
उमरी बेगमगंज में सार्वजनिक शौचालय निर्माण का भूमि पूजन: स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
उमरी बेगमगंज, ( अतुल तिवारी) गोंडा, 08 अक्टूबर। स्वच्छता और जनसुविधा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत मंगलवार को ग्राम उमरी बेगमगंज, सुभाष नगर अट्ठाइसा में सार्वजनिक शौचालय के निर्माण का भूमि पूजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ पूजा-अर्चना के बाद किया गया, जिसके तहत निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। यह सार्वजनिक शौचालय जिला पंचायत बेलसर तृतीय के अंतर्गत लगभग साढ़े 15 लाख रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिला पंचायत सदस्य चंद्र प्रकाश सिंह, जिन्हें क्षेत्र में सीपी सिंह के नाम से जाना जाता है, ने सार्वजनिक शौचालय की महत्ता और स्वच्छ भारत मिशन की उपलब्धियों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक शौचालय का निर्माण उन लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा, जिनके पास अपने घर में शौचालय नहीं है।
जिला पंचायत सदस्य सीपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक घर में शौचालय बनाने की दिशा में गंभीरता से काम किया जा रहा है। हालांकि, इसके बावजूद कुछ लोग ऐसे हैं जो अभी तक व्यक्तिगत शौचालय नहीं बनवा पाए हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा जगह-जगह सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि उन लोगों को भी सुविधा मिल सके जिनके पास अपने घर में शौचालय नहीं है।” उन्होंने स्वच्छता को एक मौलिक मानव अधिकार बताया और कहा कि शौचालय की सुविधा से न केवल स्वच्छता बढ़ेगी, बल्कि बीमारियों के प्रसार को भी कम किया जा सकेगा।
सरकार की स्वच्छ भारत मिशन योजना का लक्ष्य हर घर में शौचालय की सुविधा देना है, लेकिन कुछ कारणों से इस लक्ष्य की पूर्ति अभी भी पूरी तरह नहीं हो पाई है। ऐसे में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण उन परिवारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जो अब तक व्यक्तिगत शौचालय से वंचित रहे हैं। सीपी सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत सिर्फ ग्राम उमरी बेगमगंज में ही नहीं, बल्कि जिला पंचायत बेलसर तृतीय क्षेत्र के कई अन्य गांवों में भी सार्वजनिक शौचालय बनाए जा रहे हैं।
शौचालय के भूमि पूजन के दौरान सीपी सिंह ने जोर देकर कहा कि यह सार्वजनिक शौचालय ग्रामीणों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा। “खुले में शौच जाना एक बड़ी समस्या रही है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। इससे न केवल स्वच्छता प्रभावित होती है, बल्कि इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। सार्वजनिक शौचालय का निर्माण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ग्रामीणों को स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय सुविधा प्रदान करेगा।
सीपी सिंह ने बताया कि सार्वजनिक शौचालय के बन जाने से लोगों को खुले में शौच जाने की मजबूरी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वे अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखें।
सीपी सिंह ने शौचालय के रखरखाव पर भी जोर दिया और ग्रामीणों से अपील की कि वे सार्वजनिक शौचालय को निजी शौचालय की तरह समझें और उसका सही तरीके से उपयोग करें। उन्होंने कहा, “अधिकतर जगहों पर शौचालयों का उचित रखरखाव नहीं हो पाता है, जिसके कारण कुछ ही समय में यह जर्जर हो जाते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना है कि ऐसा न हो। जहां भी सार्वजनिक शौचालय बनाए जा रहे हैं, वहां के लोग इसका सही तरीके से इस्तेमाल करें और इसकी देखभाल करें।”
यह बयान महत्वपूर्ण था, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर देखा जाता है कि सरकारी योजनाओं के तहत बनाए गए सार्वजनिक ढांचे का समय के साथ सही रखरखाव नहीं हो पाता, जिससे वे उपयोग के योग्य नहीं रहते। सीपी सिंह ने कहा कि शौचालय केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि स्वच्छता और स्वास्थ्य का प्रतीक है। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे इसे अपने जिम्मेदारी का हिस्सा समझें और शौचालय के रखरखाव में योगदान दें।
