नई दिल्ली 3 अक्टूबर। मध्य पूर्व में हालिया घटनाओं के कारण क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय नागरिकों को ईरान की यात्रा करने से पहले सावधानी बरतने और गैर-जरूरी यात्रा से बचने की कड़ी सलाह दी है। गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच साल भर से चल रहे संघर्ष में हाल ही में तेज़ी आई है, जब इजरायल ने हिज़बुल्लाह पर हमला किया और इसके बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया।
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव
मंगलवार को तनाव तब और बढ़ गया जब ईरान ने इजरायल पर मिसाइलें दागीं, जिसके बाद इजरायल की ओर से संभावित जवाबी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है। इजरायली सेना ने पुष्टि की है कि ईरान से मिसाइल हमले हुए हैं, और तेल अवीव में हवाई हमलों के सायरन भी सुने गए हैं। इसके अलावा, यरुशलम में भी चेतावनी सायरन बजाए गए।
इस बीच, इजरायली सेना ने घोषणा की है कि उसने लेबनान-इजरायल सीमा पर हिजबुल्लाह के ठिकानों पर सीमित सैन्य अभियान शुरू कर दिया है, जिससे लेबनान में एक नया युद्ध मोर्चा खुल गया है। इस कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में व्यापक अस्थिरता की आशंका जताई जा रही है, जो पहले से ही अत्यधिक संवेदनशील स्थिति को और बिगाड़ सकती है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की यात्रा सलाह
भारतीय विदेश मंत्रालय ने ताजा घटनाक्रम के बाद अपने नागरिकों के लिए एक यात्रा सलाह जारी की है। इस सलाह में भारतीय नागरिकों को ईरान की यात्रा से सख्ती से बचने की चेतावनी दी गई है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मौजूदा हालात को देखते हुए ईरान की यात्रा सुरक्षित नहीं है और किसी भी तरह की गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
इसके अलावा, जो भारतीय नागरिक वर्तमान में ईरान में मौजूद हैं, उन्हें भारतीय दूतावास के साथ निकट संपर्क में रहने का सुझाव दिया गया है। भारतीय नागरिकों को दूतावास द्वारा जारी किसी भी आपात सूचना के बारे में जागरूक रहने और सतर्कता बनाए रखने की हिदायत दी गई है। विदेश मंत्रालय ने नागरिकों से दूतावास द्वारा जारी किसी भी अपडेट का पालन करने और किसी भी आपात स्थिति में दूतावास से सहायता प्राप्त करने की अपील की है।
एयरलाइंस की प्रतिक्रिया और वैश्विक यात्रा पर असर
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और सुरक्षा खतरों को देखते हुए एयरलाइंस ने भी अपनी उड़ानों और सेवाओं में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में उड़ानों को रद्द किया जा रहा है, जबकि कई एयरलाइंस अपने विमानों के मार्ग बदलने पर विचार कर रही हैं। इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उड़ानों के समय-सारिणी में बदलाव और सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जा रहा है।
वर्तमान स्थिति के कारण वैश्विक यात्रा में भी बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। मध्य पूर्व से यात्रा करना कठिन होता जा रहा है, क्योंकि उड़ानें रद्द हो रही हैं या उनकी दिशा बदल दी जा रही है। इससे यात्रियों के यात्रा कार्यक्रमों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है, और कई लोगों को अपने यात्रा कार्यक्रमों में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
वैश्विक कार्गो पर प्रभाव
न केवल यात्री उड़ानें, बल्कि वैश्विक कार्गो सेवाएं भी इस संघर्ष के कारण प्रभावित हो रही हैं। विमानन उद्योग को इस क्षेत्र में अस्थिरता के कारण उड़ानों में देरी और आपूर्ति श्रृंखलाओं में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे वैश्विक व्यापार पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना है, विशेष रूप से उन उद्योगों पर जो मध्य पूर्व के माध्यम से कार्गो का परिवहन करते हैं।
आपातकालीन हेल्पलाइन और सहायता
ईरान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने 24/7 हेल्पलाइन स्थापित की है। यह हेल्पलाइन आपात स्थिति में भारतीय नागरिकों को तत्काल सहायता प्रदान करती है और किसी भी तरह की संकटपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से इस हेल्पलाइन का उपयोग करने और अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने का आग्रह किया है।
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और अस्थिरता को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय की इस चेतावनी को बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। वर्तमान हालात में, ईरान की यात्रा करने से बचना और सतर्कता बनाए रखना ही सबसे सुरक्षित उपाय होगा।

