
गोण्डा, 11 अक्टूबर। एक शिक्षित बेरोजगार युवक को नियुक्ति का झांसा देकर उसके साथ 14 लाख रुपये से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में मुख्य आरोपी अयाज मुस्तफा खान, जो एक अनुदानित मदरसा अलजामे अतुल गौसिया अरबी कालेज, उतरौला, जनपद बलरामपुर का प्रबंधक है, पर गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित युवक ने इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है, जिसमें उसने आरोप लगाया कि उसे नियुक्ति का झूठा वादा करके भारी रकम ठग ली गई और बाद में उसकी सेवा भी समाप्त कर दी गई।
ठगी की शुरुआत: जान-पहचान का फायदा उठाकर की ठगी
पीड़ित युवक, मो. साहिल का अयाज मुस्तफा खान से व्यक्तिगत रूप से परिचय था। अयाज मुस्तफा खान एक प्रतिष्ठित मदरसा का प्रबंधक है, और पीड़ित युवक का भाई भी एक अन्य मदरसे में सहायक अध्यापक है। इसी जान-पहचान के कारण अयाज मुस्तफा खान अक्सर पीड़ित के घर ग्राम सलारपुरवा, थाना कोतवाली नगर, जनपद गोण्डा आता-जाता रहता था।
पीड़ित युवक शिक्षित होने के बावजूद बेरोजगार था, और इस बात का फायदा उठाते हुए अयाज ने उसे नियुक्ति का झांसा दिया। अयाज ने पीड़ित के परिवार के समक्ष प्रस्ताव रखा कि उसके मदरसे में कुछ नियुक्तियाँ होनी हैं और यदि वे 15 लाख रुपये का इंतजाम कर सकें, तो पीड़ित की नौकरी पक्की हो जाएगी।
वर्ष 2021 में नियुक्ति का झांसा और धन की मांग
वर्ष 2021 में अयाज मुस्तफा खान के मदरसे में एक अखबार में नियुक्ति की विज्ञप्ति प्रकाशित हुई, जिसके बाद पीड़ित युवक ने उस पद के लिए आवेदन किया। अयाज ने उसे 31 जुलाई 2021 को साक्षात्कार के बाद नियुक्ति पत्र सौंप दिया। इससे पहले, 21 अप्रैल 2021 को अयाज ने पीड़ित साहिल से तीन लाख पचास हजार रुपये नगद और पचास हजार रुपये चेक के माध्यम से वसूल किए थे। इसके बाद, नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान अयाज ने और भी कई बार पीड़ित से धनराशि की मांग की।
अयाज ने क्रमशः चार लाख, दो लाख, एक लाख, डेढ़ लाख और फिर डेढ़ लाख रुपये पीड़ित से लिए। इसके अलावा, स्टेशनरी खरीदने के नाम पर भी अयाज ने 36,000 रुपये वसूल किए। इस प्रकार कुल मिलाकर पीड़ित से 14 लाख 36 हजार रुपये वसूल किए गए। पीड़ित के पिता को इस भारी रकम का इंतजाम करने के लिए अपनी जमीन भी बेचनी पड़ी।
सेवा समाप्ति और नए झांसे
जब साहिल ने अयाज की मांगी हुई धनराशि समय पर पूरी नहीं की, तो अयाज ने उसकी सेवा समाप्त कर दी। हालांकि, सक्षम अधिकारियों के आदेश से पीड़ित की सेवा बहाल कर दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी अयाज ने उसे परेशान करना जारी रखा। 10 मई 2022 को अयाज ने फिर से पीड़ित की सेवा समाप्त कर दी।
पीड़ित ने इस अन्याय के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की, लेकिन अयाज और उसके सहयोगियों ने उसे फिर से धोखा देने की योजना बनाई। अयाज ने पीड़ित से कहा कि यदि वह याचिका वापस ले ले, तो उसकी सेवा बहाल कर दी जाएगी या फिर उसकी वसूली गई रकम उसे लौटा दी जाएगी। पीड़ित ने यह याचिका वापस ले ली, लेकिन न तो उसकी सेवा बहाल की गई और न ही उसे उसकी रकम वापस दी गई।
प्रशासन से निराशा और न्याय की गुहार
इस धोखाधड़ी के बाद, पीड़ित युवक ने स्थानीय प्रशासन और अन्य सक्षम अधिकारियों के समक्ष कई प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंततः, पीड़ित ने कानूनी रास्ता अपनाने का निर्णय लिया और अयाज मुस्तफा खान के खिलाफ ठगी और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
