
गोंडा, 29 अक्टूबर – गोण्डा के सुवंश मिलेनियम पब्लिक स्कूल में दिवाली के पावन पर्व का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने दीपोत्सव का भरपूर आनंद लिया और उत्साह के साथ इस पर्व की गरिमा को और भी बढ़ाया। विद्यालय के इस दीपोत्सव कार्यक्रम में छात्रों के साथ-साथ उनकी माताओं ने भी विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिससे कार्यक्रम और भी मनोरम और रंगारंग हो गया। इस आयोजन में कुकिंग, क्राफ्टिंग, और थाली सजावट जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी रचनात्मकता और कौशल का प्रदर्शन किया।
छात्रों और माताओं का संयुक्त उत्सव में योगदान
कार्यक्रम का प्रारंभ छात्रों द्वारा दीप जलाकर और रंगोली बनाकर किया गया, जिससे पूरे वातावरण में दीवाली का उल्लास और प्रकाश फैल गया। छात्रों की माताओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और कुकिंग, क्राफ्टिंग, और थाली सजावट जैसी प्रतियोगिताओं में अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया। इसमें प्ले ग्रुप के छात्रों – आरव मिश्रा (पुत्री पूजा मिश्रा), वैदिका जायसवाल (पुत्री मोहिनी जायसवाल), काशवी सिंह (पुत्री वंदना सिंह) और एल.के.जी. से अद्विता सिंह (पुत्री चेतना सिंह), अर्नव मिश्रा (पुत्र लवली मिश्रा), स्वेताम्बरा (पुत्री अवंतिका सिंह) ने हिस्सा लिया। इन छात्रों ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर दिवाली के त्योहार की भावना को और भी जीवंत किया।
इन प्रतियोगिताओं ने छात्रों को अपने परिवार के साथ जुड़ने और उन्हें अपनी रचनात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन करने का मौका दिया। विशेष रूप से कुकिंग प्रतियोगिता में, छात्रों और उनकी माताओं ने मिलकर स्वादिष्ट और पारंपरिक व्यंजन बनाए, जिससे सभी में उत्सव की भावना जाग उठी। वहीं, थाली सजावट प्रतियोगिता ने दीवाली के पारंपरिक पक्ष को भी महत्व दिया, जिससे बच्चों में भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति सम्मान बढ़ा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और छात्रों का प्रतिभा प्रदर्शन
कार्यक्रम के अगले चरण में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें छात्रों ने नृत्य, संगीत और अभिनय के माध्यम से दिवाली के त्योहार का संदेश फैलाया। इस अवसर पर छात्रों ने भारतीय लोक नृत्य, पारंपरिक गीत और विभिन्न धार्मिक भजनों की प्रस्तुति दी, जिसमें माता-पिता और शिक्षकों ने भी साथ दिया। उनके मनमोहक प्रदर्शन ने सभी उपस्थित लोगों के दिलों को छू लिया और पूरे कार्यक्रम स्थल पर उत्साह का माहौल छा गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्रों ने पर्यावरण को संरक्षित रखने और पटाखों का उपयोग न करने का संदेश भी दिया। अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से उन्होंने यह बताने का प्रयास किया कि दिवाली को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाना कितना महत्वपूर्ण है। इस संदेश ने सभी में जागरूकता पैदा की और दिवाली के पारंपरिक त्योहार को हानिरहित तरीके से मनाने की प्रेरणा दी।
प्रधानाचार्या श्रीमती रीना तिवारी का संबोधन और जागरूकता का संदेश
कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती रीना तिवारी ने सभी छात्रों और उनके अभिभावकों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने दीपोत्सव की महत्ता और उसके मूल्यों पर जोर दिया। उन्होंने बच्चों से अपील की कि वे पटाखों का उपयोग न करें, क्योंकि इससे पर्यावरण और जनस्वास्थ्य को नुकसान होता है। उन्होंने छात्रों को यह भी प्रेरित किया कि वे इस दीवाली पर एक नई शुरुआत करें और दूसरों की मदद करने का संकल्प लें।
प्रधानाचार्या ने सभी छात्रों और उनके परिवारों को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों में भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति प्रेम और सम्मान बढ़ता है, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
विद्यालय प्रबंधक श्री सूरज सिंह का योगदान
विद्यालय के प्रबंधक श्री सूरज सिंह ने इस आयोजन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने छात्रों और अभिभावकों को उत्सव का हिस्सा बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का ध्यान रखा और कार्यक्रम के सुचारू संचालन में योगदान दिया। उन्होंने छात्रों को यह संदेश भी दिया कि दीवाली का असली अर्थ एकता, प्रेम और सद्भावना में है, और हमें इसे सादगी और पारंपरिक तरीकों से मनाना चाहिए।
इस आयोजन के माध्यम से विद्यालय ने एक ऐसा मंच प्रदान किया, जिसमें छात्रों ने न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया बल्कि टीमवर्क, अनुशासन और एक-दूसरे के प्रति सम्मान जैसे महत्वपूर्ण जीवन मूल्यों को भी सीखा।