
गोण्डा, 22 नवम्बर। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश के सख्त आदेशों का पालन करते हुए गोंडा जिले में औषधि निरीक्षक राजिया बानो ने प्राइवेट अस्पतालों एवं नर्सिंग होम परिसरों में संचालित मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के दौरान औषधि नियमों के उल्लंघन, बिना बिल के दवाओं की बिक्री और ऊंचे दामों पर औषधियों के विक्रय जैसी अनियमितताएं सामने आईं। छापेमारी में 11 औषधियों के नमूने रैंडम आधार पर संग्रहित कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
नियमों के उल्लंघन पर सख्ती
जिला औषधि निरीक्षक द्वारा अवध हॉस्पिटल, लाइफ लाइन हॉस्पिटल, नारायण हॉस्पिटल और सनराइज हॉस्पिटल सहित विभिन्न स्थानों पर संचालित मेडिकल स्टोर्स की गहन जांच की गई। निरीक्षण के दौरान नियमों का उल्लंघन करते पाए गए मेडिकल स्टोर्स को चेतावनी देते हुए उनके लाइसेंस निलंबित करने की धमकी दी गई। इसके अतिरिक्त डीपीसीओ (ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर) के अंतर्गत दवाओं की अधिकतम खुदरा कीमतों, फार्मासिस्ट की उपस्थिति, सिड्यूल एच1 का रजिस्टर, कैश मेमो और क्रय-विक्रय अभिलेखों की भी जांच की गई।
इन मेडिकल स्टोर्स का हुआ निरीक्षण
1. अवध हॉस्पिटल के अंतर्गत अवध मेडिकल हॉल
2. लाइफ लाइन हॉस्पिटल के अंतर्गत एस एस फार्मेसी
3. नारायण हॉस्पिटल के अंतर्गत नारायण फार्मेसी
4. सनराइज हॉस्पिटल के अंतर्गत सनराइज मेडिकल स्टोर
5. सीएचसी परसपुर के निकट सेठ मेडिकल स्टोर
6. अभिषेक मेडिकल स्टोर
7. रामापुर करनैलगंज रोड स्थित रमेश मेडिकल स्टोर
8. सूरज होटल के निकट सूरज मेडिकल स्टोर
इन सभी प्रतिष्ठानों से विक्रय हेतु प्रदर्शित औषधियों में से 11 औषधियों के नमूने रैंडम आधार पर संग्रहित कर जांच के लिए भेजे गए।
अवैध गतिविधियों पर रोकथाम का प्रयास
औषधि निरीक्षक राजिया बानो ने कहा कि नशीली औषधियों की अवैध बिक्री पर रोकथाम के लिए आगे भी इसी प्रकार छापेमारी जारी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी मेडिकल स्टोर्स और हॉस्पिटल जो बिना अनुज्ञप्ति पत्र (लाइसेंस) के संचालन कर रहे हैं, वे तुरंत आवेदन कर इसे प्राप्त करें।
बंद प्रतिष्ठानों को नोटिस
रामापुर स्थित दो मेडिकल स्टोर्स, सुरेंद्र मेडिकल स्टोर और कुसुम नारायण मेडिकल स्टोर, छापेमारी के दौरान बंद पाए गए। यह पाया गया कि दोनों प्रतिष्ठान बिना अनुमति के संचालन कर रहे थे और छापेमारी की जानकारी मिलते ही संचालक वहां से भाग गए। इन दोनों प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस सहायक आयुक्त औषधि, देवीपाटन मंडल द्वारा भेजा गया है।
औषधि गुणवत्ता सुनिश्चित करने की पहल
इस अभियान का उद्देश्य मरीजों को गुणवत्तापूर्ण औषधियां उपलब्ध कराना और अनियमितताओं को रोकना है। औषधि निरीक्षक ने यह भी सुनिश्चित किया कि अस्पताल परिसर में संचालित मेडिकल स्टोर्स पर सभी नियमों का पालन किया जाए। औषधियों की कीमतें डीपीसीओ के अंतर्गत होनी चाहिए, जिससे मरीजों को अनावश्यक आर्थिक बोझ से बचाया जा सके।
औषधि निरीक्षक का सख्त संदेश
जिला औषधि निरीक्षक ने चेतावनी दी कि यदि आगे भी नियमों का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस निलंबित कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई प्रदेश स्तर पर चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य न केवल अवैध दवा बिक्री रोकना है, बल्कि मरीजों को सुरक्षित और सस्ती औषधियां उपलब्ध कराना भी है।
भविष्य में कार्रवाई
औषधि प्रशासन की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। जिन मेडिकल स्टोर्स पर अनियमितताएं पाई गई हैं, उन्हें सुधार का समय दिया गया है। यदि वे निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गोंडा जिले में औषधि प्रशासन की यह सख्ती यह दर्शाती है कि सरकार और प्रशासन मरीजों के हितों के प्रति संवेदनशील है और अनियमितताओं को सहन नहीं करेगा। यह कदम निश्चित रूप से औषधि विक्रय क्षेत्र में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करेगा।