
गोंडा: डिप्टी रेंजर की गाड़ी से हुआ बड़ा हादसा, मासूम समेत 2 की मौत
गोंडा 8 अक्टूबर। गोंडा जिले के आर्यनगर खरगूपुर क्षेत्र के गोपाल बाग इलाके में 8 अक्टूबर 2024 को एक दुखद घटना घटी, जब डिप्टी रेंजर अमित वर्मा की सरकारी गाड़ी से एक भयंकर सड़क हादसा हुआ। इस हादसे में 9 साल की एक मासूम बच्ची समेत दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह हादसा उस वक्त हुआ, जब डिप्टी रेंजर बहराइच से वापस लौट रहे थे और गाड़ी चलाते समय उन्हें झपकी आ गई। इस झपकी के चलते गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और उसने चार लोगों को बुरी तरह रौंद दिया। घटना स्थल पर चीख-पुकार मच गई और देखते ही देखते लोग इकट्ठा हो गए। घायलों को तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
यह हादसा गोंडा के आर्यनगर खरगूपुर इलाके में हुआ, जहां सड़कों पर आमतौर पर लोग पैदल चलते हैं और बच्चों का खेलना भी आम बात है। डिप्टी रेंजर अमित वर्मा, जो कि बहराइच में पोस्टेड हैं, अपनी सरकारी गाड़ी से वापस लौट रहे थे। गाड़ी की तेज रफ्तार और झपकी लगने की वजह से उन्होंने अपना नियंत्रण खो दिया, और गाड़ी सीधे सड़क किनारे चल रहे चार लोगों पर चढ़ गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गाड़ी इतनी तेजी से आई कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला। हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। लोगों ने तुरंत डिप्टी रेंजर को पकड़ लिया और घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस के आने के बाद स्थानीय लोगों ने डिप्टी रेंजर को पुलिस के हवाले कर दिया।
हादसे में जिन चार लोगों को गाड़ी ने रौंदा, उनमें 9 साल की मासूम बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति, जिसकी उम्र लगभग 35 साल थी, ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक हादसे में दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें तत्काल पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, दोनों घायलों की हालत नाजुक है और उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रखा गया है।
डिप्टी रेंजर अमित वर्मा पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का आरोप लगाया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घटना के वक्त गाड़ी काफी तेज रफ्तार में थी, और अमित वर्मा को झपकी आ गई थी। हालांकि, हादसे के बाद वर्मा खुद भी काफी घबराए हुए थे और उन्होंने स्थानीय लोगों के सामने अपनी गलती मानी।
पुलिस ने डिप्टी रेंजर को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच पूरी होने के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हादसे के बाद गोपाल बाग और आसपास के इलाकों में लोगों का गुस्सा भड़क गया। स्थानीय लोग डिप्टी रेंजर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
हादसे के तुरंत बाद बड़ी संख्या में लोग घटना स्थल पर जमा हो गए और सड़क को जाम कर दिया। लोग डिप्टी रेंजर के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे और प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे थे। पुलिस को स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा, ताकि किसी प्रकार की हिंसा या और कोई दुर्घटना न हो।
हादसे की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और लोगों को शांत किया। प्रशासन का कहना है कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर डिप्टी रेंजर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
प्रशासन ने हादसे में घायल लोगों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की है और उनके इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाने की घोषणा की है। इसके साथ ही मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की भी बात कही गई है।
घटना के बाद स्थानीय लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार, यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि डिप्टी रेंजर की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने मांग की है कि न केवल डिप्टी रेंजर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, बल्कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए जाएं।
स्थानीय लोग यह भी चाहते हैं कि ऐसे सरकारी अधिकारियों पर नजर रखी जाए, जो जिम्मेदारी के पदों पर होते हुए भी अपनी लापरवाही के कारण आम जनता के लिए खतरा बन जाते हैं।
यह हादसा सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती समस्या की ओर भी इशारा करता है। हर साल देशभर में हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें से कई हादसे लापरवाही और असावधानी के कारण होते हैं। खासकर जब सरकारी अधिकारियों की गाड़ियों की बात आती है, तो ऐसी घटनाएं और भी गंभीर हो जाती हैं, क्योंकि उनसे जिम्मेदारी और अनुशासन की अपेक्षा की जाती है।
सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन न करना, नींद में वाहन चलाना, तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना जैसी समस्याएं सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बन रही हैं। यह हादसा भी उसी का एक उदाहरण है, जहां डिप्टी रेंजर की एक छोटी सी गलती ने दो मासूम जिंदगियों को खत्म कर दिया।
गोंडा के गोपाल बाग में हुए इस हादसे ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़ा कर दिया है। एक छोटी सी लापरवाही ने दो परिवारों को अनाथ कर दिया, और कई जिंदगियों को हमेशा के लिए बदल दिया। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा।
अंततः, यह हादसा हमें यह याद दिलाता है कि सड़क पर वाहन चलाते समय हर किसी को सतर्क रहना चाहिए, चाहे वह आम नागरिक हो या सरकारी अधिकारी।