इस पूरे प्रकरण में कुछ स्थानीय लोग, जैसे आरिफ खान निवासी गंगापुर, थाना कोतवाली नगर, जनपद गोण्डा, मोहम्मद सलीम निवासी ग्राम भण्डहा, थाना कोतवाली देहात, जनपद गोण्डा, और फहीमुर्रहमान उर्फ मंटू काजी सैन निवासी राजेंद्र नगर, थाना कोतवाली नगर, जनपद गोण्डा, इस ठगी की घटना से भली-भांति परिचित हैं और उन्होंने इस मामले में गवाह के रूप में पीड़ित का समर्थन किया है।
विपक्षी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग
इस ठगी के कारण पीड़ित और उसके परिवार को आर्थिक और मानसिक रूप से अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ा है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि अयाज ने उसकी बेरोजगारी और असहाय स्थिति का फायदा उठाकर उसे और उसके परिवार को ठगा है।
पीड़ित का दावा है कि उसने अयाज के मदरसे में नौकरी पाने के लिए अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी और जब वह धनराशि देने में असमर्थ हुआ, तो उसकी नौकरी छीन ली गई। पीड़ित का कहना है कि उसने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई, लेकिन अयाज ने उसे फिर से झूठे वादों से बहलाकर उसका मुकदमा वापस करवा दिया और उसके बाद भी उसे न्याय नहीं मिला।
अन्य लोगों की भी हो सकती है ठगी
इस मामले ने न केवल पीड़ित युवक को आर्थिक संकट में डाल दिया है, बल्कि यह भी संकेत मिलता है कि अयाज मुस्तफा खान और उसके सहयोगी इसी प्रकार अन्य लोगों को भी ठग सकते हैं। ऐसे मामलों में, आमतौर पर अपराधी जान-पहचान और विश्वास का फायदा उठाते हैं और फिर लोगों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं।
अयाज ने पीड़ित की मजबूरी का फायदा उठाकर उसे भारी रकम देने के लिए मजबूर किया और फिर अपने वादों से मुकर गया। ऐसे मामलों में, यह जरूरी है कि प्रशासन और न्यायिक तंत्र तत्काल कदम उठाए और पीड़ित को न्याय दिलाने का प्रयास करे।
समाज में बढ़ते ठगी के मामले और शिक्षा के नाम पर शोषण
शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह के घोटाले और ठगी के मामले पिछले कुछ समय में बढ़ते जा रहे हैं। नियुक्ति के नाम पर बेरोजगार युवाओं को ठगना एक गंभीर अपराध है, जिससे न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक रूप से भी नुकसान होता है। इस मामले में पीड़ित युवक एक शिक्षित बेरोजगार था, जिसे उसकी शिक्षा और योग्यता के आधार पर नौकरी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अयाज जैसे ठगों ने उसकी इस उम्मीद का फायदा उठाकर उसे ठगा।
शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे घोटालों से समाज में शिक्षा का महत्व कम होता है और लोगों का विश्वास टूटता है। इस तरह के मामलों में अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि अन्य लोग इस तरह के अपराध करने से पहले दस बार सोचें।
इस पूरे प्रकरण ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या सरकारी और निजी संस्थानों में नियुक्ति प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं। अगर ऐसे घोटाले जारी रहते हैं, तो यह न केवल युवाओं की आशाओं को तोड़ता है, बल्कि समाज में असमानता और असुरक्षा की भावना को भी बढ़ावा देता है।