
बहराइच, 17 अक्टूबर। एक सनसनीखेज घटनाक्रम में, उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोली मारकर हत्या करने वाले दो आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। यह दोनों आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे। मुठभेड़ के दौरान दोनों को गोली लगी और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सरफराज और तालिब को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के अनुसार, यह घटना नानपारा कोतवाली क्षेत्र के हांडा बेसहरी नहर के पास हुई।
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान रामगोपाल मिश्रा की हत्या
बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के समय भीड़ में रामगोपाल मिश्रा नामक एक व्यक्ति को गोली मारी गई थी, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। इस घटना ने स्थानीय समुदाय के भीतर काफी आक्रोश और तनाव पैदा कर दिया था। रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद पुलिस ने सघन जांच अभियान शुरू किया और आरोपियों की तलाश में जुट गई। इस मामले ने न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे।
पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तारी
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी, सरफराज और तालिब, नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे। जानकारी के अनुसार, यूपी एसटीएफ को यह जानकारी मिली थी कि दोनों आरोपी नेपाल भागने की योजना बना रहे हैं। एसटीएफ की टीम ने आरोपियों का पीछा करते हुए नानपारा कोतवाली क्षेत्र के हांडा बेसहरी नहर के पास उन्हें घेरने की कोशिश की। जब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया, तब आरोपियों ने पुलिस पर गोली चला दी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दोनों को गोली मारकर घायल कर दिया और गिरफ्तार कर लिया।
मुठभेड़ में घायल हुए दोनों आरोपी
मुठभेड़ के दौरान, सरफराज के दाहिने पैर में गोली लगी, जबकि तालिब के बाएं पैर में गोली लगी। घायल अवस्था में ही दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके बाद दोनों को तत्काल नानपारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उनकी प्रारंभिक चिकित्सा की गई। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों के पैरों में गोली फंसी हुई थी और उन्हें बहराइच मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
पुलिस की तत्परता से टली बड़ी घटना
उत्तर प्रदेश एसटीएफ की इस त्वरित कार्रवाई की चारों ओर सराहना हो रही है। पुलिस की तेजी और सतर्कता के कारण दोनों आरोपी नेपाल भागने से पहले ही पकड़े गए। अगर ये आरोपी नेपाल भागने में सफल हो जाते, तो उनके पकड़ में आने की संभावना और भी कम हो जाती। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपियों के नेपाल में कुछ संपर्क हैं और वे वहां छिपने की योजना बना रहे थे।
आरोपियों की पृष्ठभूमि और पुलिस का बयान
सरफराज और तालिब, दोनों का अपराधिक रिकॉर्ड पहले से ही रहा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि ये दोनों विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में पहले भी शामिल रहे हैं और इनकी इलाके में एक आपराधिक पहचान है। दोनों आरोपियों के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूटपाट और अवैध हथियार रखने के मामले शामिल हैं।
पुलिस ने यह भी बताया कि इस मुठभेड़ के बाद इलाके में और भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो सके। स्थानीय प्रशासन ने शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है।
इलाके में बढ़ी सुरक्षा और जनता का समर्थन
इस घटना के बाद बहराइच के लोगों में पुलिस की इस कार्रवाई के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हत्या के बाद से इलाके में काफी तनाव था। लोगों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ गई थी, लेकिन पुलिस की इस मुठभेड़ और तत्परता से लोगों का भरोसा फिर से कायम हो रहा है।
आगे की जांच और अदालत में पेशी
सरफराज और तालिब को फिलहाल अस्पताल में इलाज के बाद पुलिस हिरासत में भेजा जाएगा। पुलिस ने बताया कि दोनों के खिलाफ हत्या, पुलिस पर हमला, और अवैध हथियार रखने के मामले दर्ज किए जाएंगे। इन दोनों को अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
पुलिस का कहना है कि यह एक बड़ा आपराधिक मामला है और इन आरोपियों के बाकी सहयोगियों की तलाश भी जारी है। पुलिस को संदेह है कि इस हत्या में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान चल रहा है।
घटना का असर और समुदाय में भय
इस हत्या और पुलिस मुठभेड़ का असर इलाके में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। बहराइच में अभी भी लोग इस घटना से स्तब्ध हैं और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा ने धार्मिक और सामाजिक तनाव को बढ़ावा दिया है। हालाँकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने लोगों में कुछ हद तक राहत दी है, फिर भी इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। बहराइच की यह घटना उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था की एक जटिल चुनौती को दर्शाती है। धार्मिक त्योहारों के दौरान बढ़ते तनाव और अपराध की घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस की तत्परता और एसटीएफ की त्वरित कार्रवाई ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि अपराधी नेपाल जैसे पड़ोसी देशों की ओर भागने की कोशिश करते हैं, जिससे सुरक्षा और जांच के लिए और भी कठिनाई हो जाती है।
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी बहराइच का समुदाय अभी तक इस घटना से उबर नहीं पाया है। पुलिस की जांच और भविष्य में होने वाली अदालत की कार्यवाही से यह स्पष्ट होगा कि इस हत्याकांड के पीछे कौन से और कारण थे और इससे जुड़ी साजिशें कितनी गहरी थीं।