
गोंडा, 9 नवम्बर। गोंडा जिले में किसानों के हक की खाद को काले बाजार में बेचने की कोशिशों पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सख्त कदम उठाए हैं। डीएम को खाद की कालाबाजारी की सूचना मिलने के बाद उन्होंने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। इस अभियान में सिटी मजिस्ट्रेट विजय शर्मा, जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार, और सहायक निबंधक सहकारिता अशोक कुमार मौर्य के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने छापेमारी की। इस छापेमारी में खाद की जमाखोरी और काले बाजार में बेचने की गहरी साजिश का खुलासा हुआ, जिससे पता चला कि जिस गोदाम के लिए खाद भेजी गई थी, उसे दूसरी जगह पर उतारा जा रहा था।
घटना का पूरा विवरण
गोंडा जिले के लखनीपुर क्षेत्र में किसानों के लिए निर्धारित 14 मीट्रिक टन (280 बोरी) इफको डीएपी को पीसीएफ गोण्डा बफर गोदाम से साधन सहकारी समिति लिमिटेड के गोदाम में पहुंचाया जाना था। इसके लिए चालान संख्या 99/4940 के अंतर्गत एक ट्रक (वाहन संख्या यूपी 32 आरएन 4233) में खाद लोड की गई थी।
स्थानीय लोगों की जागरूकता के कारण इस कालाबाजारी का खुलासा हो सका। जब ट्रक ड्राइवर मोनू इस खाद को लखनीपुर के गोदाम की बजाय गोड़वाघाट बाजार में स्थित आईआईएफडीसी कृषक सेवा केंद्र पर उतारने का प्रयास कर रहा था, तो स्थानीय लोगों को यह संदिग्ध गतिविधि दिखी। उन्होंने पूछताछ की, जिससे पता चला कि 11 बोरी डीएपी पहले ही उतार ली गई थी, और बाकी डीएपी को भी उतारने की योजना थी। लेकिन जैसे ही स्थानीय लोगों ने ड्राइवर से सवाल पूछे, वह मौके से फरार हो गया।
डीएम का सख्त निर्देश और त्वरित कार्रवाई
जिलाधिकारी नेहा शर्मा को इस घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया। सिटी मजिस्ट्रेट विजय शर्मा, जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार, और सहायक निबंधक सहकारिता अशोक कुमार मौर्य तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने आईआईएफडीसी कृषक सेवा केंद्र संचालक अमरेन्द्र कुमार तिवारी से गोदाम की चाबी मंगवाई और गोदाम की जांच की, जहां से 11 बोरी इफको डीएपी बरामद हुई।
अधिकारियों ने तत्काल इस बरामद खाद को पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया। इसके साथ ही ड्राइवर मोनू, केंद्र संचालक अमरेन्द्र कुमार तिवारी और पीसीएफ के परिवहन ठेकेदार पर खाद की कालाबाजारी में संलिप्तता का संदेह जताते हुए नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई। सहायक आयुक्त सहकारिता अशोक कुमार मौर्य ने इस मामले की एक विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को भी सौंप दी है।
जमाखोरी और कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने स्पष्ट किया कि खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। डीएम ने अधिकारियों को अनवरत निरीक्षण, जांच और छापेमारी करने के निर्देश दिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाद सही तरीके से किसानों तक पहुंचे और किसी प्रकार की कालाबाजारी न हो।
जिलाधिकारी ने कहा, “किसानों को उनके हक की खाद समय पर और उचित दर पर मिलनी चाहिए। अगर किसी ने किसानों के हक पर डाका डालने की कोशिश की तो उसे कानून के तहत कठोरतम सजा मिलेगी।” डीएम नेहा शर्मा ने अधिकारियों को नियमित रूप से सभी गोदामों और वितरण केंद्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि किसी भी प्रकार की कालाबाजारी और जमाखोरी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।प्रशासन का कड़ा संदेश: दोषियों को नहीं मिलेगी राहत
इस घटना ने जिले के प्रशासनिक तंत्र को और अधिक सतर्क कर दिया है। जिलाधिकारी की इस त्वरित कार्रवाई से किसानों में राहत और विश्वास की भावना जागृत हुई है। किसानों का कहना है कि इस प्रकार की सख्त कार्रवाई से कालाबाजारी पर नकेल कसने में मदद मिलेगी और उन्हें उनके हक का सामान सही समय पर मिलेगा।
प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि खाद के वितरण में लगे ठेकेदारों, ड्राइवरों और गोदाम संचालकों के रिकॉर्ड की गहनता से जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा, “यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि किसानों को उनके हक की खाद मुहैया कराई जाए, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई हो जो कालाबाजारी में लिप्त पाया जाता है।”
किसानों में जागरूकता बढ़ाने की योजना
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत किसानों को खाद वितरण प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाएगी ताकि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना प्रशासन को तुरंत दे सकें। इसके अलावा, खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे कि किसानों को सहायता प्राप्त हो सके और वे सीधे प्रशासन को अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें।
जिला प्रशासन का सतर्कता अभियान
गोंडा जिला प्रशासन अब खाद के वितरण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी वाहन निर्धारित केंद्र पर ही खाद की बोरियां उतारे। इसके लिए सभी खाद वितरण केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
डीएम ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे खाद वितरण पर पैनी नजर रखें और समय-समय पर छापेमारी करें। इस प्रकार के कठोर कदमों से खाद की कालाबाजारी पर प्रभावी रूप से रोक लगाई जा सकेगी और किसानों को उनका हक समय पर मिलेगा।
प्रभात भारत विशेष
जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा खाद की कालाबाजारी पर की गई त्वरित कार्रवाई ने गोंडा जिले में एक सख्त संदेश दिया है कि किसानों के हक का कोई भी सामान अगर काले बाजार में जाता है तो प्रशासन उसे बर्दाश्त नहीं करेगा। डीएम ने खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं, जिनमें गोदामों की नियमित जांच, किसानों में जागरूकता अभियान, और छापेमारी जैसे प्रयास शामिल हैं। जिलाधिकारी की इस कार्रवाई से जिले के किसानों में राहत और भरोसा बढ़ा है, और उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में उन्हें इस प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।