ठंड में राहत अभियान की पहल
गोंडा 12 दिसंबर। सर्द रातों में गरीब और निराश्रित लोगों की कठिनाइयों को देखते हुए गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने मानवीय दृष्टिकोण से ठोस कदम उठाए। शुक्रवार रात उन्होंने रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, और जय नारायण चौराहे पर खुद पहुंचकर जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरित किए। उनका यह कदम समाज के कमजोर तबके के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।

जिलाधिकारी ने बताया कि इस ठंड में किसी भी गरीब या निराश्रित व्यक्ति को खुले में रात बिताने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने जिला प्रशासन की टीमों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि हर जरूरतमंद को सरकारी और सहयोगी संगठनों की सहायता से राहत पहुंचाई जाए।
रैन बसेरों का निरीक्षण
इसके बाद, जिलाधिकारी ने बस स्टेशन, महिला अस्पताल, और जिला अस्पताल के पास स्थित रैन बसेरों और आश्रय गृहों का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने को कहा कि रैन बसेरों में रहने वाले लोगों के लिए सुरक्षा और गर्म कपड़ों की पर्याप्त व्यवस्था हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिलाधिकारी ने जिला आपदा अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि रैन बसेरों में नियमित रूप से निरीक्षण हो और हर जरूरतमंद को सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा, “सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि सड़कों पर रहने वाले किसी भी निराश्रित को सर्दी के प्रकोप से बचाने के लिए हरसंभव मदद करें।”
सामुदायिक प्रयास और जागरूकता
जिलाधिकारी ने कहा कि शाम को नियमित रूप से रोड पर गश्त की जाए ताकि यह देखा जा सके कि कहीं कोई व्यक्ति सर्दी में खुले में रात गुजारने को मजबूर तो नहीं है। इस दौरान जो भी निराश्रित और जरूरतमंद लोग मिलें, उन्हें तुरंत रैन बसेरों में लाने और वहां गर्म कंबल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की अपील
नेहा शर्मा ने जोर देकर कहा कि सरकार और सहयोगी संगठनों के प्रयासों का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोग, जिनके पास स्थायी आवास नहीं हैं, उनके लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे परिवारों की पहचान करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें।
समाजसेवी संगठनों की भागीदारी
जिलाधिकारी ने समाजसेवी संस्थाओं से अपील की कि वे आगे आकर इस मानवीय प्रयास में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि प्रशासन और समाज के सामूहिक प्रयास से ही निराश्रित और जरूरतमंद लोगों की मदद संभव हो सकती है।

ठंड से बचाव के लिए जागरूकता अभियान
उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, जिससे लोग खुद भी आगे आकर जरूरतमंदों की मदद कर सकें। उन्होंने उदाहरण दिया कि कई बार सामान्य लोग भी गरीबों की मदद करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि कैसे और कहां मदद करनी है। जागरूकता अभियान इस समस्या को हल करेगा।
नेहा शर्मा का समर्पण और प्रतिबद्धता
जिलाधिकारी नेहा शर्मा का यह कदम उनके प्रशासनिक कौशल और मानवीय संवेदनशीलता का परिचायक है। उन्होंने गोंडा के नागरिकों को यह विश्वास दिलाया है कि जिला प्रशासन उनकी हर समस्या का समाधान करने के लिए तत्पर है। उनकी पहल न केवल ठंड में राहत पहुंचाने का प्रयास है, बल्कि एक समाज के रूप में संवेदनशीलता और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने का संदेश भी देती है।
यह पहल गोंडा जिले को एक ऐसी जगह बनाने की दिशा में एक और कदम है, जहां हर व्यक्ति को गरिमा और सुरक्षा के साथ जीवन जीने का अधिकार मिले।

