
अडानी के नाम पर मिट्टी का अवैध परिवहन, ठेकेदार कर रहे फर्जीवाड़ा, प्रशासन ने की कार्रवाई
लखनऊ, 24 अक्टूबर। राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर इलाके में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें गौतम अडानी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर अवैध रूप से मिट्टी का परिवहन किया जा रहा था। एयरपोर्ट क्षेत्र से मिट्टी ले जाते हुए एक डम्पर (ट्रक) पकड़ा गया, जिसमें साधारण मिट्टी लदी हुई थी। इस घटना में मुख्य आरोपी रविन्द्र यादव को पुलिस ने धर दबोचा, जो खुद को ठेकेदार बताते हुए मिट्टी को बाहर ले जाने का ठेका होने का दावा कर रहा था। आरोपी ने अडानी समूह से जुड़े होने की बात कहकर फर्जी दस्तावेज भी प्रस्तुत किए, लेकिन मौके पर अवैध गतिविधियों की पुष्टि के बाद पुलिस ने कार्रवाई की।
इस प्रकरण ने न केवल एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि किस प्रकार अडानी जैसे बड़े नाम का इस्तेमाल करके कुछ ठेकेदार प्रशासन और जनता को धोखा दे रहे हैं। इस मामले ने राज्य प्रशासन और पुलिस विभाग को सतर्क कर दिया है, और इससे जुड़ी कई जांच प्रक्रियाएँ तेज़ कर दी गई हैं।
घटना का विवरण: अवैध मिट्टी का परिवहन और गिरफ्तारी
यह घटना 19 अक्टूबर 2024 की आधी रात को हुई, जब एक डम्पर (ट्रक) जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर UP-42 AT-8232 था, लखनऊ एयरपोर्ट के अंदर से मिट्टी लादकर बाहर निकल रहा था। डम्पर में 10 घन मीटर साधारण मिट्टी लदी हुई थी। पुलिस के अनुसार, यह मिट्टी एयरपोर्ट अथॉरिटी के निर्देशों के विपरीत बाहर ले जाई जा रही थी। पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने डम्पर को रोक लिया और चालक से मिट्टी के परिवहन से संबंधित कागजात मांगे।
डम्पर के चालक रविन्द्र यादव ने खुद को ठेकेदार बताया और कहा कि उसे अडानी एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से मिट्टी बाहर ले जाने का ठेका दिया गया है। रविन्द्र यादव ने अधिकारियों को एक ठेका पत्र की छायाप्रति भी दिखाई, जो 18 जून 2024 की तारीख का था। इस पत्र में “मिक्स सॉयल” यानी मिश्रित मिट्टी को ले जाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन जब पुलिस ने पाया कि डम्पर में साधारण मिट्टी लदी हुई थी, तो शक गहराने लगा।
रविन्द्र यादव से साधारण मिट्टी के परिवहन से जुड़े दस्तावेज दिखाने को कहा गया, लेकिन वह कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया। इसके बाद पुलिस ने डम्पर को जब्त कर लिया और रविन्द्र यादव को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने अवैध मिट्टी खनन और परिवहन से जुड़े कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें उत्तर प्रदेश उपखनिज परिहार नियमावली 2021 और एमएमआरडी एक्ट 1957 के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
अडानी के नाम पर फर्जीवाड़ा: ठेकेदारों की चालबाजी
इस घटना ने इस बात को उजागर किया है कि कुछ ठेकेदार बड़े नामों का सहारा लेकर सरकारी नियमों को धत्ता बता रहे हैं और अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। आरोपी रविन्द्र यादव ने खुद को गौतम अडानी की कंपनी से जुड़ा ठेकेदार बताया और इसी नाम का दुरुपयोग करते हुए अवैध रूप से साधारण मिट्टी का खनन और परिवहन कर रहा था।
यह पहला मौका नहीं है जब अडानी समूह जैसे बड़े नाम का दुरुपयोग हुआ है। इससे पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहाँ छोटे ठेकेदार या ठेकेदार संगठन बड़े उद्योगपतियों के नाम का गलत इस्तेमाल करके प्रशासन और सरकार को धोखा देते हैं। इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल कानून के खिलाफ हैं, बल्कि यह सरकारी नीतियों और परियोजनाओं को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
एयरपोर्ट निर्माण के दौरान अवैध गतिविधियाँ
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि लखनऊ एयरपोर्ट परिसर में विभिन्न निर्माण कार्य चल रहे हैं। इन कार्यों के दौरान खुदाई से निकली मिट्टी को परिसर के भीतर ही उपयोग में लाया जाना था। लेकिन कुछ ठेकेदार, जिनमें रविन्द्र यादव प्रमुख रूप से शामिल है, ने निर्माण के दौरान निकले मलबे और मिट्टी का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया।
