
अमेठी 20 अक्टूबर। जिले के कमरौली थाना क्षेत्र में शनिवार रात पुलिस और गो-तस्करों के बीच एक मुठभेड़ हुई, जिसमें एक तस्कर को गोली लगने से घायल किया गया। पुलिस ने सूचना के आधार पर घात लगाकर इन तस्करों को पकड़ने की योजना बनाई थी, जो गोवंश की तस्करी कर रहे थे। इस मुठभेड़ में पुलिस ने न केवल दो कुख्यात गो-तस्करों को गिरफ्तार किया, बल्कि उनके पास से अवैध हथियार और गोवध के उपकरण भी बरामद किए।
मुठभेड़ की पृष्ठभूमि
शनिवार रात को कमरौली थाना क्षेत्र अंतर्गत नोती दुबे का पुरवा, कठौरा गांव के पास, निर्माणाधीन डिग्री कॉलेज के पीछे एक खंडहर में गो-तस्करों की गतिविधियों की जानकारी पुलिस को मुखबिर द्वारा प्राप्त हुई। इस सूचना के आधार पर कमरौली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वहां एक टीम भेजी। पुलिस के अनुसार, दोनों तस्कर गोवंश की तस्करी की योजना बना रहे थे और उनके पास गोवध के उपकरण भी थे।
मुठभेड़ की घटनाक्रम
घटना रात करीब 11:30 बजे की है जब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और वहां मौजूद तस्करों को घेरने की कोशिश की। जैसे ही तस्करों ने पुलिस को देखा, उन्होंने भागने की कोशिश की और फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की, जिसमें एक तस्कर अरशद उर्फ सोनू के दाहिने पैर में गोली लग गई। गोली लगने के बाद अरशद वहीं गिर गया और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। वहीं, उसका साथी हबीब उर्फ लादेन भागने की कोशिश कर रहा था, जिसे पुलिस ने दौड़ा कर पकड़ लिया।
घायल तस्कर का उपचार और पुलिस की कार्रवाई
गोली लगने से घायल अरशद को तुरंत पास के सीएचसी जगदीशपुर अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। वहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया और उसकी स्थिति स्थिर बताई गई है। पुलिस ने घटनास्थल से एक तमंचा, एक जिंदा कारतूस, एक खोखा कारतूस 315 बोर का, गोवध के उपकरण और एक मोटरसाइकिल बरामद की।
तस्करों का आपराधिक इतिहास
पुलिस जांच के दौरान यह पता चला कि अरशद और हबीब दोनों के खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज हैं और ये दोनों शातिर अपराधी हैं। दोनों तस्करों के ऊपर विभिन्न थानों में आधा दर्जन से अधिक गंभीर मामले पंजीकृत हैं, जिनमें गो-तस्करी, अवैध हथियार रखने और अन्य अपराध शामिल हैं। इन अपराधियों का अमेठी और आसपास के इलाकों में काफी समय से आतंक था और ये लंबे समय से गोवंश की तस्करी में लिप्त थे।
गो-तस्करी की समस्या और पुलिस की चुनौती
अमेठी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गो-तस्करी की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। इस समस्या से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा समय-समय पर सख्त कार्रवाई की जाती रही है। गो-तस्कर अक्सर दूरदराज के इलाकों में गोवंश की तस्करी करते हैं और कई बार इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के निर्जन इलाकों का इस्तेमाल करते हैं, जहां इनकी गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल होता है। कमरौली थाना क्षेत्र में हुई इस मुठभेड़ ने एक बार फिर से इस समस्या को उजागर किया है और पुलिस की सतर्कता की सराहना की जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई की सराहना
कमरौली पुलिस की इस त्वरित और साहसिक कार्रवाई की स्थानीय लोगों और अधिकारियों ने काफी सराहना की है। पुलिस की तत्परता और सूझबूझ के कारण दो कुख्यात तस्करों को गिरफ्तार किया जा सका और गो-तस्करी की एक बड़ी साजिश को नाकाम किया गया। पुलिस अधीक्षक ने इस कार्रवाई के लिए पुलिस टीम को बधाई दी और भविष्य में भी इस तरह की कड़ी कार्रवाई जारी रखने का आश्वासन दिया।
कानून व्यवस्था पर बढ़ती चुनौती
गो-तस्करी जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। कई बार तस्कर पुलिस पर हमला करने से भी नहीं हिचकते, जिससे पुलिस की जान को भी खतरा रहता है। इस मुठभेड़ में भी तस्करों ने पुलिस पर फायरिंग की, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के कारण बड़ा हादसा टल गया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस मुठभेड़ के बाद स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से विश्वास बढ़ा है। लोगों का कहना है कि पुलिस की सख्ती और तत्परता से अपराधियों में डर पैदा हुआ है। ग्रामीणों ने मांग की है कि पुलिस लगातार इस तरह की तस्करी पर नजर रखे और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती रहे।
कमरौली पुलिस और गो-तस्करों के बीच हुई इस मुठभेड़ ने यह साबित कर दिया है कि अपराधी कितने भी शातिर क्यों न हों, कानून की गिरफ्त से बच नहीं सकते। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने न केवल दो अपराधियों को गिरफ्तार किया, बल्कि भविष्य में इस तरह की तस्करी की घटनाओं को भी रोकने के संकेत दिए हैं। गो-तस्करी जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस और प्रशासन को मिलकर लगातार सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि इस समस्या से जूझ रहे ग्रामीण इलाकों में शांति और सुरक्षा बनी रहे।