
गोंडा, 30 दिसंबर। देवीपाटन मंडल के मंडलायुक्त ने सोमवार को मंडलायुक्त सभागार में विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने नवंबर माह के दौरान संचालित विकास योजनाओं और उनकी प्रगति की बारीकी से समीक्षा की। आयुक्त ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, मनरेगा, पीएम कुसुम योजना, दिव्यांग पेंशन योजना, ऑपरेशन कायाकल्प, निराश्रित गोवंश योजना, शादी अनुदान योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना और वृद्धावस्था पेंशन योजना जैसे शीर्ष प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों पर चर्चा की।
जनपद स्तर पर समीक्षा के निर्देश
बैठक में मंडलायुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिलों में विकास कार्यों की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा, “विकास कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी अधिकारी द्वारा बिना पूर्व सूचना या स्वीकृति के बैठक में अनुपस्थिति दर्ज की जाती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।”
जिलाधिकारियों ने बैठक में बताया कि कई अधिकारियों के पास दो या तीन जिलों का अतिरिक्त प्रभार होने के कारण वे अक्सर बैठकों में उपस्थित नहीं हो पाते। इस पर आयुक्त ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह स्थिति अस्वीकार्य है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि बैठक में नियमित रूप से शामिल हों। बलरामपुर के जिलाधिकारी ने शिकायत की कि बलरामपुर के पर्यटन सूचना अधिकारी मनीष श्रीवास्तव लगातार बैठकों से गैरहाजिर रहते हैं। इस पर मंडलायुक्त ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारी का स्पष्टीकरण तलब करने का आदेश देते हुए कहा कि यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा
मंडलायुक्त ने टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा के दौरान इस अभियान को व्यापक स्तर पर चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाए। टीबी से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें समुचित उपचार प्रदान किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर संभव उपाय कर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाया जाए।
शिक्षा और निरीक्षण पर फोकस, लापरवाह अधिकारियों पर शिकंजा
मंडलायुक्त ने बैठक के दौरान विद्यालयों में बच्चों के नामांकन और उपस्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों को अच्छी ट्रेनिंग दी जाए। जिन विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति कम है, वहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि “अभिभावकों से संपर्क कर बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करें। विद्यालयों का रोस्टर के अनुसार निरीक्षण किया जाए और कमियां पाए जाने पर उन्हें तुरंत दूर कराया जाए।”
आयुक्त ने जोर दिया कि विद्यालय निरीक्षण की प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करे कि छात्रों को बेहतर सुविधाएं और माहौल प्रदान किया जा सके।
लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई का संकेत
मंडलायुक्त ने अधिकारियों के गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि विभागीय कार्यों में रुचि न लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि ऐसे अधिकारियों की जानकारी शासन को दी जाए और मंडल स्तर पर भी इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रगति पर चर्चा
बैठक में वन संरक्षक देवीपाटन ने बताया कि गोवंश संरक्षण और पर्यावरणीय योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इस पर आयुक्त ने निर्देश दिए कि पर्यावरणीय योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। गोवंश संरक्षण के तहत सभी गोशालाओं की नियमित मॉनिटरिंग हो।
सभी जिलों के अधिकारियों की भागीदारी
बैठक में गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती के जिलाधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा अन्य जिलों के अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। मंडलायुक्त ने सभी विभागीय प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मंडल स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन बिना किसी रुकावट के हो।
कठोर अनुशासन का संदेश
बैठक के माध्यम से मंडलायुक्त ने स्पष्ट संदेश दिया कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। नियमित समीक्षा, समयबद्ध क्रियान्वयन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। विकास योजनाओं का सही क्रियान्वयन जनता के भरोसे को मजबूत करता है। लापरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बैठक ने देवीपाटन मंडल के विकास कार्यों में गति लाने और अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर किया।