चंडीगढ 17 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में देश के विकास, आर्थिक मजबूती और सामाजिक कल्याण से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इस सम्मेलन में एनडीए के अंतर्गत आने वाले विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश के समग्र विकास के लिए एनडीए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एनडीए सरकार ने देश की समृद्धि और नागरिकों की भलाई के लिए पिछले कई वर्षों में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने बताया कि इन कार्यों का मकसद देश के हर क्षेत्र का संतुलित विकास सुनिश्चित करना है, ताकि समाज के हर तबके को इसका लाभ मिल सके। मोदी ने कहा कि विकास के इस सफर में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग और एकजुटता की अहम भूमिका रही है, और इसे भविष्य में भी कायम रखना होगा।
आर्थिक सुधार और इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक सुधारों के मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि एनडीए सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि देश की इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में हमने देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को गति दी है। हमने हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट और बंदरगाहों की क्षमता को बढ़ाने के लिए नई योजनाएं लागू की हैं। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है और यह सुनिश्चित करना है कि देश का हर नागरिक विकास के इस यात्रा का हिस्सा बने। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के जरिए रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों, रेल नेटवर्क और हवाई अड्डों के निर्माण से न केवल परिवहन की सुविधाओं में सुधार हुआ है, बल्कि इससे लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार भविष्य में भी इसी तरह की विकास योजनाओं को प्राथमिकता देगी, ताकि देश की बुनियादी संरचनाओं को और भी मजबूत बनाया जा सके।

शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार: समावेशी विकास की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए सुधारों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश का समग्र विकास तभी संभव है जब उसके नागरिक शिक्षित और स्वस्थ हों। इस दिशा में एनडीए सरकार ने कई महत्वपूर्ण पहल की हैं, जिनका मकसद शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक समावेशी और व्यापक बनाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार लाने के लिए नई शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू किया है। इस नीति के माध्यम से हमने यह सुनिश्चित किया है कि छात्रों को उनकी रुचियों और क्षमताओं के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिले। इसके साथ ही, हमने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए भी कई योजनाएं शुरू की हैं। स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत लाखों गरीब परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिली है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जिनमें जिला अस्पतालों का सुदृढ़ीकरण और टेलीमेडिसिन सेवाओं की शुरुआत शामिल है। हमारी सरकार का उद्देश्य है कि देश के हर नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, चाहे वे किसी भी क्षेत्र या सामाजिक वर्ग से आते हों।
संसाधनों का समुचित उपयोग: सतत विकास की नींव
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा कि देश के प्राकृतिक और मानव संसाधनों का सही और सतत उपयोग ही दीर्घकालिक विकास की नींव है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने जल, ऊर्जा और कृषि संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, ताकि देश की बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
मोदी ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे संसाधनों का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से हो। जल, ऊर्जा और अन्य प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं, और हमें इन्हें संरक्षित करते हुए सतत विकास की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने ‘जल जीवन मिशन’ और ‘ऊर्जा सुरक्षा योजना’ जैसी सरकारी पहलों का उल्लेख करते हुए बताया कि सरकार देश में जल और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
विकास के लिए एकजुटता और समन्वय की जरूरत
प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वे अपने-अपने राज्यों के विकास के साथ-साथ पूरे देश के समग्र विकास के लिए भी एकजुट होकर काम करें। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राज्यों और केंद्र सरकार के बीच तालमेल और सहयोग ही देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
देश के विकास के लिए हमें अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर काम करना होगा। हमारी सरकार का उद्देश्य देश के हर क्षेत्र का विकास करना है और इसके लिए सभी राज्यों का बराबरी का योगदान जरूरी है। हमें विकास के इस मिशन में मिलजुल कर काम करना होगा, ताकि भारत एक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र बन सके। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि प्रत्येक राज्य की अपनी अनूठी विशेषताएं और चुनौतियां होती हैं, और इन्हें ध्यान में रखते हुए विकास की योजनाएं तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने राज्यों में विकास की दिशा में किए गए प्रयासों का अनुभव साझा करें, ताकि दूसरे राज्य भी उनसे सीख सकें और उनके अनुभवों का लाभ उठा सकें।
मुख्यमंत्रियों की प्रतिक्रिया और महत्वपूर्ण सुझाव
इस सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़ी चुनौतियों और विकास कार्यों पर अपने विचार साझा किए। मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के विकासात्मक पहलों की सराहना की और कुछ क्षेत्रों में सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। सम्मेलन में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास जैसे प्रमुख मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। मुख्यमंत्रियों ने अपनी सरकारों द्वारा किए गए विभिन्न सुधारों और विकास योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनके राज्यों में विकास की गति तेज हुई है और इसका श्रेय केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं को जाता है। सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्रियों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए, जिनका उद्देश्य देश के समग्र विकास को और गति देना था।
सम्मेलन के परिणाम और भविष्य की योजनाएं
इस सम्मेलन के दौरान लिए गए निर्णयों और प्रस्तुत किए गए सुझावों से यह स्पष्ट हो गया कि देश के विकास के लिए केंद्र और राज्यों के बीच आपसी तालमेल और सहयोग अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान नहीं है, बल्कि देश के भविष्य को भी सुरक्षित करना है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है, जिसमें देश के हर नागरिक को समान अवसर और समृद्ध जीवन मिले। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार आने वाले वर्षों में रोजगार सृजन, तकनीकी उन्नति, कृषि क्षेत्र के सुधार, और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि देश के युवा सबसे बड़ी संपत्ति हैं, और उनके लिए नए रोजगार के अवसर पैदा करना एनडीए सरकार की प्राथमिकता है।
विकास के लिए एकजुट प्रयासों की जरूरत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने देश के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, और इस सम्मेलन ने यह साबित कर दिया है कि राज्यों और केंद्र के बीच आपसी सहयोग और समन्वय देश को तेजी से आगे बढ़ा सकता है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वे इस सहयोग को और भी मजबूत बनाएं, ताकि देश का विकास संतुलित और समावेशी हो सके। इस सम्मेलन ने यह भी दिखाया कि एनडीए सरकार के विकास के एजेंडे में सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है, और भविष्य में भी सरकार इस दिशा में काम करती रहेगी। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का समापन इस आशा के साथ किया कि देश के सभी हिस्से एक साथ मिलकर विकास की इस यात्रा में योगदान देंगे, और भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।

