
नई दिल्ली, 1 फरवरी 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में आम बजट 2025-26 पेश करेंगी। यह बजट ऐसे समय में आ रहा है जब देश में लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है। विपक्ष और सरकार दोनों की ओर से बजट को लेकर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। एक ओर जहां सरकार इस बजट को “समावेशी विकास” और “आर्थिक उछाल” का बजट बता रही है, वहीं विपक्ष इसे “पूंजीपतियों के लिए सहूलियतों का बजट” करार दे रहा है।
विपक्ष का रुख: ‘बजट से कोई उम्मीद नहीं’
बजट से ठीक पहले कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधा। नई दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने भाजपा सरकार के बजट पर सीधा हमला बोलते हुए कहा,
“कोई खास उम्मीद नहीं है। वे (भाजपा) पिछले 8-10 सालों से बजट पेश कर रहे हैं, लेकिन किसी भी उम्मीद पर खरे नहीं उतरे हैं। हम देखेंगे कि वे अपने बड़े पूंजीपतियों के लिए और कितने आयाम बनाते हैं… दिल्ली चुनाव चल रहे हैं। उन्हें पता है कि उन्हें दिल्ली में कुछ नहीं मिल रहा है, इसलिए संभव है कि वे दिल्ली की जनता से टैक्स या कुछ लोकलुभावन वादे करें।”
कांग्रेस नेता ने सरकार पर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार की आर्थिक नीतियों ने आम जनता के लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं। उन्होंने आशंका जताई कि इस बार का बजट भी केवल चुनावी रणनीति के तहत होगा, जिसमें कुछ लोकलुभावन घोषणाएं की जाएंगी, लेकिन ज़मीनी हकीकत में आम आदमी को कोई बड़ी राहत नहीं मिलेगी।
भाजपा का जवाब: ‘समावेशी विकास पर जोर’
सरकार की ओर से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बजट को लेकर पूरी उम्मीद जताई। उन्होंने कहा,
“पूरी उम्मीद की जाती है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उनके विज़न ‘समावेशी विकास’ को ध्यान में रखते हुए बजट में ऐसे प्रावधान होंगे, जिससे लोगों को राहत मिलेगी और देश का व्यापार व अर्थव्यवस्था एक बार फिर छलांग लगाएगी।”
भाजपा नेता ने इस बजट को ‘आर्थिक सुधारों’ का महत्वपूर्ण चरण बताते हुए कहा कि यह बजट उद्योग, व्यापार और आम जनता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। उनके अनुसार, मोदी सरकार का यह बजट किसानों, युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए एक नई दिशा निर्धारित करेगा।
#WATCH दिल्ली: भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने #UnionBudget2025 पर कहा, "पूरी उम्मीद की जाती है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उनके विज़न समावेशी विकास को ध्यान में रखते हुए बजट में ऐसे प्रावधान होंगे जिससे लोगों को राहत मिलेगी और देश का व्यपार और अर्थव्यवस्था एक बार फिर… pic.twitter.com/2tQ7sHyQXD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2025
‘स्टार्टअप विफल रहा है’ – कर्नाटक सरकार के मंत्री का तंज
कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने बजट पर तंज कसते हुए मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को पूरी तरह विफल बताया। उन्होंने कहा,”व्यक्तिगत रूप से मुझे बजट से कोई उम्मीद नहीं है। हमने 10 साल से अधिक समय तक प्रधानमंत्री मोदी के ‘मोदीनॉमिक्स’ के मास्टरस्ट्रोक को देखा है और इसके कारण बेरोजगारी बढ़ी है… स्टार्टअप विफल रहा है, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया सभी कागजों में रह गए हैं और यह केवल नारा है… अभी FDI कितनी है?”
उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हर साल सरकार बजट में बड़ी घोषणाएं करती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि न तो स्टार्टअप इंडिया सफल हुआ और न ही मेक इन इंडिया ने कोई बड़ा बदलाव किया।
मध्यम वर्ग और रोजगार को लेकर बढ़ी चिंता
इस बजट से सबसे अधिक उम्मीदें मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों को हैं। बीते कुछ वर्षों में मध्यम वर्ग को टैक्स स्लैब में राहत की मांग करते देखा गया है, लेकिन सरकार की ओर से इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया।
इसके अलावा, बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। देश में नौकरियों की संख्या बढ़ाने और युवाओं को रोजगार देने की चुनौती सरकार के सामने है। विपक्ष का कहना है कि सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण देश में बेरोजगारी दर बढ़ी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने कई बार इसे मुद्दा बनाते हुए कहा है कि “मोदी सरकार नौकरियां पैदा करने में पूरी तरह असफल रही है।”
महंगाई पर नियंत्रण की चुनौती
महंगाई इस बार के बजट का एक महत्वपूर्ण विषय रहने वाला है। बीते वर्षों में खाद्य पदार्थों, ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है।
विपक्षी नेताओं का आरोप है कि सरकार महंगाई को नियंत्रित करने में विफल रही है, जिससे आम जनता पर आर्थिक दबाव बढ़ा है। वहीं, सरकार का दावा है कि उसने महंगाई को काबू में रखने के लिए कई कदम उठाए हैं और इस बजट में भी इस दिशा में नए प्रावधान किए जाएंगे।
रक्षा बजट और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार का बजट रक्षा क्षेत्र और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को लेकर भी महत्वपूर्ण होने वाला है। देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर सकती है।
साथ ही, सरकार हाईवे, रेलवे, मेट्रो प्रोजेक्ट और स्मार्ट सिटी योजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित कर सकती है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक ध्यान देकर जनता के मूलभूत मुद्दों को दरकिनार कर रही है।
वित्तीय घाटे पर भी रहेगी नजर
भारत का वित्तीय घाटा भी एक अहम मुद्दा बना हुआ है। सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि वह घाटे को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार के बजट में सरकार नए निवेश और विदेशी पूंजी को आकर्षित करने पर भी ध्यान देगी।
कृषि क्षेत्र की घोषणाओं पर रहेगी नजर
किसान भी इस बजट से उम्मीद लगाए बैठे हैं। मोदी सरकार के पिछले बजट में किसानों के लिए कई योजनाएं लाई गई थीं, लेकिन किसानों की शिकायत है कि जमीनी स्तर पर उन्हें इनका पूरा लाभ नहीं मिल रहा है। इस बार किसान संगठनों की नजर इस बात पर रहेगी कि सरकार एमएसपी, कृषि कर्ज और अन्य योजनाओं पर क्या घोषणा करती है।
क्या होगा टैक्सपेयर्स के लिए खास?
मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार नई टैक्स व्यवस्था में छूट को बढ़ा सकती है। साथ ही, होम लोन पर ब्याज दरों में कटौती और जीएसटी दरों में बदलाव को लेकर भी घोषणाएं हो सकती हैं।
आम बजट 2025-26 कई मायनों में महत्वपूर्ण है। एक ओर जहां सरकार इसे “आर्थिक विकास” का बजट बता रही है, वहीं विपक्ष इसे केवल “चुनावी बजट” मान रहा है। इस बार बजट में क्या खास होगा और यह जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरेगा, यह देखने वाली बात होगी। लोकसभा चुनाव से पहले आने वाले इस बजट पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं।