
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने खुद फील्ड पर उतरकर किया निरीक्षण, नहरों की सफाई कार्य में सुधार लाने के निर्देश
गोंडा, 25 नवंबर। जिले में नहरों की सफाई को लेकर प्रशासनिक स्तर पर सख्ती बढ़ा दी गई है। जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने नहर सफाई कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खुद फील्ड में उतरकर निरीक्षण किया। यह निरीक्षण सर्वांगपुर माइनर नहर पर किया गया, जहां उन्होंने कार्यदायी एजेंसियों और संबंधित विभागों के अधिकारियों से सफाई कार्य का ब्योरा लिया। जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नहरों की सफाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही, निगरानी के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन और वीडियो रिकॉर्डिंग का सहारा लिया जा रहा है।
नहर सफाई का महत्त्व और जिलाधिकारी का अभियान
गोंडा जिले में नहरें न केवल सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनसे हजारों किसानों की आजीविका भी जुड़ी हुई है। लंबे समय से नहरों की सफाई को लेकर शिकायतें आ रही थीं कि काम में अनियमितताएं हो रही हैं और सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने व्यक्तिगत रुचि दिखाते हुए सफाई कार्य का निरीक्षण करने का फैसला किया।
डीएम ने सर्वांगपुर माइनर नहर का दौरा करते हुए सफाई कार्य का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से कहा, “नहरों की सफाई केवल एक औपचारिकता नहीं होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि हर किसान को पर्याप्त पानी मिले।”
ड्रोन से निगरानी और वीडियो रिकॉर्डिंग: नई पहल
इस बार नहर सफाई प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए प्रशासन ने आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना शुरू किया है। ड्रोन की मदद से सफाई कार्य की निगरानी की जा रही है। प्रत्येक कार्य की वीडियो ग्राफी भी की जा रही है ताकि बाद में उसकी गुणवत्ता की जांच की जा सके।
ड्रोन निगरानी की प्रक्रिया के तहत नहर के पूरे क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि सफाई कार्य सही ढंग से हो रहा है और कहीं भी कोई कोना अनदेखा न रह जाए। जिलाधिकारी ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा,
“ड्रोन और वीडियो रिकॉर्डिंग से निगरानी न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि हर क्षेत्र में समान रूप से सफाई हो। अब किसी के लिए भी काम में लापरवाही बरतना आसान नहीं होगा।”
नहर सफाई में आई समस्याओं का समाधान
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान नहर सफाई कार्य में आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि सफाई के दौरान नहरों के किनारे जमा कचरे और मिट्टी को हटाने में दिक्कतें आ रही हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सफाई के दौरान निकाले गए मलबे को तुरंत हटाया जाए ताकि यह दोबारा नहर में वापस न गिरे।
साथ ही, डीएम ने कहा कि सफाई कार्य की गति बढ़ाई जाए, लेकिन गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न हो। उन्होंने चेतावनी दी,
“यदि किसी भी स्थान पर सफाई कार्य में लापरवाही पाई गई या मानकों का उल्लंघन हुआ, तो संबंधित विभाग और एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
सर्वांगपुर माइनर नहर का निरीक्षण
सर्वांगपुर माइनर नहर के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सफाई कार्य में लगी मशीनों और कर्मचारियों की संख्या की समीक्षा की। उन्होंने देखा कि नहर के किनारे से मिट्टी और कचरा निकालने का काम किया जा रहा है। डीएम ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से सफाई कार्य की प्रगति की जानकारी ली और वहां काम कर रहे श्रमिकों से भी बातचीत की।
जिलाधिकारी ने सफाई कार्य को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित निर्देश दिए:
1. प्रत्येक कार्यस्थल पर निगरानी:
सभी प्रमुख नहरों पर दैनिक निरीक्षण के लिए संबंधित अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।
2. सफाई का स्थायी समाधान:
नहर के किनारे से मलबे को तुरंत हटाने की व्यवस्था हो।
3. जल प्रवाह का निरीक्षण:
सफाई के बाद नहरों में जल प्रवाह की स्थिति का आकलन किया जाए।
4. किसानों से संवाद:
किसानों से फीडबैक लिया जाए कि सफाई कार्य से उन्हें लाभ हो रहा है या नहीं।
किसानों के लिए क्या बदलेगा?
नहरों की सफाई में प्रशासन द्वारा दिखाई जा रही सख्ती से किसानों को सीधा लाभ होगा। गोंडा जिले के कई हिस्सों में नहरों की सफाई न होने की वजह से पानी का प्रवाह बाधित हो जाता था, जिससे सिंचाई में कठिनाई होती थी। इस अभियान से उम्मीद है कि किसानों को समय पर पर्याप्त पानी मिलेगा, जिससे उनकी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार होगा।
सर्वांगपुर गांव के किसान रामनरेश ने बताया,
“पहले सफाई का काम केवल कागजों पर होता था। लेकिन इस बार डीएम मैडम खुद फील्ड में आ रही हैं और काम की निगरानी कर रही हैं। इससे हमें उम्मीद है कि हमें अच्छी सिंचाई व्यवस्था मिलेगी।”
जिलाधिकारी का संदेश और संकल्प
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने साफ किया कि नहरों की सफाई को लेकर उनकी प्राथमिकता स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि गोंडा जिले में हर किसान तक पानी पहुंचाना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
“हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर नहर पूरी तरह से साफ हो और किसानों को पानी की कोई कमी न हो। यह सिर्फ सफाई का काम नहीं, बल्कि किसानों के जीवन को बेहतर बनाने की प्रक्रिया है।”
नहर सफाई अभियान की पारदर्शिता के लिए उठाए गए कदम
1. ड्रोन सर्वेक्षण:
नहर की स्थिति का आकलन और सफाई कार्य की प्रगति का हवाई सर्वेक्षण।
2. वीडियो ग्राफी:
सफाई कार्य की हर गतिविधि की रिकॉर्डिंग।
3. प्रगति रिपोर्ट:
प्रत्येक सप्ताह सफाई कार्य की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपने का निर्देश।
4. जन भागीदारी:
किसानों और स्थानीय लोगों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है।
प्रभात भारत विशेष
जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा नहरों की सफाई को लेकर शुरू किया गया यह अभियान न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता का उदाहरण है, बल्कि किसानों के हित में एक बड़ा कदम भी है। आधुनिक तकनीकों के उपयोग और जिलाधिकारी के सख्त रवैये से यह सुनिश्चित हो रहा है कि नहर सफाई का काम न केवल समय पर पूरा हो, बल्कि गुणवत्ता में भी किसी प्रकार की कमी न हो। यह अभियान गोंडा जिले में प्रशासनिक सुधार और किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का एक उदाहरण बनेगा।