
गोंडा (अतुल यादव) 18 अगस्त। कोरोनाकाल मे गरीबों के लिये बंटवाये जा रहे खाद्यान्नो को मठाधीश सफेदपोश अपने गोदामों में भर कर सरकारी संरंक्षण के साथ बाजारों में ऊचे में दामों में बेंच रहे हैं। पहले भी सरकारी अनाज सस्ते में खरीद कर बाग्लादेश भेज दिया गया था। ताजा मामला गोंडा के कटरा बाजार का है जहाँ एक निजी दुकात में सरकारी खाद्यान्न बरामद हुआ है ये सरकारी खाद्यान ट्रको से उतार कर इकठ्ठा किया गया था जिसकी शिकायत पर करनैलगंज के उपजिलाधिकारी उप जिलाधिकारी व आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी की आरोपी फरार हो गए अब विभाग वैधानिक कार्यवाही में जुटा है।
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यही वो दुकान है जहाँ ट्रकों से सरकारी खाद्यान उतारकर इकट्ठा किया जाता था और उसे ऊंचे दामों पर बाजार में बेंच दिया जाता था, जी उत्तरप्रदेश उत्तराखंड के पार फरार आरोपी की एक्सक्लुसिव फुटेज है जिसमे वह खुद भी स्वीकार कर रहा है कि ट्रकों से खाद्यान उतारा जाता था, अधिकारियों के आने जे पहले ही ये आरोपी फरार हो गए, कोरोना काल मे गरीबो के लिए आये खाद्यान के इस तरह से मिलने से अधिकारियों में हड़कंप है।
पहले भी गोंडा से खाद्यान्न ट्रेनों के द्वारा बाग्लादेश भेजा गया था अभी भी सीबीआई कर रही है फिर भी लगातार खाद्यान का घोटाला लगातार शुरू है। उप जिलाधिकारी करनैलगंज ने बताया कि मैं परीक्षा ड्यूटी में था अशोकपुर में एक स्थान पर सरकारी खाद्यान होने की सूचना मिली थी जिसके बाद हमने छापेमारी की है और सरकारी खाद्यान बरामद किया है, आगे विधिक कार्यवाही की जा रही है।
आज तक वे हाथ नहीं आये जिनकी ये जादूगरी है क्योंकि खद्यान्न अच्छे नियत से ट्रको और गोदामों से नहीं गायब हो गए क्या वो गर्दन अब पकड में आयेगी जो पर्दे के पीछे हैं कही ऐसा तो नही कि उनके इशारे पर बिना बात के छोटी मछलियां पकडी जायें और मगरमच्छ इतराते फिरे अगर जांच सही दिशा और सही नियत से हुई तो बहुत चैकाने वाले तथ्य सामने आयेगें। बडे बडों की गर्दन नपने की उम्मीद बलवती हो उठी है और इन कालाबजारियाों के खिलाफ क्या कार्यवाही ये इमानदार कहलाने वाली भाजपा सरकार करती है यह देखने वाली बात होगी।