प्रयागराज 22 सितम्बर । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में हुई मौत अभी भी पहेली बनी हुई है। 20 सितंबर को श्री मठ बाघमबारी गद्दी के गेस्ट हाउस स्थित कमरे में नरेंद्र गिरि का शव पंखे पर फंदे से लटका मिला। आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोपित योग गुरु आनंद गिरी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। महंत नरेंद्र गिरि द्वारा आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने आनंद गिरि को कसूरवार बताया था। सुसाइड नोट में दो अन्य लोग जो कसूरवार ठहराया गए थे उनको भी हिरासत में लिया गया है। सुसाइड से पहले उन्होंने 12 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा था। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा था की “वैसे तो मैं 13 सितंबर को ही आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया आज जब हरिद्वार से सूचना मिली तो एक-दो दिन में आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला के साथ गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर वायरल कर देगा वैसे सोचा कि कहां-कहां सफाई दूंगा एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा मैं जिस पद पर हूं वह गरिमामय पद है सच्चाई का तो लोगों को बाद में पता चलेगा लेकिन मैं बदनाम हो जाऊंगा इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि आधा प्रसाद तिवारी और उसके लड़के संदीप तिवारी की होगी। बलबीर गिरी को उत्तराधिकारी बनाया जाए”।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पुलिस ने विशेष जांच टीम एसआईटी का गठन किया है।
श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोषी को कानून के दायरे में सजा दिलाई जाएगी। योगी ने कहा मैं यहां संत समाज व प्रदेश सरकार की तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि देने आया हूं। महंत नरेंद्र गिरी का निधन आध्यात्मिक व धार्मिक समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। अखाड़ा परिषद व संत समाज की उन्होंने जो सेवा की, वह अविस्मरणीय है। शव का पोस्टमार्टम 22 सितम्बर को कराया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी ने निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी व महंत बलवीर गिरी से अकेले में वार्ता की और भरोसा दिलाया कि वह जैसा कहेंगे सरकार उनके अनुरूप जांच करवाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी दोपहर करीब 1:00 बजे मठ में पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि महंत का स्नेह हमेशा मिला। अखिलेश यादव ने मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराए जाने की मांग की।

