
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। इस वर्ष दिवाली के दौरान हवाई यात्रा की योजना बना रहे यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। पिछले साल की तुलना में इस बार घरेलू उड़ानों पर हवाई टिकट के किरायों में 20-25 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है। इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारण देश में उड़ान क्षमता में वृद्धि और तेल की कीमतों में आई कमी मानी जा रही है। कई प्रमुख घरेलू रूट्स पर इस गिरावट से यात्रियों को राहत मिली है, जो त्योहारी सीजन के दौरान यात्रा की योजना बना रहे हैं।
ट्रैवल पोर्टल ixigo का विश्लेषण
ट्रैवल पोर्टल ixigo द्वारा किए गए एक हालिया विश्लेषण से पता चला है कि इस वर्ष अक्टूबर के अंत और नवंबर के पहले सप्ताह के बीच की अवधि में हवाई टिकट की कीमतों में काफी गिरावट आई है। ixigo ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 30 दिनों के अग्रिम खरीद तिथि के आधार पर, प्रमुख घरेलू मार्गों पर एकतरफा औसत हवाई किरायों में 20-25 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। 2023 में यह अवधि 10 से 16 नवंबर के बीच थी, जबकि इस वर्ष यह 28 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच है, जो दिवाली के आस-पास का समय है।
विशेषज्ञों के अनुसार, उड़ानों की क्षमता में वृद्धि और तेल की कीमतों में हाल ही में आई गिरावट को हवाई टिकट के किरायों में कमी के मुख्य कारणों में से एक माना जा रहा है। पिछले साल, गो फर्स्ट एयरलाइन के निलंबन और सीमित क्षमता के कारण दिवाली के दौरान हवाई किरायों में तेज़ वृद्धि दर्ज की गई थी। लेकिन इस साल स्थितियां काफी अलग हैं।
प्रमुख रूट्स पर किरायों में गिरावट
ixigo के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष हवाई किरायों में सबसे अधिक गिरावट बेंगलुरु-कोलकाता उड़ान के लिए दर्ज की गई है। इस मार्ग पर पिछले साल के 10,195 रुपये के मुकाबले इस साल औसत हवाई किराया घटकर 6,319 रुपये हो गया है, जो कि 38 प्रतिशत की कमी है। चेन्नई-कोलकाता रूट पर भी टिकट की कीमत में 36 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जहां किराया 8,725 रुपये से घटकर 5,604 रुपये हो गया है। इसी प्रकार, मुंबई-दिल्ली उड़ान के लिए औसत हवाई किराया भी 34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,788 रुपये से घटकर 5,762 रुपये पर आ गया है।
दिल्ली-उदयपुर मार्ग पर भी किरायों में 34 प्रतिशत की कमी देखी गई है। यह किराया पिछले साल के 11,296 रुपये से घटकर 7,469 रुपये हो गया है। दिल्ली-कोलकाता, हैदराबाद-दिल्ली और दिल्ली-श्रीनगर मार्गों पर भी औसतन 32 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।
तेल की कीमतों में गिरावट का असर
हवाई किरायों में कमी के पीछे दूसरा बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में आई गिरावट है। इस साल तेल की कीमतों में 15 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जिससे हवाई यात्रा पर पड़ने वाला लागत प्रभाव कम हुआ है और इसका सीधा लाभ यात्रियों को मिला है। हवाई यात्रा की लागत में ईंधन की कीमतों का महत्वपूर्ण योगदान होता है, और जब तेल की कीमतों में कमी आती है, तो एयरलाइंस इसे अपने किरायों में परिलक्षित करती हैं।
हालांकि, ixigo के विशेषज्ञों ने यह भी आगाह किया है कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के चलते तेल की कीमतें फिर से ऊपर की ओर बढ़ रही हैं, जिसका असर हवाई किरायों पर भी पड़ सकता है। कुछ मार्गों पर जहां यात्रियों की मांग अधिक है और उड़ानों की संख्या सीमित है, वहां हवाई किरायों में वृद्धि भी देखी गई है।
कुछ मार्गों पर किरायों में वृद्धि
कई प्रमुख घरेलू मार्गों पर हवाई किरायों में कमी दर्ज की गई है, वहीं कुछ मार्ग ऐसे भी हैं जहां हवाई टिकट की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। अहमदाबाद-दिल्ली मार्ग पर हवाई टिकट की कीमत 34 प्रतिशत बढ़कर 6,533 रुपये से 8,758 रुपये हो गई है। इसी तरह, मुंबई-देहरादून मार्ग पर किरायों में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे यह 11,710 रुपये से बढ़कर 15,527 रुपये हो गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के रूट्स पर किरायों में वृद्धि का मुख्य कारण बढ़ती मांग है। त्योहारी सीजन के दौरान यात्रियों की संख्या में वृद्धि होती है, और जब किसी मार्ग पर सीमित उड़ानें होती हैं, तो एयरलाइंस उन रूट्स पर किरायों में वृद्धि कर देती हैं।
