
धानेपुर (गोंडा) 17 अप्रैल: गोंडा ज़िले के धानेपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़े गौ-तस्करी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए एक कुख्यात तस्कर से मुठभेड़ के दौरान ट्रक सहित 28 गोवंश बरामद किए हैं। यह मुठभेड़ धानेपुर के राधा स्वामी आश्रम के पास उस वक्त हुई जब पुलिस को गुप्त सूचना के आधार पर एक ट्रक को रोकने की कोशिश की गई। ट्रक में अवैध रूप से गोवंशों को भरकर बिहार ले जाया जा रहा था। इस कार्रवाई में गौ-तस्कर शमशेर नामक युवक पुलिस गोली से घायल हो गया, जिसे तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मौके से ट्रक सहित भारी मात्रा में साक्ष्य बरामद किए हैं।
शमशेर, जो कि संत कबीर नगर ज़िले का निवासी है, लंबे समय से गोंडा, बहराइच और बलरामपुर जिलों के सीमावर्ती इलाकों में अवैध गो-तस्करी के नेटवर्क का संचालन कर रहा था। वह गोंडा को केंद्र बनाकर यहां के ग्रामीण क्षेत्रों से गोवंश एकत्र कर उन्हें ट्रकों के जरिए बिहार के विभिन्न हिस्सों में तस्करी करता था। पुलिस सूत्रों की मानें तो शमशेर के संपर्क बिहार के पशु बाजारों और कुछ मांस व्यापारियों से थे, जो इन गोवंशों को ऊंचे दामों पर खरीदते थे।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत जायसवाल स्वयं मौके पर पहुंचे और पूरे ऑपरेशन की निगरानी की। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए साफ कहा कि, गोंडा ज़िले में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जा रहा है, और ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।
पुलिस ने मौके से बरामद ट्रक की तलाशी ली, जिसमें कुल 28 गोवंश बुरी स्थिति में भरे हुए पाए गए। कई पशुओं के पैरों में रस्सी बंधी थी और उन्हें हवा-पानी तक नहीं दिया गया था। पशु चिकित्सकों की टीम को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने तत्काल उपचार शुरू किया और पशुओं को पास के गौ-शाला में भेज दिया गया। प्राथमिक जांच में साफ हुआ है कि पशुओं को बिना कोई कागजी दस्तावेज या वैध अनुमति के ट्रक में लादा गया था।
यह मुठभेड़ रात करीब 3:30 बजे के आसपास हुई जब धानेपुर थाने की पुलिस रात्रि गश्त पर थी। मुखबिर से सूचना मिली थी कि संत कबीर नगर की तरफ से एक संदिग्ध ट्रक गोंडा की सीमा में प्रवेश कर चुका है। पुलिस ने तुरंत नाकेबंदी की और राधा स्वामी आश्रम के पास ट्रक को रोकने की कोशिश की। पुलिस ने रुकने का इशारा किया, लेकिन चालक ने ट्रक की रफ्तार बढ़ा दी और भागने की कोशिश की। पीछा करने पर आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई जिसमें आरोपी शमशेर के पैर में गोली लगी और वह गिर पड़ा।
पुलिस की इस तत्परता और साहसिक कार्रवाई से न केवल एक बड़े गौ-तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि जिले में सक्रिय अन्य गिरोहों में भी खलबली मच गई है। पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है। यह भी जांच की जा रही है कि कहीं इस नेटवर्क में कुछ स्थानीय लोग, पंचायत प्रतिनिधि या अन्य प्रभावशाली लोग तो शामिल नहीं हैं।
गोंडा जिले में पिछले कुछ वर्षों में गौ-तस्करी की घटनाएं बढ़ी हैं, विशेष रूप से सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में। हालांकि, प्रशासन की सख्ती और पुलिस की लगातार कार्रवाई से इन पर काफी हद तक अंकुश लगाया गया है। धानेपुर मुठभेड़ इसी श्रृंखला की एक अहम कड़ी है, जो यह साबित करती है कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाले तत्वों के खिलाफ प्रशासन पूरी ताकत से कार्रवाई कर रहा है। पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि अगर किसी को गौ-तस्करी या पशु क्रूरता से संबंधित कोई सूचना मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
सामाजिक संगठनों, पशु प्रेमियों और धार्मिक संस्थाओं ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना करते हुए जिला प्रशासन से यह मांग की है कि इन गौवंशों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए स्थायी व्यवस्था की जाए। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया है कि सीमावर्ती इलाकों में सीसीटीवी और नाकाबंदी व्यवस्था को और सशक्त किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।