
प्रयागराज में भारतीय संस्कृति की झलक
प्रयागराज 8 दिसंबर। शिवालय पार्क, जो नैनी के अरैल में 14 करोड़ रुपए की लागत से 11 एकड़ क्षेत्र में बन रहा है, भारतीय संस्कृति, पुराणों, और मंदिर स्थापत्य कला का जीवंत उदाहरण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में इस पार्क का निरीक्षण किया और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। यह पार्क महादेव को समर्पित है और भारतीय धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को प्रदर्शित करने का एक अनूठा प्रयास है।
पार्क को भारत के मानचित्र के आकार में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें देश के प्रमुख शिव मंदिरों के प्रतिरूप उनके मूल स्थानों के अनुसार बनाए जा रहे हैं। यह डिज़ाइन आगंतुकों को एक तीर्थयात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, तुलसी वन और संजीवनी वन का निर्माण प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अलग आकर्षण बनेगा। बच्चों के मनोरंजन के लिए एक विशेष जोन तैयार किया जा रहा है, जिसमें खेल, झूलों, और अन्य गतिविधियों की सुविधा होगी।
प्राकृतिक और धार्मिक अनुभव का संगम
पार्क में प्रकृति और कला का अनूठा समावेश किया गया है। वेस्ट मटीरियल का उपयोग करके न केवल निर्माण लागत को नियंत्रित किया गया है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखा गया है। इस पार्क का निर्माण महाकुंभ मेले की भव्यता को और अधिक बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
जेड टेक इंडिया लिमिटेड को पार्क के निर्माण और तीन साल तक उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी दी गई है। यह पार्क न केवल प्रयागराज को एक नई पहचान देगा, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में उभारेगा।
पार्क में दर्शाए गए मंदिरों की महिमा
12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों का प्रतीकात्मक निर्माण
शिवालय पार्क में 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण शिव मंदिरों के प्रतिरूप बनाए जा रहे हैं। इन मंदिरों का चयन भारतीय धार्मिक महत्व को ध्यान में रखकर किया गया है:
1. सोमनाथ मंदिर (गुजरात)
भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक, जो चंद्रदेव और भगवान शिव के बीच संबंध की कथा के लिए प्रसिद्ध है।
2. मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर (आंध्र प्रदेश)
यह मंदिर शिव और पार्वती के अवतारों का प्रतीक है और श्रीशैलम की पहाड़ियों पर स्थित है।
3. महाकालेश्वर मंदिर (मध्य प्रदेश)
उज्जैन का यह मंदिर भगवान शिव के रौद्र रूप का प्रतिनिधित्व करता है।
4. ओंकारेश्वर मंदिर (मध्य प्रदेश)
यह मंदिर नर्मदा नदी के बीच बने द्वीप पर स्थित है और शिव के ओंकार स्वरूप का प्रतीक है।
5. बैद्यनाथ मंदिर (झारखंड)
इसे कामना लिंग के नाम से जाना जाता है, जो भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करता है।
6. भीमाशंकर मंदिर (महाराष्ट्र)
सह्याद्री पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव के भीषण रूप का प्रतीक है।
7. रामनाथस्वामी मंदिर (तमिलनाडु)
रामेश्वरम में स्थित यह मंदिर राम और शिव के मिलन का प्रतीक है।
8. नागेश्वर मंदिर (गुजरात)
द्वारका के निकट स्थित यह मंदिर भगवान शिव के नागेश्वर स्वरूप को समर्पित है।
9. काशी विश्वनाथ मंदिर (उत्तर प्रदेश)
वाराणसी में स्थित यह मंदिर शिव के आध्यात्मिक केंद्र का प्रतिनिधित्व करता है।
10. त्र्यंबकेश्वर मंदिर (महाराष्ट्र)
नासिक के पास स्थित यह मंदिर भगवान शिव के त्रिनेत्र रूप का प्रतीक है।
11. केदारनाथ मंदिर (उत्तराखंड)
हिमालय की गोद में स्थित यह मंदिर शिव के ध्यान मुद्रा का प्रतीक है।
12. घृष्णेश्वर मंदिर (महाराष्ट्र)
यह मंदिर शिव के करुणा और प्रेम का प्रतीक है।
अन्य प्रमुख शिव मंदिरों का निर्माण
इन 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा, शिवालय पार्क में कई और प्रसिद्ध शिव मंदिरों का भी निर्माण किया जा रहा है। इनमें बैजनाथ मंदिर (हिमाचल प्रदेश), पशुपतिनाथ मंदिर (नेपाल), लिंगराज मंदिर (ओडिशा), वीरभद्र मंदिर (आंध्र प्रदेश), और शोर मंदिर (तमिलनाडु) शामिल हैं।
मनोरंजन और आध्यात्म का मिश्रण
पार्क में फूड कोर्ट और रेस्त्रां की सुविधा भी दी जा रही है, ताकि आगंतुकों को आराम और आनंद का अनुभव हो सके। बच्चों और परिवारों के लिए यह पार्क न केवल धार्मिक महत्व का केंद्र होगा, बल्कि एक अद्भुत पर्यटन स्थल के रूप में भी उभरेगा।
समाज और संस्कृति के लिए महत्व
शिवालय पार्क भारतीय कला, स्थापत्य, और धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने का एक सफल प्रयास है। यह न केवल भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए रखने में सहायक होगा, बल्कि देश के पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। पर्यावरण-संवेदनशील निर्माण और वेस्ट मटीरियल का उपयोग इसे एक आदर्श परियोजना बनाता है।
इस प्रकार, शिवालय पार्क न केवल प्रयागराज बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक निर्माण कौशल का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है।