
गोण्डा, 24 अक्टूबर। बृहस्पतिवार को गोण्डा की जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व विभाग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर चल रही योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और विभागीय अधिकारियों को उनके कार्यों में सुधार के निर्देश देना था। जिलाधिकारी ने विभागवार योजनाओं का आकलन करते हुए प्रोजेक्टर के माध्यम से वर्तमान रैंकिंग और प्रदर्शन की समीक्षा की, जिसमें कई विभागों को सुधार की सख्त जरूरत बताई गई।
मुख्यमंत्री डैशबोर्ड: योजनाओं की समीक्षा का डिजिटल माध्यम
मुख्यमंत्री डैशबोर्ड एक महत्वपूर्ण टूल है, जिसके माध्यम से प्रदेश के हर जिले की योजनाओं की प्रगति को लगातार मॉनिटर किया जाता है। इस डैशबोर्ड का उद्देश्य सभी विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की कार्यक्षमता और उनकी प्रगति का आकलन करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे प्रदेश में सुशासन और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए शुरू किया था, ताकि अधिकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन पर नजर रख सकें और समय पर निस्तारण कर सकें।
इस बैठक के दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कई प्रमुख विभागों की योजनाओं की समीक्षा की। इन विभागों में उद्योग, आबकारी, खनन, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य सुरक्षा, खाद्य एवं रसद, बाटमाप और मंडी विभाग शामिल थे। बैठक में जिलाधिकारी ने इन विभागों से संबंधित योजनाओं की रैंकिंग और प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित कार्यों की रैंकिंग को लगातार सुधारा जाए और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।
खराब प्रदर्शन वाले विभागों को कड़ी चेतावनी
जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि जिन विभागों की रैंकिंग मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर खराब है, उन्हें तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने होंगे। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विभागीय अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना होगा, अन्यथा लापरवाही के परिणामस्वरूप सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “सीएम डैशबोर्ड पर हर विभाग की रैंकिंग का सीधा असर उसकी कार्यक्षमता पर पड़ता है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
बैठक के दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने यह भी कहा कि खराब प्रदर्शन वाले विभागों को सुधार के लिए एक निश्चित समय सीमा दी जाएगी। यदि निर्धारित समय के भीतर योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने विभागों की योजनाओं की नियमित समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि योजनाएं समय पर और पूरी क्षमता के साथ लागू हो रही हैं।
विभागीय योजनाओं की प्रगति पर जोर
जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपनी-अपनी योजनाओं की प्रगति पर नियमित रूप से नजर रखें और समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की बाधा आने पर तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचित करें, ताकि उसका समाधान समय पर हो सके। जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करें, ताकि आम जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के माध्यम से सभी योजनाओं की समीक्षा करना न केवल जिले की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि योजनाओं का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे नियमित रूप से अपने विभागों की समीक्षा करते रहें और यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो उसे तुरंत हल करें।
समर्पण और टीम वर्क की आवश्यकता
बैठक के दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने अधिकारियों को बताया कि योजनाओं का सफल क्रियान्वयन तभी संभव है जब सभी अधिकारी समर्पण और टीम वर्क के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को एकजुट होकर काम करना होगा ताकि जिले में विकास की गति को और तेज किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि हर अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और इसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाना होगा।
जिलाधिकारी ने कहा, “समर्पण, मेहनत और जवाबदेही ही हमें हमारी योजनाओं को सफल बनाने में मदद करेगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जिले में चल रही सभी योजनाएं न केवल समय पर पूरी हों, बल्कि उनका लाभ समाज के सबसे निचले तबके तक भी पहुंचे।”
विशिष्ट निर्देश और लक्ष्य निर्धारण
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे अपनी-अपनी योजनाओं के तहत निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर रैंकिंग में सुधार लाने के लिए हर विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में तेजी लानी होगी। इसके साथ ही, उन्होंने विभागीय अधिकारियों को योजना के क्रियान्वयन की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि हर योजना का क्रियान्वयन तभी सफल होगा, जब अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे और योजनाओं की सही निगरानी करेंगे। उन्होंने कहा कि रैंकिंग में सुधार केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह यह दर्शाता है कि योजनाएं किस हद तक प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हो रही हैं।
सभी विभागों को सतर्कता बरतने की आवश्यकता
जिलाधिकारी ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी विभागों को अपनी योजनाओं की प्रभावी निगरानी करनी होगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचना होगा। उन्होंने कहा कि समय पर योजनाओं का निस्तारण सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि जिले की प्रगति पर कोई असर न पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि सभी विभागों को छोटी से छोटी कमी पर ध्यान देते हुए अपनी रैंकिंग में सुधार लाना होगा, ताकि जिले की समग्र रैंकिंग भी बेहतर हो सके।
भविष्य की योजनाओं पर ध्यान
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि भविष्य की योजनाओं की योजना बनाते समय भी सभी विभागों को ध्यान देना चाहिए कि वे सीएम डैशबोर्ड पर अपनी रैंकिंग में सुधार करने के लिए अभी से प्रयास शुरू करें। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना होगा ताकि वे भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें और जिले की प्रगति में योगदान दे सकें।
अधिकारियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में जिले के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। इनमें अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रकाश, नगर मजिस्ट्रेट विजय शर्मा, उपजिलाधिकारी गोण्डा सदर, करनैलगंज, तरबगंज, तहसीलदार करनैलगंज, तरबगंज, मनकापुर तथा गोण्डा सदर, डीएसओ, डीआईओएस, खनन अधिकारी, आबकारी अधिकारी, एआरटीओ प्रशासन, एआरटीओ पर्वतन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजीत कुमार मिश्र, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, ईडीएम, बाटमाप अधिकारी सहित सभी संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की इस बैठक का उद्देश्य जिले की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और उनकी प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना था। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि विभागीय अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभानी होगी और योजनाओं की समय पर क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।