गोण्डा, 22 नवम्बर। जनपद के गांधी पार्क स्थित टाउनहॉल में जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय रबी गोष्ठी, कृषक जागरूकता कार्यक्रम एवं जैविक मेला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक करना और उन्हें खेती के प्रति प्रोत्साहित करना था। गोष्ठी में जनपद के प्रमुख अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों ने हिस्सा लिया।
जिला पंचायत अध्यक्ष का किसानों से आह्वान
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष श्री घनश्याम मिश्र ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने किसानों से कृषि विभाग और अन्य संबंधित विभागों द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें कृषि के क्षेत्र में बड़े सुधार कर रही हैं, जिनका उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।

जिलाधिकारी ने दी तकनीकी खेती अपनाने की सलाह
जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने अपने उद्बोधन में किसानों को जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे रसायनों पर निर्भरता कम करें और जैविक तरीकों को अपनाकर न केवल पर्यावरण संरक्षण करें बल्कि अपनी उपज को भी गुणवत्ता में सुधारें। उन्होंने कहा, “कृषि में तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने से न केवल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि किसानों को बेहतर मुनाफा भी मिलेगा।”
मुख्य विकास अधिकारी ने पराली जलाने पर चिंता जताई
मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती अंकिता जैन ने किसानों को पराली जलाने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए कई तकनीकी समाधान उपलब्ध हैं, जिनसे मिट्टी की उर्वरता बनाए रखी जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि पराली जलाने से पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है और यह स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है।

केंद्रीय मंत्री के प्रतिनिधि ने किया प्रयासों की सराहना
माननीय केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री के प्रतिनिधि श्री रमाशंकर मिश्रा ने जिला प्रशासन और कृषि विभाग की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन किसानों के लिए बेहद लाभकारी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं किसानों की मदद के लिए हैं, और सभी किसानों को इनका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए।
अधिकारियों और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
कार्यक्रम में कृषि और संबंधित विभागों के अधिकारियों ने किसानों को योजनाओं और तकनीकी जानकारी से अवगत कराया।
- उप कृषि निदेशक श्री प्रेम कुमार ठाकुर ने खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करना कृषि के लिए दीर्घकालिक रूप से लाभकारी होगा।
- जिला कृषि अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी दी और किसानों को उर्वरकों के उचित प्रबंधन के बारे में बताया।
- जिला गन्ना अधिकारी श्री सुनील कुमार सिंह ने गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
- जिला उद्यान अधिकारी सुश्री रश्मि शर्मा ने बताया कि उद्यान विभाग किसानों को सब्सिडी पर फल, फूल और सब्जी उत्पादन के लिए सहायता प्रदान कर रहा है।
- उपनिदेशक रेशम श्री आरएन मल्ल ने किसानों को रेशम उत्पादन और इसके लाभों के बारे में जागरूक किया।
- कृषि वैज्ञानिक डॉ राम लखन सिंह ने रबी फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए वैज्ञानिक विधियों और फसल प्रबंधन के सुझाव दिए।
प्रगतिशील किसानों के अनुभव साझा
प्रगतिशील किसान श्री ओम प्रकाश पांडे और श्री रवि शंकर सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे तकनीकी पद्धतियों और जैविक खेती को अपनाकर वे बेहतर उत्पादन और आय प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने अन्य किसानों से भी इन तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया।
विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल
गोष्ठी के दौरान टाउनहॉल में विभिन्न विभागों और संस्थानों द्वारा जानकारीपूर्ण स्टॉल लगाए गए। किसानों ने इन स्टॉल पर जाकर तकनीकी जानकारी और योजनाओं की जानकारी ली।
- कृषि विभाग के स्टॉल पर उन्नत बीज और जैविक खेती से संबंधित सामग्री प्रदर्शित की गई।
- गन्ना विभाग के स्टॉल पर गन्ना उत्पादन और प्रबंधन की तकनीकें साझा की गईं।
- रेशम विभाग ने रेशम उत्पादन से संबंधित जानकारी प्रदान की।
- उद्यान विभाग ने सब्सिडी योजनाओं के बारे में बताया।
फसल अवशेष प्रबंधन पर जोर
कार्यक्रम के दौरान फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान और इसके प्रबंधन पर गहन चर्चा हुई। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को अवशेष जलाने के बजाय इसका उपयोग जैविक खाद बनाने और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए करने की सलाह दी।
महत्वपूर्ण घोषणाएं और सुझाव
- उर्वरकों और बीजों की उपलब्धता: जिलाधिकारी और उप कृषि निदेशक ने यह सुनिश्चित किया कि जनपद में खाद और बीजों की कमी नहीं होगी।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: किसानों को बताया गया कि वे अपनी फसल का बीमा अवश्य कराएं ताकि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
- जैविक खेती को बढ़ावा: जैविक खेती को अपनाने वाले किसानों को अतिरिक्त सब्सिडी और प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- पराली प्रबंधन के लिए उपकरण: किसानों को पराली प्रबंधन के लिए अनुदान पर उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
किसानों की भागीदारी
गोष्ठी में सैकड़ों किसानों ने भाग लिया और अधिकारियों से अपनी समस्याओं पर चर्चा की। किसानों ने जैविक खेती, उर्वरकों के उपयोग, बीज की गुणवत्ता और सरकारी योजनाओं पर सवाल पूछे।
अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री घनश्याम मिश्र, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतिनिधि श्री रमाशंकर मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती अंकिता जैन, उप कृषि निदेशक श्री प्रेम कुमार ठाकुर, जिला कृषि अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार, जिला गन्ना अधिकारी श्री सुनील कुमार सिंह, उप निदेशक रेशम श्री आरएन मल्ल, जिला उद्यान अधिकारी सुश्री रश्मि शर्मा, और अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्राविधिक सहायक श्री आरपीएन सिंह ने किया। अंत में जिला पंचायत अध्यक्ष और जिलाधिकारी ने सभी किसानों और अधिकारियों का धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि किसानों की हर समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
इस रबी गोष्ठी ने किसानों को जागरूक करने और उन्हें नई तकनीकों व योजनाओं से अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जैविक खेती और फसल प्रबंधन पर जोर देते हुए यह कार्यक्रम गोंडा के कृषि विकास की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा।