स्थानीय लोगों और कामगारों ने मौखिक तौर पर बताया कि निर्माण कार्य के दौरान निकली मिट्टी को परिसर के भीतर ढेरों के रूप में इकट्ठा किया जाता था। लेकिन समय-समय पर ठेकेदार इस मिट्टी को अवैध रूप से बाहर बेच देते थे। यह प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी, और इस बार रविन्द्र यादव को पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया। पुलिस को शक है कि इस मामले में और भी कई ठेकेदार शामिल हो सकते हैं, और यह एक बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकता है।
खनन और परिवहन नियमों का उल्लंघन
रविन्द्र यादव द्वारा किए गए इस अवैध मिट्टी परिवहन ने उत्तर प्रदेश उपखनिज परिहार नियमावली 2021 और एमएमआरडी एक्ट 1957 की धारा 4/21 का उल्लंघन किया है। इन नियमों के तहत बिना वैध दस्तावेजों के किसी भी प्रकार के खनिज पदार्थ का खनन और परिवहन गैरकानूनी है। साधारण मिट्टी भी उपखनिज के तहत आती है, और इसके परिवहन के लिए उचित लाइसेंस और दस्तावेज होना अनिवार्य है।
इस मामले में आरोपी ठेकेदार न केवल खनन नियमों का उल्लंघन कर रहा था, बल्कि एयरपोर्ट जैसी संवेदनशील जगह से मिट्टी बाहर ले जाकर सुरक्षा व्यवस्था को भी जोखिम में डाल रहा था। एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर इस प्रकार की अवैध गतिविधियाँ सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं।
अधिकारियों का बयान और कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, यह मामला बेहद गंभीर है और आरोपी रविन्द्र यादव से कड़ी पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने डम्पर को जब्त कर लिया है और अवैध परिवहन में शामिल सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। पुलिस का मानना है कि इस अवैध गतिविधि के पीछे और भी लोग शामिल हो सकते हैं, और मामले की तह तक जाने के लिए विस्तृत जांच की जाएगी।
सरोजनी नगर थाना प्रभारी ने कहा, “यह मामला साफ तौर पर कानून का उल्लंघन है और आरोपी ने बड़े नामों का दुरुपयोग करके अवैध काम को अंजाम दिया है। हम आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं और जल्द ही इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करेंगे।”
बड़े नामों का दुरुपयोग: कैसे ठेकेदार सरकार को धोखा देते हैं
गौतम अडानी और उनके समूह का नाम देश के सबसे प्रतिष्ठित व्यवसायों में शामिल है। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व और ठेकेदार बड़े नामों का सहारा लेकर अपने अवैध कामों को अंजाम देते हैं। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि सरकार और जनता को धोखा देने की कोशिश भी है।
इस मामले में रविन्द्र यादव ने अडानी समूह के नाम का दुरुपयोग कर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के नाम पर मिट्टी का अवैध परिवहन किया। उसने फर्जी दस्तावेजों के सहारे अपने अवैध काम को जायज ठहराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते उसकी यह चालबाजी बेनकाब हो गई। इस घटना ने यह भी साबित किया है कि ऐसे ठेकेदार सरकार के प्रोजेक्ट्स में भी घुसपैठ कर अवैध लाभ उठाने की कोशिश करते हैं।
भविष्य की कार्रवाई और सतर्कता
सरकार और प्रशासन के लिए यह मामला एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कड़ी निगरानी और सतर्कता की आवश्यकता है। खासकर बड़े प्रोजेक्ट्स और एयरपोर्ट जैसी संवेदनशील जगहों पर हो रहे निर्माण कार्यों में शामिल ठेकेदारों की गतिविधियों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।
उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी प्रोजेक्ट में शामिल ठेकेदारों के दस्तावेज और उनकी गतिविधियाँ पारदर्शी और कानूनन सही हों। अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
प्रभात भारत विशेष
लखनऊ में गौतम अडानी के नाम पर हुए इस फर्जीवाड़े ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी साबित किया है कि बड़े नामों का सहारा लेकर कुछ लोग अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है