
गोण्डा 2 नवंबर। जिले में गोवर्धन पूजा के अवसर पर जिला प्रशासन ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने पारंपरिक रूप से गौ पूजन किया। हारीपुर गौशाला में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने गोवंशों की सेवा की, उन्हें गुड़, चना, और केले खिलाए, और भारतीय संस्कृति में गौ माता के महत्व का स्मरण किया। कार्यक्रम में कई प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने जिलाधिकारी के साथ मिलकर ‘गावो विश्वस्य मातरः’ (गायों को समस्त विश्व की माता मानने की भावना) के संदेश को साझा किया।
गौ पूजन का विशेष आयोजन
गोवर्धन पूजा पर गो पूजन कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलन से की गई। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुसार गौ माता के महत्व का स्मरण कराते हुए कहा कि हमें गौमाता की सेवा में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़नी चाहिए। उन्होंने सभी उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गोवर्धन पूजा को पूरे सम्मान और उत्साह के साथ मनाएं।
जिलाधिकारी ने गोवंशों की देखभाल, उनकी सुरक्षा और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी का महत्व बताते हुए जिले में सभी गौशालाओं और गो आश्रय स्थलों पर विशेष सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने गो आश्रय स्थलों में स्वच्छ पेयजल, चूने का छिड़काव, और गोवंशों के ठहरने की जगहों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए।
‘गावो विश्वस्य मातर’ अभियान की शुरुआत
जिलाधिकारी ने गोवर्धन पूजा के इस कार्यक्रम के माध्यम से ‘गावो विश्वस्य मातर’ की भावना को जागृत करने की कोशिश की। उनके निर्देशों के अनुसार, जिले के सभी पंजीकृत गौशालाओं, वृहद गो संरक्षण केंद्रों, अस्थायी गो आश्रय स्थलों, और कान्हा गौशालाओं में गो पूजन कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर गाय के गोबर से बने दीपों, मूर्तियों, और अन्य उत्पादों का उपयोग किया गया, ताकि स्थानीय लोगों के बीच गौ उत्पादों के महत्व और उपयोग को बढ़ावा मिल सके।
गौ संरक्षण का यह अभियान गोवर्धन पूजा से शुरू होकर भाई दूज तक चलेगा। जिलाधिकारी ने इस अभियान के दौरान सभी अधिकारियों को इस दिशा में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए, ताकि निराश्रित गोवंशों की सुरक्षा और सेवा का कार्य प्रभावी ढंग से किया जा सके। उन्होंने बताया कि जिले में मौजूद सभी गो आश्रय स्थलों पर गोवंशों की विशेष देखभाल और उनके रहने की उचित व्यवस्था की जाएगी।
गोवंशों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए विशेष व्यवस्था
इस कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि गोवंशों की देखभाल हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए विशेष प्रबंध किए जाने चाहिए। उन्होंने जिले के सभी संबंधित विभागों को इस अभियान को सफल बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि गोवर्धन पूजा और भाई दूज के अवसर पर निराश्रित गोवंशों की सुरक्षा और सेवा के लिए विशेष कदम उठाए जाएं। जिलाधिकारी ने इसके लिए एक कार्ययोजना भी प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने सभी आश्रय स्थलों पर आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करने पर जोर दिया
इस अवसर पर प्रमुख पशु चिकित्सा अधिकारी टीजे पाण्डेय ने बताया कि जिले में पशु चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है और जिले के पशु चिकित्सालयों को भी निर्देशित किया गया है कि वे इस दौरान निराश्रित गोवंशों का उचित उपचार और देखभाल सुनिश्चित करें।
गोवर्धन पूजा का आयोजन: पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक
जिलाधिकारी ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गोवर्धन पूजा का आयोजन केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमें पवित्रता, शुद्धता, और सह-अस्तित्व का संदेश भी देता है। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा का उद्देश्य केवल गौ पूजन करना नहीं है, बल्कि हमारे समाज में गोवंशों की सुरक्षा, उनकी सेवा और उनके महत्व को समझना और उन्हें संरक्षित करना भी है।
उन्होंने इस अवसर पर सभी को गाय के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने और गौमाता की सेवा का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि हम सभी को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए कि जिले में कोई भी गोवंश निराश्रित न रहे और उनकी देखभाल के लिए सभी आवश्यक संसाधनों का प्रबंध हो सके।
ग्रामीणों और अधिकारियों में उत्साह
इस विशेष अवसर पर जिले के ग्राम प्रधानों, पंचायत सचिवों, और ग्रामीणों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और जिलाधिकारी के साथ गो पूजन में भाग लिया। जिलाधिकारी ने सभी ग्रामीणों को भी इस अभियान में सहयोग देने का आह्वान किया और कहा कि सभी लोगों को गौमाता की सुरक्षा और उनकी देखभाल में अपना योगदान देना चाहिए।
ग्रामीणों और अधिकारियों ने जिलाधिकारी के इस प्रयास की सराहना की और उन्हें विश्वास दिलाया कि वे इस दिशा में प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के इस अभियान को एक आवश्यक कदम बताते हुए कहा कि इससे न केवल गोवंशों की सुरक्षा होगी, बल्कि समाज में गौमाता के प्रति आदर और सम्मान की भावना भी विकसित होगी।
गौ उत्पादों का उपयोग और संरक्षण की दिशा में पहल
जिलाधिकारी ने इस अवसर पर गौ उत्पादों के उपयोग को भी बढ़ावा दिया। उन्होंने जिले में गोबर से बने दीपों, मूर्तियों, और अन्य उत्पादों का उपयोग करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि इन उत्पादों के उपयोग से न केवल गौ उत्पादों का संरक्षण होगा, बल्कि इससे पर्यावरण की भी सुरक्षा होगी।
गोबर से बने दीपों का उपयोग करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि हमें अपने जीवन में गौ उत्पादों को अधिक से अधिक अपनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि गौ उत्पादों का उपयोग करने से पर्यावरण की सुरक्षा होती है और इससे गोवंशों के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी पूरी होती है।
गोण्डा में गोवर्धन पूजा के अवसर पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा किए गए इस विशेष गो पूजन और ‘गावो विश्वस्य मातर’ अभियान ने जिले में एक नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार किया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से जिले में गौमाता के प्रति सम्मान और सेवा की भावना को प्रोत्साहित किया गया।
जिलाधिकारी के इस प्रयास ने एक ओर गौ संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाई, वहीं दूसरी ओर गोवंशों की सुरक्षा, सेवा, और संरक्षण के प्रति जिले में एक सशक्त संदेश भी दिया। उनके द्वारा चलाए गए इस विशेष अभियान से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गो संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक वातावरण तैयार हुआ है।
इस प्रकार, यह अभियान न केवल जिले में गौमाता की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज में गौमाता के प्रति आदर और श्रद्धा को बढ़ावा देने के लिए भी एक आदर्श पहल है।