विजय नगर पुलिस स्टेशन, जो इंदौर के सबसे व्यस्त पुलिस थानों में से एक है, वहां भी इस तरह की घटना होना दर्शाता है कि राज्य के अन्य छोटे पुलिस थानों में मालखानों की स्थिति और भी दयनीय हो सकती है। मालखानों की सुरक्षा और रखरखाव के लिए पुलिस को ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
न्यायालय का निर्देश: राज्यभर के मालखानों की जांच का आदेश
इस घटना के बाद न्यायालय ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि राज्य के सभी पुलिस थानों के मालखानों की जांच की जाए। न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि मालखानों में रखे गए साक्ष्यों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके अलावा, मालखानों की स्थिति की नियमित रूप से जांच हो और उनकी स्थिति को अपडेट किया जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मालखानों की स्थिति सुधारने के लिए आवश्यक कदम
मालखानों की स्थिति सुधारने के लिए पुलिस को कई आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। सबसे पहले, मालखानों की संरचना को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि वहां चूहों या अन्य जीवों का प्रवेश न हो सके। इसके अलावा, मालखानों की नियमित रूप से सफाई की जानी चाहिए और वहां रखे गए साक्ष्यों की स्थिति का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए।
पुलिस को साक्ष्यों की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल करना चाहिए। उदाहरण के लिए, साक्ष्यों को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड और ट्रैक किया जा सकता है, ताकि किसी भी प्रकार के नुकसान की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। मालखानों में साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष प्रकार के स्टोरेज सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो नमी, तापमान और अन्य बाहरी कारकों से साक्ष्यों को सुरक्षित रख सकें।
साक्ष्यों की सुरक्षा पर जोर
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का यह निर्णय राज्य के पुलिस थानों में साक्ष्यों की सुरक्षा और मालखानों के रखरखाव के महत्व को दर्शाता है। साक्ष्य किसी भी मामले की नींव होते हैं, और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस और न्यायिक प्रणाली के लिए अनिवार्य है।
यह घटना पुलिस की लापरवाही और मालखानों की खराब स्थिति को उजागर करती है, जिसे सुधारने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।