बढ़ी हुई क्षमता से यात्रियों को राहत
इस साल हवाई किरायों में गिरावट का एक और प्रमुख कारण उड़ानों की क्षमता में वृद्धि है। पिछले साल गो फर्स्ट एयरलाइन के निलंबन और अन्य एयरलाइंस द्वारा सीमित उड़ानों के चलते हवाई किरायों में भारी उछाल आया था। लेकिन इस साल एयरलाइंस ने अपनी उड़ानों की संख्या बढ़ाई है, जिससे प्रमुख घरेलू मार्गों पर प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और इसका सीधा लाभ यात्रियों को मिला है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एयरलाइंस ने इस साल पहले ही बड़ी संख्या में अतिरिक्त उड़ानें शुरू कर दी हैं, ताकि त्योहारी सीजन के दौरान बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। इससे न केवल यात्रियों को सस्ते विकल्प मिल रहे हैं, बल्कि एयरलाइंस को भी अपने विमानों की उच्चतम क्षमता तक पहुंचने में मदद मिल रही है।
हवाई यात्रा की मांग में वृद्धि
दिवाली और अन्य त्योहारी सीजन के दौरान हवाई यात्रा की मांग में हर साल वृद्धि होती है। इस दौरान लोग अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करते हैं, जिससे हवाई टिकटों की मांग बढ़ जाती है। हालांकि, इस साल किरायों में कमी के चलते यात्रियों के लिए हवाई यात्रा अधिक किफायती हो गई है।
ixigo के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में घरेलू हवाई यात्राओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। विशेष रूप से त्योहारी सीजन के दौरान यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होता है, और इस साल हवाई किरायों में गिरावट से यह संख्या और भी बढ़ने की संभावना है।
छोटे शहरों के यात्रियों को अधिक लाभ
विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई किरायों में आई इस गिरावट का सबसे अधिक लाभ छोटे शहरों के यात्रियों को होगा। छोटे शहरों से बड़े मेट्रो शहरों तक की उड़ानों की कीमतें अक्सर अधिक होती हैं, और ऐसे में हवाई किरायों में कमी से उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जो त्योहारों के दौरान अपने घर जाना चाहते हैं।
हालांकि, वर्तमान में हवाई किरायों में कमी देखी जा रही है, लेकिन भविष्य में तेल की कीमतों और भू-राजनीतिक परिस्थितियों के कारण स्थिति बदल सकती है। अगर तेल की कीमतें और बढ़ती हैं, तो इसका सीधा असर हवाई टिकटों पर पड़ेगा और किरायों में वृद्धि हो सकती है।
विशेषज्ञ का मानना है कि यदि तेल की कीमतों में वृद्धि होती है, तो एयरलाइंस अपने किरायों में फिर से बढ़ोतरी कर सकती हैं। इसके अलावा, अगर यात्रियों की मांग में अत्यधिक वृद्धि होती है और उड़ानों की संख्या सीमित रहती है, तो कुछ मार्गों पर किरायों में उछाल आ सकता है।
यात्री क्या कर सकते हैं?
त्योहारी सीजन के दौरान सस्ते हवाई टिकट बुक करने के लिए यात्रियों को अग्रिम योजना बनाने की सलाह दी जाती है। ixigo के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि अग्रिम बुकिंग करने वाले यात्रियों को सामान्य तौर पर सस्ते किरायों का लाभ मिलता है। इसलिए, अगर यात्री अपनी यात्रा की योजना पहले से बना लेते हैं और 30 दिनों के भीतर टिकट बुक करते हैं, तो वे सस्ते विकल्पों का लाभ उठा सकते हैं।
इसके अलावा, यात्रियों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कुछ प्रमुख रूट्स पर मांग अधिक होने के कारण किरायों में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में समय पर बुकिंग करना महत्वपूर्ण है ताकि अंतिम समय में ज्यादा खर्च न करना पड़े।
प्रभात भारत विशेष
इस साल दिवाली के दौरान हवाई यात्रा सस्ती हो गई है, जो यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। तेल की कीमतों में गिरावट और उड़ानों की बढ़ी हुई क्षमता ने हवाई किरायों को नियंत्रित रखा है। प्रमुख घरेलू मार्गों पर 20-25 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे त्योहार के दौरान यात्रियों को सस्ते हवाई टिकट मिल रहे हैं।
हालांकि, कुछ रूट्स पर बढ़ती मांग के चलते किरायों में वृद्धि भी देखी जा रही है। भविष्य में तेल की कीमतों और भू-राजनीतिक परिस्थितियों के आधार पर हवाई किरायों में उतार-चढ़ाव हो सकता है।