
गोण्डा । आज हम विश्लेषण कर रहे है गोण्डा के दो राजनैतिक घरानों की जिनके दरवाजे के चौखट से ही अब गोण्डा की राजनीति शुरू होती है एक घराना राजशाही से जुड़ा है तो दूसरा घराना प्रजा के बीच से निकलकर अपना स्थान बनाया है। हम बात कर रहे है अभी भी स्टेट माने जाने वाले मनकापुर व अब राजनीति की राजधानी माने जाने वाले तरबगंज तहसील के विश्नोहरपुर गांव में जन्मे और अब भारतीय कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की
हम शुरुआत करते हैं राजा आनंद सिंह के घराने से जहां राजा आनंद सिंह कई बार विधायक मंत्री और सांसद राह चुके है तो उनके बेटे कुँवर कीर्तिवर्धन सिंह अभी भारतीय जनता पार्टी से गोण्डा के सांसद है कुंवर साहब जनता से अभी भी कुंवर की ही तरह से मिलते हैं और जनता भी प्रजा की ही तरह से कुंवर को सम्मान देती है सांसद होने के बाद भी जनता को अपनी प्रजा मानकर ही व्यवहार करते हैं एक दूरी जो एक राजपरिवार और प्रजा के बीच होनी चाहिए वह इन्होंने अपने कर्मचारियों के माध्यम से व्यवस्थित कर रखा है।
अब हम बात करेंगे कैसरगंज सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की, प्रजा के बीच से निकलकर अपना स्थान बनाया, कई बार के सांसद रह चुके है और इनकी पत्नी केतकी सिंह जी भी एक बार सांसद रही है इनके पुत्र प्रतीक भूषण सिंह 2017 और 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोण्डा सदर विधानसभा सीट से विधायक हैं।
जनता के बीच से निकले और जगह बनाने वाले बृजभूषण शरण सिंह और इनके पूरे परिवार को जो जानते है वो इन्हें अभिभावक की तरह से मानते हैं मतदाताओं के अतिरिक्त हर परेशान, लाचार के साथ उनके सुख और दुख में खड़े रहते है और उन सभी को अपने सुख में शामिल भी करते है
शोशल मीडिया में वायरल हुई कुछ तश्वीरों और धरातल पर मौजूद स्थिति की समीक्षा यह है ऐसा मानना है कि राजशाही जाने के बाद सभी राजा अपनी ताकत और अपने धन को बचाने के लिये राजनीति में उतरे, आजादी तक तक राजा या जमीरदार वही थे जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार की थी और उनका साथ दिया था भारत का वह समय खत्म हो चुका है जब के लोग राजा को और उनके परिवार को भगवान मानते थे अब लोकतंत्र है अब जुड़ने का समय है वरना टूटना तय है