नई दिल्ली। संविधान दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वकीलों और न्यायालय कर्मचारियों को संबोधित करते हुए संविधान की भावना और उसके निर्माताओं के योगदान को याद किया। उन्होंने इस अवसर पर देश के समक्ष मौजूद चुनौतियों, विशेषकर आतंकी खतरों, और सरकार की न्यायिक व प्रशासनिक पहलों पर प्रकाश डाला।

संविधान की युगानुकूलता पर बल
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान सभा में कहा था, “संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है। इसकी भावना हमेशा युग की भावना है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान को इस तरह तैयार किया गया है कि यह हर पीढ़ी की आकांक्षाओं और आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
उन्होंने कहा कि संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह एक जीवंत दस्तावेज है, जो देश की आकांक्षाओं, चुनौतियों और बदलावों के अनुरूप आगे बढ़ता है। हमारे संविधान निर्माता यह जानते थे कि समय के साथ भारत के नागरिकों की जरूरतें बदलेंगी। इसी कारण उन्होंने संविधान को लचीला और युगानुकूल बनाया।
मुंबई हमले की बरसी और आतंकवाद पर कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने समारोह के दौरान 26/11 के मुंबई आतंकी हमले की बरसी का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “आज के दिन हमें यह भी स्मरण करना चाहिए कि 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में कई निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। मैं उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं और यह संकल्प दोहराता हूं कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की सुरक्षा सर्वोपरि है और आतंकवाद के खिलाफ देश पूरी शक्ति से लड़ेगा।

न्याय प्रणाली में सुधार और नई पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की न्यायिक व्यवस्था में किए जा रहे बदलावों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिकों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है। उन्होंने कहा, “पहले की दंड आधारित व्यवस्था को न्याय आधारित व्यवस्था में बदला गया है, जिससे न्यायालयों की कार्यवाही तेज हो सके।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने ई-कोर्ट जैसी डिजिटल पहलें शुरू की हैं, जो न्याय प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने में मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी तकनीकी पहलों से न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि न्याय की पहुंच भी व्यापक हुई है।
विकास की नई ऊंचाइयों की ओर भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान हुए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश में करोड़ों गरीब परिवारों के जीवन में परिवर्तन लाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि “4 करोड़ परिवारों को पक्के घर मिले हैं, जो वर्षों से बेघर थे। 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि 53 करोड़ से अधिक ऐसे भारतीयों के बैंक खाते खोले गए हैं, जो पहले कभी बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा नहीं थे। यह आर्थिक समावेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ईज ऑफ लीविंग पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के जीवन को सरल और सुगम बनाना है। उन्होंने सीनियर सिटीजन्स के लिए शुरू की गई डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि अब उन्हें पेंशन के लिए बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होती। वे घर बैठे ही डिजिटल माध्यम से अपना प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य नागरिकों को ऐसी सुविधाएं देना है, जो उनके जीवन को आसान बनाएं और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।”
संविधान दिवस का महत्व
संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन हमारे संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान न केवल हमें अधिकार देता है, बल्कि जिम्मेदारियों का भी बोध कराता है।
उन्होंने कहा, “संविधान दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, यह भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और उसकी ताकत को मनाने का दिन है। यह हमें यह याद दिलाता है कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम संविधान के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।”
सरकार की उपलब्धियां
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार ने गरीबों और वंचितों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने गरीबों के लिए ऐसी योजनाएं लागू की हैं, जो उनकी जिंदगी बदलने में मददगार साबित हुई हैं।”
उन्होंने डिजिटल इंडिया पहल, उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना का उल्लेख किया और कहा कि ये योजनाएं देश के गरीब और वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने में सहायक हुई हैं।
आधुनिक भारत का निर्माण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आधुनिक भारत का निर्माण तभी संभव है जब हर नागरिक संविधान के आदर्शों का पालन करे। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य भारत को ऐसा देश बनाना है, जहां हर नागरिक को समान अवसर मिले और कोई भी वंचित न रह जाए।
उन्होंने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि संविधान दिवस हमें यह प्रेरणा देता है कि हम भारत के विकास के लिए निरंतर प्रयास करें और एक ऐसा देश बनाएं जो विश्व में अपनी पहचान और मजबूती के साथ खड़ा हो।

