
गोंडा: अवैध मीटर कनेक्शन मामले में जांच के बाद विभागीय कर्मचारी समेत कई लोगों पर कार्रवाई की मांग
गोंडा, 8 अक्टूबर। गोंडा जिले के न्यू मेवातियान इलाके में अवैध मीटर कनेक्शन के एक मामले में जांच के बाद कई लोगों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले की जांच अधिशाषी अभियंता (परीक्षणशाला) ईं. सुनील कुमार गुप्ता के नेतृत्व में की गई, जिसमें पाया गया कि चार संयोजन (कनेक्शन) पर अवैध रूप से बिजली के मीटर लगाए गए थे। इस जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि इन अवैध कनेक्शनों को विभागीय कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों की मिलीभगत से लगाया गया था।
यह मामला तब सामने आया जब न्यू मेवातियान, गोंडा में रहने वाली श्रीमती नाजमा सिद्दीकी पत्नी श्री अकबाल हुसैन और उनकी बेटी आफरीन सिद्दीकी के नाम से दर्ज दो घरेलू कनेक्शनों के मीटरों की जांच की गई। जांच टीम ने पाया कि इन कनेक्शनों पर लगे मीटर अवैध रूप से संचालित हो रहे थे। नाजमा सिद्दीकी का कनेक्शन संख्या 39665XXX और आफरीन सिद्दीकी का कनेक्शन संख्या 40730XXX के मीटर क्रमशः 2566219 और 2557204 अवैध पाए गए।
इसके अलावा, दो अन्य कनेक्शनों पर लगे मीटर भी जांच के दौरान संदिग्ध पाए गए। ये कनेक्शन किरायेदारों के नाम पर थे—श्री अफजाल और श्री एखलाक हुसैन के नाम से दर्ज कनेक्शनों में भी अवैध मीटर पाए गए। अफजाल के कनेक्शन की संख्या 67611XXX और एखलाक हुसैन के कनेक्शन की संख्या 73097XXX थी, जिन पर क्रमशः मीटर संख्या 13647286 और 3475650 वैध पाए गए, लेकिन उनके संचालन में कुछ अनियमितताएं थीं।
जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि अवैध मीटरों का संबंध पूरबांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से था, जबकि यह क्षेत्र मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आता है। यह स्पष्ट हुआ कि बिना विभागीय मंजूरी के इन मीटरों को वैध दिखाने का प्रयास किया गया था। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि यह कार्रवाई बिना वैधानिक स्वीकृति के की गई थी, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि इस पूरे प्रकरण में विभागीय कर्मचारियों और उपभोक्ताओं की मिलीभगत है।
जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि उपभोक्ता प्रतिनिधि (मकान मालिक) श्री अकबाल हुसैन ने अपने बयान में बताया कि उनके परिसर में पूरबांचल विद्युत वितरण निगम का मीटर अवैध रूप से स्थापित किया गया था। इस अवैध कनेक्शन के लिए उन्होंने तत्कालीन मीटर रीडर श्री शक्ति तोमर का नाम लिया, जो ग्राम शाहपुर बनकट, थाना मोतीगंज, मनकापुर, गोंडा के निवासी हैं। इसके अलावा, श्री अकबाल हुसैन और कुछ अज्ञात व्यक्तियों पर भी अवैध मीटर लगाने में मिलीभगत के आरोप लगाए गए हैं।
जांच टीम ने इस बात की पुष्टि की कि श्री शक्ति तोमर और श्री अकबाल हुसैन के साथ-साथ अन्य अज्ञात व्यक्तियों की संलिप्तता स्पष्ट रूप से नजर आती है। टीम ने यह भी कहा कि यह पूरा मामला एक संगठित साजिश का हिस्सा हो सकता है, जिसमें विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से बिजली की आपूर्ति की जा रही थी। इस तरह की घटनाएं न केवल विद्युत विभाग के लिए हानिकारक हैं, बल्कि सरकारी राजस्व को भी नुकसान पहुंचा रही हैं।
इस जांच के आधार पर सहायक अभियंता (मीटर) ई. ऐजाज हुसैन ने गोंडा विद्युत परीक्षण प्रयोगशाला से इस मामले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की है। उन्होंने मांग की है कि श्री शक्ति तोमर, श्री अकबाल हुसैन और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। जिनकी प्रार्थना पत्र पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
हुसैन ने यह भी कहा कि विद्युत विभाग को इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताएं न हो सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि विभागीय जांच के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिले और विद्युत चोरी के मामलों पर अंकुश लगाया जा सके।
उपखण्ड अधिकारी (प्रथम) श्री एन.एन. भारतीय और अवर अभियंता श्री अरुण कुमार ने इस मामले की जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि विभाग इस मामले में जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में विभाग पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से जांच करता है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
यह पूरा मामला विद्युत विभाग की कार्यशैली और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करता है। अवैध रूप से मीटर लगाने और विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से विद्युत आपूर्ति में हो रही हेराफेरी सरकार और विद्युत विभाग के लिए एक गंभीर चुनौती है। अगर समय रहते इस मामले पर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह भविष्य में और भी बड़े घोटालों का रूप ले सकता है।
विद्युत विभाग की ओर से इस जांच में दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है, ताकि इस तरह के अवैध कार्यों पर रोक लगाई जा सके और विद्युत विभाग की साख को फिर से बहाल किया जा सके।