
पुलिस कर्मियों के अवकाश पर एक माह की रोक, सुरक्षा कारणों से लिया गया बड़ा फैसला
लखनऊ 5 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पुलिसकर्मियों के अवकाश पर अस्थायी रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह रोक 08 अक्तूबर 2024 से 08 नवंबर 2024 तक लागू रहेगी, जिसके तहत किसी भी पुलिसकर्मी को छुट्टी नहीं दी जाएगी। यह कदम राज्य में त्योहारों के मौसम, आगामी चुनावों, और अन्य संवेदनशील घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है।
इस अवधि के दौरान राज्य में नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, और अन्य प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे, जिनमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं। साथ ही, आगामी चुनावी गतिविधियों के कारण भी राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। सरकार और पुलिस प्रशासन ने यह फैसला लिया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना या कानून व्यवस्था के उल्लंघन को समय रहते नियंत्रित किया जा सके।
पुलिस महानिदेशक (DGP) कार्यालय द्वारा जारी किए गए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी पुलिसकर्मियों को आगामी एक महीने तक चौबीसों घंटे उपलब्ध रहना होगा। किसी भी तरह के आकस्मिक अवकाश, चाहे वह पारिवारिक हो या व्यक्तिगत, को स्वीकृति नहीं दी जाएगी, सिवाय आपातकालीन और अत्यधिक महत्वपूर्ण परिस्थितियों के। इस दौरान सभी पुलिस थानों और चौकियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।
प्रदेश सरकार का मानना है कि त्योहारों और चुनावों के दौरान राज्य की कानून व्यवस्था को बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि बड़े सार्वजनिक समारोहों में अराजकता और हिंसा की घटनाएं सामने आती हैं, जिसे रोकने के लिए पुलिस बल की पूर्ण उपस्थिति अनिवार्य है। इसके अलावा, प्रमुख स्थानों पर आतंकवादी गतिविधियों की आशंका को ध्यान में रखते हुए भी यह फैसला लिया गया है।
उत्तर प्रदेश में बड़े शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। विशेष रूप से भीड़-भाड़ वाले इलाकों जैसे धार्मिक स्थलों, बाजारों, और मेला क्षेत्रों में पुलिस की चौकसी बढ़ाई जाएगी। राज्य के विभिन्न सीमावर्ती क्षेत्रों पर भी अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी अवांछनीय तत्व को राज्य में प्रवेश करने से रोका जा सके।
इस आदेश पर पुलिसकर्मियों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ पुलिसकर्मियों का मानना है कि यह निर्णय सही समय पर लिया गया है, क्योंकि यह राज्य की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। वहीं, कुछ कर्मी, जो पहले से ही अवकाश की योजना बना रहे थे, उनके लिए यह निराशाजनक है। हालांकि, प्रशासन ने कहा है कि एक महीने के बाद पुलिसकर्मियों को उनके लंबित अवकाश स्वीकृत कर दिए जाएंगे, ताकि वे अपने पारिवारिक और व्यक्तिगत कार्यों को पूरा कर सकें।
उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस विभाग का यह निर्णय राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। आगामी त्योहारों और चुनावों के मद्देनजर यह कदम न केवल पुलिस बल की उपस्थिति सुनिश्चित करेगा, बल्कि किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए भी तैयार करेगा। हालांकि, यह निर्णय पुलिस कर्मियों के व्यक्तिगत जीवन पर असर डाल सकता है, लेकिन राज्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे आवश्यक माना जा रहा है।