संजय चतुर्वेदी ने संभाला पदभार, शिक्षकों की वेतन समस्या समाधान की उम्मीद
गोंडा 12 दिसंबर। जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में लंबे समय से रिक्त चल रहे वित्त एवं लेखा अधिकारी (एफ़एओ) के पद पर आखिरकार स्थायी नियुक्ति हो गई है। मंगलवार को संजय चतुर्वेदी ने कार्यालय बेसिक शिक्षा में पहुंचकर विधिवत रूप से अपना पदभार ग्रहण किया। छह महीने से बिना नियमित वित्त एवं लेखाधिकारी के काम कर रहे विभाग में इस नियुक्ति को शिक्षकों व कर्मचारियों ने राहत की बड़ी खबर के रूप में लिया है। पदभार ग्रहण करते ही विभिन्न शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने श्री चतुर्वेदी का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि अब विभागीय कार्यों में तेजी आएगी।
पदभार ग्रहण के बाद संजय चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट कहा कि शिक्षकों को वेतन संबंधी परेशानियों का सामना अब नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विभाग में लंबे समय से वेतन भुगतान की प्रक्रिया बाधित होने के कारण शिक्षकों और कर्मचारियों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी, लेकिन अब समय से वेतन भेजना उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी भी शिक्षक या कर्मचारी को भुगतान के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और सभी कार्य तय समय सीमा के भीतर पूरे होंगे।
श्री चतुर्वेदी पहले भी गोंडा में वित्त एवं लेखाधिकारी के पद पर कार्य कर चुके हैं और अपने निडर व निष्पक्ष कार्यशैली के कारण जाने जाते हैं। विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि उनके पिछले कार्यकाल में न केवल फाइलों का निस्तारण समय से हुआ, बल्कि वेतन भुगतान भी सुचारू रूप से चलता रहा। इसी कारण शिक्षकों और प्रशासनिक स्टाफ में उनकी वापसी को लेकर सकारात्मक माहौल देखा गया।
वेतन भुगतान में आ रही दिक्कतें होंगी समाप्त
गौरतलब है कि पिछले छह महीनों से विभाग में स्थायी वित्त एवं लेखाधिकारी न होने के कारण वेतन भुगतान संबंधी कई फाइलें लंबित पड़ी थीं। परिषदीय विद्यालयों के हजारों शिक्षकों के साथ-साथ अनुदानित विद्यालयों के कर्मचारियों को भी वेतन न मिलने की समस्या का सामना करना पड़ा था। इस दौरान शिक्षकों के संगठनों ने कई बार जिला प्रशासन से नियुक्ति करने की मांग उठाई थी। अब संजय चतुर्वेदी के कार्यभार संभालने के बाद शिक्षकों में विश्वास जगा है कि वेतन भुगतान की पुरानी दिक्कतें खत्म हो जाएंगी।
संजय चतुर्वेदी ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई ही उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने बताया कि विभागीय फाइलों के समय से निस्तारण के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली विकसित की जाएगी, जिससे किसी भी कार्य में अनावश्यक विलंब न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि फर्जी बिल, गलत भुगतान या किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी कार्य नियम और वित्तीय मानकों के अनुसार ही किए जाएंगे।
शिक्षक संगठनों ने जताई उम्मीद
पदभार ग्रहण के दौरान प्राथमिक शिक्षक संघ, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ सहित कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। उन्होंने संजय चतुर्वेदी का स्वागत करते हुए कहा कि विभाग को एक अनुभवी और सख्त वित्त अधिकारी मिलना पूरे जिले के लिए सकारात्मक संकेत है। शिक्षक नेताओं ने उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में विभाग में पारदर्शिता बढ़ेगी और वेतन भुगतान, पेंशन, अवकाश नकदीकरण, चिकित्सीय प्रतिपूर्ति जैसी फाइलों का निस्तारण तेजी से होगा।
एक शिक्षक प्रतिनिधि ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में अनेक शिक्षक वेतन न मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। बैंक किश्तों से लेकर घरेलू खर्च तक प्रभावित हुए। अब नए वित्त अधिकारी के आने से यह उम्मीद बंधी है कि भुगतान की प्रक्रिया समयबद्ध होगी और कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
विभाग में कार्यप्रणाली को सुधारने पर होगा जोर
संजय चतुर्वेदी ने बताया कि वे विभागीय कर्मचारियों के साथ बैठक करके कार्यप्रणाली को और सुव्यवस्थित करने की दिशा में कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यमों का अधिक उपयोग कर फाइलों के निस्तारण में तेजी लाई जाएगी, ताकि किसी भी स्तर पर दिक्कत उत्पन्न न हो।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी शिक्षक या कर्मचारी की कोई समस्या लंबित है, तो वह सीधे कार्यालय में आकर अपनी बात रख सकता है। प्रत्येक मामले पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
कुल मिलाकर, संजय चतुर्वेदी के कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग में नई ऊर्जा का संचार महसूस किया जा रहा है। शिक्षकों, कर्मचारियों और विभागीय अधिकारियों को उम्मीद है कि उनकी कार्यशैली से न केवल वेतन भुगतान की समस्या दूर होगी, बल्कि वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता भी मजबूत होगी।

