
गोण्डा । शहर के आसपास के नालों की सफाई न होने से ही शहर वासियों को जलभराव का दंश झेलना पड़ा। व्यापारियों को लाखों का नुकसान सहना पड़ा तो आम लोगों को रात – रातभर घर में पानी भरा होने के कारण जागना पड़ा। इन स्थितियों के पहले और अब बाद में नहीं जागे हैं तो वह हैं इस हालात को उत्पन्न कराने वाले जिम्मेदार।
नगर पालिका ने बरसात से पहले जलभराव से निपटने के लिए नालों की सफाई के लिए सरयू ड्रेनेज खंड को तीन पत्र भेजे लेकिन उसके कान में जूं तक नहीं रेंगा। महकमें ने सारे पत्र को डस्टबिन में डाल दिया और कुंभकर्णी नींद के आगोश में रहा। अब भी नालों की सफाई का अभियान नहीं शुरू किया गया है।
हाल ही में हुई कई दिनों की बारिश ने शहर में जलभराव हो गया था। हालात को देखकर शहरवासी जिम्मेदारों को चुल्लूभर पानी में डूब मरने की नसीहत तक दे रहे थे। मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा उफान मार रहा था। सभी जिम्मेदारों को पानी पी-पीकर कोस रहे थे। किसी के निशाने पर नपाप तो किसी के स्थानीय प्रशासन था। सभी लोग अपने – अपने तरीके से गुस्से का इजहार कर रहे थे। अफसर भी जलनिकासी की तरकीब ढूंढने में जुटे हुए थे लेकिन इसके कारणों पर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा था।
अब अगर गौर किया जाए तो नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने सरयू नहर खंड के अधिशासी अभियंता को 20 अप्रैल को पहला पत्र लिखा और कहा कि शहर सीमा में नालों की सफाई की जा रही है लेकिन आगे के पानी की निकासी के लिए आपकी सीमा में पडऩे वाले नालों की सफाई किया जाना आवश्यक है। इसके बाद 23 अप्रैल को भी पत्र लिखा गया, जिसमें दिशा की बैठक के दौरान विभाग के नाला सफाई के आश्वासन की भी याद दिलाई गई लेकिन फिर भी सरयू ड्रेनेज खंड हरकत में नहीं आया।
इसके बाद एक जून को पहले भेजे गए दोनों पत्रों का हवाला देते हुए पत्र भेजा गया, इसके बावजूद भी नाला सफाई की जहमत सरयू नहर खंड ने नहीं उठाई।