सीपी सिंह ने आगे कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है। भविष्य में और भी ऐसे स्थानों की पहचान की जा रही है, जहां सार्वजनिक शौचालयों की जरूरत है। इसके लिए जिला पंचायत द्वारा योजनाएं बनाई जा रही हैं और आने वाले समय में अन्य जरूरतमंद स्थानों पर भी सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए हमें हर स्तर पर काम करना होगा। सार्वजनिक शौचालय का निर्माण एक आवश्यक कदम है, लेकिन इसके साथ ही हमें लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना होगा। यह तभी संभव है जब लोग स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं।”
सीपी सिंह ने जनप्रतिनिधियों और पंचायत के सदस्यों से भी अपील की कि वे नियमित रूप से अपने क्षेत्र में बने सार्वजनिक शौचालयों का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि उनका सही उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि पंचायत के जनप्रतिनिधियों को शौचालयों की देखरेख के लिए जिम्मेदार होना चाहिए ताकि जनता को निरंतर सुविधा मिलती रहे।
महिलाओं के लिए स्वच्छता और सुरक्षा एक अहम मुद्दा है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। खुले में शौच के कारण महिलाओं को न केवल असुविधा होती है, बल्कि उनकी सुरक्षा भी खतरे में रहती है। सार्वजनिक शौचालय के निर्माण से महिलाओं को न केवल स्वच्छता की सुविधा मिलेगी, बल्कि उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
इस पहल को खासतौर पर महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर महिलाएं खुले में शौच के कारण असहज महसूस करती हैं और उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण से महिलाओं को इस समस्या से मुक्ति मिलेगी और वे सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में अपनी दिनचर्या का पालन कर सकेंगी।
कार्यक्रम में उपस्थित स्थानीय जनता ने सार्वजनिक शौचालय के निर्माण को लेकर खुशी जाहिर की। गांव के निवासी सत्य प्रकाश सिंह, रामायण सिंह, सहदेव सिंह, शिव बहादुर सिंह, कौशलेंद्र सिंह, पारस सिंह, और श्याम नंदन जयसवाल ने इस पहल की सराहना की। उनका कहना था कि यह शौचालय उनके लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि उनके पास घर में शौचालय की सुविधा नहीं थी।
सत्य प्रकाश सिंह ने कहा, “हमें खुशी है कि अब हमें खुले में शौच के लिए नहीं जाना पड़ेगा। यह शौचालय हमारे गांव के लिए एक वरदान है और हम इसके रखरखाव में पूरी मदद करेंगे।” वहीं, शिव बहादुर सिंह ने कहा, “यह शौचालय न केवल स्वच्छता के लिए, बल्कि हमारी महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। हम इसके लिए सीपी सिंह जी का धन्यवाद करते हैं।”
यह सार्वजनिक शौचालय निर्माण स्वच्छ भारत मिशन की सफलता की कहानी का एक हिस्सा है। यह मिशन पूरे देश में स्वच्छता को बढ़ावा देने और खुले में शौच मुक्त भारत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस प्रकार के निर्माण कार्य यह साबित करते हैं कि सरकार की योजनाएं जमीनी स्तर पर प्रभावी हो रही हैं और इससे ग्रामीण जनता को सीधा लाभ मिल रहा है।
उमरी बेगमगंज में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण स्वच्छता और जनसुविधा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। यह न केवल ग्रामीणों के लिए स्वच्छता की सुविधा उपलब्ध कराएगा, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा। सीपी सिंह द्वारा इस अवसर पर व्यक्त किए गए विचार यह दर्शाते हैं कि सरकार और स्थानीय प्रशासन जनसुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सार्वजनिक शौचालय का यह निर्माण केवल एक ढांचा नहीं है, बल्कि स्वच्छ और स्वस्थ समाज की ओर एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसका सही उपयोग और रखरखाव स्थानीय जनता की जिम्मेदारी है, और इसे स्वच्छता के प्रतीक के रूप में देखा जाना चाहिए।