गोंडा 23 दिसंबर। जिले में एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कई अहम मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने पूर्व विधायक बैजनाथ दुबे के घर पहुंचकर उनके पिता के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे एनकाउंटर मामलों, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान, और धार्मिक स्थलों को लेकर भाजपा की राजनीति पर खुलकर चर्चा की।
एनकाउंटर पर सवाल: “यह कोई समाधान नहीं”
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा हाल ही में पीलीभीत में तीन खालिस्तानी आतंकवादियों के एनकाउंटर को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर आम बात हो गई है। यहां हर रोज आप किसी न किसी एनकाउंटर की खबर सुनते हैं। एनकाउंटर के दो प्रकार होते हैं। एक, जिसमें आमने-सामने की मुठभेड़ होती है, जहां पुलिस और आरोपी दोनों घायल हो सकते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं हो रहा। यहां पुलिस कभी घायल नहीं होती और आरोपियों को गोली मार दी जाती है, जिससे उनका पैर टूट जाता है। यह असली एनकाउंटर नहीं है।”
उन्होंने इसे मौलिक अधिकारों का हनन बताया और कहा कि हर नागरिक को जीने का अधिकार है। उन्होंने यह भी जोड़ा, “यदि कोई अपराधी है, तो उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। कोर्ट ही फैसला करेगा कि उसे क्या सजा दी जाए। सरकार को इस तरह सजा देने का अधिकार नहीं है। एनकाउंटर केवल तात्कालिक समाधान हो सकता है, लेकिन यह दीर्घकालिक समाधान नहीं है। इसे रोकने के लिए न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।”

“एनकाउंटर के पीछे की राजनीति”
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार एनकाउंटर को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, “यह सरकार कानून व्यवस्था को सुधारने की बजाय डर और भय का माहौल बनाकर शासन कर रही है। ऐसे एनकाउंटर के जरिए न्यायपालिका और संविधान की गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है।”
आरएसएस प्रमुख के बयान का समर्थन
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा भारत की विविधता और सामंजस्य को लेकर दिए गए बयान पर माता प्रसाद पांडेय ने सहमति जताई। उन्होंने कहा, “मोहन भागवत ने सही कहा कि भारत विभिन्न वर्गों और समुदायों से मिलकर बना है। यदि इन वर्गों में वैमनस्यता फैलाई जाएगी, तो यह देश के विकास में बाधा पैदा करेगा। आज जो स्थिति बन रही है, उसमें कुछ ताकतें समाज में दरार डालने का काम कर रही हैं, जो बेहद खतरनाक है।”
उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक और सामाजिक सौहार्द देश की शक्ति है। “यदि हम इसमें तनाव और दुश्मनी बढ़ाएंगे, तो यह भारत को कमजोर करेगा। जो लोग इसे बढ़ावा दे रहे हैं, वे देश के विकास को पीछे धकेलने का काम कर रहे हैं,” उन्होंने जोर देकर कहा।
धार्मिक स्थलों का सर्वे: “राजनीतिक लाभ के लिए पैदा की जा रही दूरी”
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में अतिक्रमण हटाने के दौरान मिले एक मंदिर और धार्मिक स्थलों के सर्वे को लेकर माता प्रसाद पांडेय ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “जब आप सर्वे के बाद मंदिर को मस्जिद नहीं बना सकते और मस्जिद को मंदिर नहीं बना सकते, तो फिर ऐसे सर्वे का क्या मतलब है? यह केवल जनता को गुमराह करने और राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश है। भाजपा इस तरह की हरकतें करके समाज में विषमता और तनाव पैदा कर रही है।”
“मंदिर खोजकर दूरी बढ़ाने का प्रयास”
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा मंदिर खोजकर हिंदू-मुसलमान के बीच दूरी बढ़ाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने संभल में पाए गए मंदिर के मामले का हवाला देते हुए कहा, “यह कोई पुरातात्विक खोज नहीं है। यह केवल एक पुराना स्थान है, जिसे राजनीतिक रंग देकर तनाव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। भाजपा ऐसे मुद्दों के जरिए अपने अधिनायकवादी एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की गतिविधियों से न तो कोई समाधान निकलेगा और न ही समाज में कोई सकारात्मक बदलाव आएगा। “ये गतिविधियां केवल जनता का ध्यान भटकाने के लिए की जा रही हैं। असली मुद्दे जैसे बेरोजगारी, महंगाई, और शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
माता प्रसाद पांडेय के बयानों का व्यापक प्रभाव
माता प्रसाद पांडेय के इन बयानों से यह स्पष्ट है कि वे योगी सरकार की नीतियों और भाजपा की राजनीति पर सीधे सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि वर्तमान सरकार समाज में डर और वैमनस्य का माहौल बनाकर शासन कर रही है। एनकाउंटर को लेकर उनके विचार यह दिखाते हैं कि वे संविधान और न्यायपालिका के महत्व को प्राथमिकता देते हैं।
धार्मिक स्थलों को लेकर उनका रुख स्पष्ट है कि ऐसी गतिविधियां केवल राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही हैं। उनका यह बयान कि “मंदिर और मस्जिद की राजनीति से समाज में दूरियां बढ़ रही हैं,” इस बात को रेखांकित करता है कि वे सामाजिक सौहार्द और एकता के पक्षधर हैं।
प्रभात भारत विशेष
माता प्रसाद पांडेय ने गोंडा दौरे के दौरान प्रदेश की योगी सरकार और भाजपा की नीतियों पर जो सवाल उठाए, वे कई स्तरों पर चर्चा का विषय बन गए हैं। उनके बयान एनकाउंटर की वैधता, धार्मिक स्थलों पर राजनीति, और सामाजिक सौहार्द की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर गहराई से प्रकाश डालते हैं।
उनकी राय न केवल विपक्ष के दृष्टिकोण को सामने रखती है, बल्कि यह भी बताती है कि मौजूदा सरकार की नीतियों और कार्यशैली को लेकर जनता में कितनी चिंताएं हैं। उनके बयान से यह स्पष्ट है कि वे एक ऐसी राजनीति की वकालत करते हैं, जो संविधान, न्यायपालिका और सामाजिक एकता के आधार पर हो।
यह खबर यूपी की राजनीति में गहराई से झांकने का अवसर प्रदान करती है और यह दिखाती है कि विपक्ष सरकार की नीतियों के खिलाफ किस प्रकार का रुख अपना रहा है।

